प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्मार्ट मीटर लगाए जाने के मामले में बोले औरंगाबाद के जिलाधिकारी
अजय कुमार पाण्डेय :
औरंगाबाद: (बिहार) बुधवार दिनांक - 25 सितंबर 2024 को समाहरणालय स्थित अपने सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्मार्ट मीटर लगाए जाने के मामले में औरंगाबाद के जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि लोगों को भ्रांति है, कि स्मार्ट मीटर लगने से हमारा बिजली बिल ज्यादा आएगा. जब मन होगा, बिजली कट जाएगी, तो हम उस भ्रांति को दूर करना चाहते हैं. जिस तरह हम लोग मोबाइल को रिचार्ज करते हैं. बस वही चीज है. स्मार्ट मीटर को भी हम लोग को रिचार्ज करना पड़ता है. हम राशि जमा कर देंगे, और फिर हम उसको आराम से यूज करते रहेंगे. जो रीडिंग पॉवर मीटर की होती है. वही रीडिंग इसकी भी होती है. यह अटेस्टेड है. शहरों में लोग लगा चुके हैं. चूंकि पंचायत में हमारे ग्रामीण इलाकों में यह पहली बार काम हो रहा है.
इसीलिए उसकी जानकारी पूरी तरह से हो सकता हो, की नहीं हो. इसीलिए वो संकोच कर रहे हैं, कि हमारा बिजली कट जाएगा, या मीटर ज्यादा चलने लगेगा. मेरा बिजली बिल अधिक आने लगेगा. इसलिए मैं आप लोगों के माध्यम से बताना चाहता हूं, कि सरकार जो भी कार्य करती है. पब्लिक के हित में कार्य करती है. जनहित में कोई कार्य करती है. इसीलिए सरकार अगर ये कार्य कर रही है, तो जनहित का ही ये काम है. केवल जो गलतफहमियां है. उस गलतफहमियों को हम लोग को दूर कर देना है उनको. कहीं इसमें कोई इश्यू नही है. शहरों में लग चुका. अब हमें गांवों में भी लगा लेना पड़ेगा. चुकी सरकार को जब सही राशि मिलेगी. तभी सही बिजली मिलेगी. जो बिजली हम खपत करते हैं. उसकी देनदारी हमारी बनती है, ताकि बिहार - सरकार 20 से 22 घंटे बिजली गावों में दे रही है. शहरों में 23 - 24 घंटा बिजली वी मिल रही है, तो तभी संभव हो पाएगा. जब उसका सही उपयोग हम लोग करें, और सही जो राशि होती है. वो राशि हम लोग सरकार को भुगतान करें.
इसके बाद जिला पदाधिकारी ने कहा कि अब पंचायतों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है. पूरे स्टेट में 55 लाख स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है. राज्य स्तर में. अब मैं औरंगाबाद जिला की बात करूं, तो 40 हज़ार से अधिक स्मार्ट मीटर लगाएं जा चुके हैं. ज्ञात हो कि आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संवाददाता ने जब जिला पदाधिकारी, श्रीकांत से सवाल पूछा कि स्मार्ट मीटर लगाने में सभी स्थानों पर विरोध तो हो ही रहा है. जनता का कहना है, कि सरकार सिर्फ कंपनी को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है. जनता से कोई लेना-देना नहीं है.
तब जिला पदाधिकारी ने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि देखिए सरकार कोई भी कार्य करती है. जनहित में करती है. सरकार की पॉलिसी में यह आ गया है, कि सभी घरों को जो पुराने मीटर है. स्मार्ट मीटर में बदल देना है. इसलिए सभी घरों में ये लगाना है. ज्ञात हो कि आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिला पदाधिकारी ने जो कहा कि बिहार - सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 22 घंटा तथा शहरों में 23 से 24 घंटा बिजली दे रही है.
इसी मुद्दे पर जब संवाददाता ने जिला पदाधिकारी से कहा कि औरंगाबाद शहर में तो बिजली विभाग द्वारा मनमानी तरीके से कब कितनी देर के लिए बिजली काट दी जाती है. इसका कोई समय ही निर्धारित नहीं होता है. जिसका समर्थन हॉल में बैठे हुए कई संवाददाताओं ने भी किया. ज्ञात हो कि इसी हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता, दीपक जी भी मौजूद थे.