अपने ‘‘परम मित्र’’ अडानी को बचाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी लोकतंत्र का गला घोट रहे हैं। * आदरणीय श्री राहुल गांधी जी को निशाना बनाया गया है क्योंकि उन्होंने मोदी जी से अडानी के बारे में पूछा।

अपने ‘‘परम मित्र’’ अडानी को बचाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी लोकतंत्र का गला घोट रहे हैं।  * आदरणीय श्री राहुल गांधी जी को निशाना बनाया गया है क्योंकि उन्होंने मोदी जी से अडानी के बारे में पूछा।

प्रमोद तिवारी, सांसद, उप नेता, राज्य सभा एवं सदस्य, स्टीयरिंग कमेटी ने भा.ज.पा. सरकार से सवाल पूछा है कि क्या अडानी की शेल कंपनियों में रु. 20,000 करोड (बीस हजार करोड़ रुपये) अथवा 3 बिलियन डॉलर है ? इतनी बड़ी धनराशि अडानी स्वयं कमा नहीं सकते क्योंकि वे इंफ्रास्ट्रक्चर में है, इतनी बड़ी धनराशि कहां से आयी ? यह किसका काला धन है ? ये शेल कंपनियां किसकी है ? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही है, तो कोई क्यों नहीं जानता ? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है, वह चीनी नागरिक कौन है ?

श्री तिवारी ने जानना चाहा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी का अडानी से क्या रिश्ता है? रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिये गये बयानों के संदर्भ में, बांग्लादेश में दिये गये बयानों के संदर्भ में और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन के साथ बैठे हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं अडानी की तस्वीरे है, जिन्होंने कथित तौर पर 1 बिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृृत किया था। इसके पुख्ता सुबूत हैं।

आदरणीय श्री राहुल गांधी जी और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष माननीय श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा अडानी के संदर्भ में सदन में दिये गये भाषणों के महत्वपूर्ण अंशों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। यही नहीं अडानी के घोटाले के संदर्भ में जब आदरणीय श्री राहुल गांधी जी ने संसद में भाषण दिया था और सरकार से सवाल किया था तो उसके 9 दिन बाद श्री राहुल  गांधी जी के खिलाफ मानहानि का प्रकरण फिर शुरू हो गया।

आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब संसद के बजट सत्र को सत्तारूढ़ पार्टी (भारतीय जनतापार्टी) के मांत्रियों और सांसदों द्वारा बाधित किया जा रहा है। जबकि संपूर्ण विपक्ष इस प्रकरण की J.P.C (संयुक्त संसदीय समिति) की जाँच चाहता है।श्री तिवारी ने कहा कि आदरणीय श्री राहुल गांधी जी ने मा.अध्यक्ष लोक सभा को दो बार लिखित रूप से अनुरोध किया कि उन्हें सदन में जवाब देने दिया जाय, और तीसरी बार मा. अध्यक्ष, लोक सभा से मिलकर भी अनुरोध किया किन्तु इसके बावजूद भी उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया गया। इससे साफ हो जाता है कि माननीय प्रधानमंत्री जी नहीं चाहते है कि अडानी से उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो, और स्थिति देश के सामने आये।

श्री तिवारी ने कहा कि अडानी प्रकरण पर ध्यान भटकाने की कवायद भा.ज.पा. सरकार के निम्नलिखित 3 झूठे आरोपों से स्वयं साबित होती है:-

पहला-  सर्वप्रथम उन्होंने दावा किया कि आदरणीय श्री राहुल गांधी जी ने में ‘विदेशी ताकतों’’ से भारत की मदद करने के लिये कहा था, यह एक सफेद झूठ है यदि कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें तो उन्होंने कहा था कि ‘‘यह भारत का अंदरूनी मामला है हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम हैं।’’

दूसरा-  भारतीय जनतापार्टी अब झूूॅठा हौवा खड़ा कर रही है कि श्री राहुल गांधी जी ने ओ.बी.सी. को मात्र इसलिये निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी से एक सवाल किया था। ध्यान भटकाने का यह एक और हथकण्डा है, जो व्यक्ति देश में एकता फैलाने के लिये ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ में 4000 किमी. पैदल चला हो, वह कैसे एक समुदाय विशेष को निशाना बना सकता है ?

तीसरा- सूरत (गुजरात) की एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के अंदर भारतीय जनता पार्टी ने आदरणीय श्री राहुल गांधी जी की लोक सभा की सदस्यता को रद्द करने के लिये ‘‘बिजली की गति’’ से काम किया, जबकि माननीय न्यायालय ने उन्हें माननीय उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। आखिर भारतीय जनता पार्टी सरकार श्री राहुल गांधी जी से इतना डरती क्यों हैं ? कुछ तो बात है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे. पी. नड्डा जी की ओ.बी.सी. समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट रूप से हताशा साबित हुई।

सबसे पहला- आदरणीय श्री राहुल गांधी जी द्वारा दिये गये बयान में यह पूछा गया था कि कुछ चोरों का एक ही ‘‘उपनाम’’(नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) ही क्यों है? उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि ‘‘सारे मोदी चोर’’ हैं। उन्होंने किसी समुदाय विशेष को कतई निशाना नहीं बनाया।

दूसरा- न तो नीरव मोदी ओ.बी.सी. हैं, और न ही ललित मोदी ही ओ.बी.सी. हैं, उनकी चाहे जो भी जाति हो क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की है? आखिर भारतीय जनतापार्टी सरकार धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचातीसरा- कांग्रेस पार्टी में 2 ओ.बी.सी. मुख्यमंत्री हैं, इससे यह साबित होता है, इससे साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी ओ.बी.सी. के योगदान को महत्व देती है।

श्री तिवारी ने कहा है कि ‘‘भारत जोड़ों यात्रा’’ के दौरान हम सीधे लोगों के पास गये, उनकी चिंताओं उनकी परेशानियों को सुना और जाना। महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक असामनता और संस्थानों पर कब्जा किया जाना, इन सब मुद्दों को हमने उठाया।  हम लोगों के इस मुद्दों को उठाते रहें हैं और आगे भी उठाते रहेंगे, हम संदेश सीधे देश की महान जनता तक पहुंचाते रहेंगे । आदरणीय राहुल गांधी जी और हम सभी कांग्रेस जन इससे डरने वाले नहीं हैं।

श्री तिवारी ने कहा है कि मानहानि के अपराध के लिये आजाद भारत के इतिहास में अभी तक किसी को भी अधिकतम 2 साल की सजा नहीं मिली है। भारतीय  जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता के साथ निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भा.ज.पा. सांसद श्री आर.के. पटेल को नवम्बर माह में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिये दोषी ठहराया गया था किन्तु उन्हें केवल 1 (एक) साल की जेल हुई थी।

श्री तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को या तो राजद्रोह या फिर जेल के मामले में अंग्रेजों ने सजा दी। किंतु अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की।

अब ‘‘मोदी सरकार’’ चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिये आदरणीय श्री राहुल गांधी जी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लोकतांत्रिक ढंग से अहिंसात्मक से इसके लिए संघर्ष करेगी और फिर जीत हासिल करेगी।

Editor cum Bureau chief. 

Lucknow