घोर पेयजल संकट के मुद्दे पर बोले सत्तारुढ़ दल के सचेतक व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश कुमार
नगर परिषद क्षेत्र औरंगाबाद एवं जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्पन्न घोर पेयजल संकट के मुद्दे पर बोले सत्तारुढ़ दल के सचेतक व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश कुमार

औरंगाबाद: (बिहार) नगर - परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद के साथ-साथ जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्पन्न घोर पेयजल संकट के मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल के सचेतक व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश कुमार ने भी रविवार दिनांक - 21 मई 2023 को संवाददाता से हुई मुलाकात के पश्चात मुख्यालय स्थित अपने आवास पर खुलकर पक्ष रखा है.
ध्यातव्य हो कि संवाददाता ने कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक से हुई मुलाकात के बाद जब सवाल पूछा कि खासकर नगर परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद शहर के बगल में ही स्थापित श्री सीमेंट प्लांट की वजह से मुख्यालय के लगभग सभी 33 वार्डों में पानी की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है. साथ ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शामिल नबीनगर विधानसभा क्षेत्र, नगर पंचायत रफीगंज, भगवान भास्कर की नगरी देव के ग्रामीण क्षेत्र एवं कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में भी इन दिनों पानी की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि जिले वासियों में चर्चा अनुसार औरंगाबाद में स्थापित श्री सीमेंट प्लांट ने सरकारी एकरारनामा के विरुद्ध कार्य करते हुए बृहत सोननद से पाइप लाइन द्वारा पानी लाने तथा रिजर्व करने के बजाय अपने ही कैंपस में हजारों फीट तक कई समरसेबल बोरिंग करवा चुका है. जिसके वजह से नगर परिषद क्षेत्र औरंगाबाद के अलावे विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्रामीण जनता पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं.
खासकर औरंगाबाद शहर में तो 400 - 500 फिट तक कई स्थानों पर समरसेबल बोरिंग करने के बावजूद भी समरसेबल बोरिंग फेल हो जा रहा है. समरसेबल बोरिंग करने वाला मिस्त्री कह रहा है, कि अब इससे अधिक समरसेबल बोरिंग हो ही नहीं पाएगा. क्योंकि चाहे तो समरसेबल बोरिंग करने वाला मिस्त्री यह कह दे रहा है, कि बोर बैठ जा रहा है, या फिर यह कह रहा है कि सिर्फ पत्थर ही मिल रहा है. इसलिए यहां पर समरसेबल बोरिंग करना संभव ही नहीं है. ऐसी परिस्थिति में औरंगाबाद जिले की जनता पानी के मामले में तबाह हो चुकी है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या करना चाहेंगे.
तब सत्तारूढ़ दल के सचेतक व कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश कुमार ने पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि देखिए हम ऐज जनप्रतिनिधि, जो पानी का घोर संकट है, और जल का दोहन हो रहा है. वो पहला तो है कि पूरे बिहार में इस तरह का संकट है, और औरंगाबाद में विशेष तौर पर अधिक है. खास करके आप श्री सीमेंट प्लांट की बात कर रहे हैं. तो श्री सीमेंट प्लांट का ये दो शिकायत बहुत जोरों से है. जनता का जो है.
पहला तो आपने कहा पानी का. पानी का यदि जल संकट है. यदि वो सच में बिहार इंडस्ट्रियल सीमेंट का जो मैनुअल हैं, नियम है. वो नियम में क्या है. और नियम मे यदि है, कि जहां से जल का स्रोत अधिक है. वहां से लेना है. ये आपके अनुसार भूमि के अंदर से ही पानी ले ले रहा है. तो ये तो जो बिहार इंडस्ट्रियल मैनुअल है. उसका उल्लंघन है. और इसको मैं आपके चैनल के माध्यम से ये कहना चाहता हूं, कि इसकी जांच होनी चाहिए, और इसका जांच करा करके यदि दोषी है. तो कार्रवाई होनी चाहिए.
दूसरा है, इनका वहां पर पोलूशन. पोलूशन इतना ज्यादा है कि वहां पर आबादी जो आसपास बसने वाली है. आज देखते-देखते औरंगाबाद का सारा जो है, आबादी अब इस तरफ आपका बस स्टैंड के बाद का आबादी ज्यादा विस्तार हो रही है. लेकिन उधर आबादी का विस्तार नहीं हुआ है. इसका मूल कारण है पोलूशन.
तब संवाददाता ने कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, राजेश कुमार से सवाल पूछा कि जिले वासियों का कहना है, कि श्री सीमेंट प्लांट की वजह से ही यहां औरंगाबाद में काफी जल दोहन हो रहा है. और महागठबंधन के नेताओं द्वारा भी सामूहिक रूप से एक प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन करके उपस्थित मीडिया कर्मियों के समक्ष अनुमानित आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है. उसमें कहा गया है, कि श्री सीमेंट प्लांट की वजह से ही प्रतिदिन लगभग 3,50,000 (साढ़े तीन लाख) लीटर पानी की खपत हो रही है, और प्रदूषण लेबल भी बढ़ता जा रहा है, तथा जाम की समस्या भी काफी उत्पन्न हो जाती है. जिसके वजह से जिला मुख्यालय औरंगाबाद से जाकर अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन पहुंचकर ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को भी काफी परेशानी हो है, क्योंकि जिला मुख्यालय औरंगाबाद से अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन तक चलने वाली वाहन भी काफी कम समय की मार्जिन से ही चलती है, और यदि ऐसी परिस्थिति में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाए. तब यात्रियों को ट्रेन तो छुट ही जाएगा.
तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक ने कहा कि देखिए जहां तक श्री सीमेंट प्लांट का मामला है, तो पिछले बार हमने भी सदन में उठाया था. और सदन में उठाने के बाद इसमें लीपापोती किया था.
तो मैं ये स्पष्ट रूप से कह दूं, कि यदि जल दोहन है. तो जल ही जीवन है. और यदि बिहार इंडस्ट्रियल मैनुअल में जल का स्रोत जहां से है. वहां से लेना है. और यदि ये जमीन से ले रहे हैं. तो ये विशुद्ध रूप से बिहार इंडस्ट्रियल मैनुअल का उल्लंघन है. तो सर्वप्रथम इसकी ये जांच होनी चाहिए. और हम लोग इस पर जांच के लिए जो है, यदि जरूरत पड़ेगी. तो जनता का यदि आवेदन आएगा. तब इस पर हम जांच के लिए उच्च - स्तरीय जांच की मांग करेंगे.
दूसरा है कि आपने कहा पोलूशन. तब पोलूशन तो हम लोग आते जाते खुद देख रहे हैं. कि कितना वहां पर पोलूशन है. तो प्रदूषण नियंत्रण के लिए ये हम लिखेंगे. बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को, कि आप जो है इसको पोलूशन की जांच करिए. इसका मानक क्या है. मानक के अनुकूल काम होनी चाहिए, और तीसरा आपने कहा जाम की समस्या. तो जाम में हम लोगों ने पिछले बार देखा था, कि जिला प्रशासन द्वारा जो है. एक बोर्ड लगी थी, जिसमें लिखा हुआ था कि इस एरिया में जितना भी, कोई भी गाड़ी पार्किंग होगी. तो उस पर जुर्माना लगेगी. लेकिन वो भी अभी तक अनुपालन नहीं हुआ. तो कहने का मतलब है मेरा स्पष्ट शब्द में, कि श्री सीमेंट प्लांट का जो है, विशुद्ध रूप से पानी का दोहन कर रहा है. तो इस पर जांच होनी चाहिए. कार्रवाई होनी चाहिए. और जांच में जो हमसे सहयोग लेना होगा. हम जांच के लिए सहयोग करेंगे.
तब संवाददाता ने कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक से सवाल पूछा कि इस बार औरंगाबाद जिला में सभी 06 विधायक महागठबंधन के हीं बने हुए हैं. इसके बावजूद भी यदि नियमों का अनुपालन नहीं हो पा रहा है, तो ये तो बहुत बड़ी दुखद बात है. तब कांग्रेस विधायक ने जवाब देते हुए कहा कि देखिए, ऐसी बात नहीं है. अनुपालन का जहां तक विषय है. तो अनुपालन चुंकि एक इंडस्ट्री है. इंडस्ट्री का जो है. वो जांच का विषय है. हम तो कह हीं रहे हैं, कि जांच करके, चुकी पब्लिक का यदि कष्ट है. और हमारी सरकार तत्पर है, कि पब्लिक की समस्या का कैसे निदान हो. लेकिन जब तक इंटरनल सामने नहीं आ जाती है. तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा.
ध्यातव्य हो कि जिले वासियों एवं जनप्रतिनिधियों का भी कहना है कि औरंगाबाद शहर के बगल में स्थापित श्री सीमेंट फैक्ट्री के लिए सरकारी एकरारनामा के मुताबिक बृहत सोननद से ही पानी पाइप लाइन के द्वारा पानी लेकर रिजर्व करना है. लेकिन सरकारी एकरारनामा के विरुद्ध कार्य करते हुए अपने कैंपस के अंदर ही हजारों फीट तक अंधाधुंध कई समरसेबल बोरिंग करवा चुका है. इसी वजह से औरंगाबाद शहर के साथ-साथ जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है.
-अजय कुमार पाण्डेय