औरंगाबाद: ( बिहार ) पूर्व में किसी भी गांव की जनता कहती थी, कि शहर में बच्चे रहेंगे, तो अच्छे माहौल मिलेंगे! बच्चे अच्छे विद्यालयों में नामांकन कराकर पढ़ाई – लिखाई करेंगे! शहर में रहेंगे, तो सारी सुख – सुविधाएं मिलेगी! लेकिन आज नगर परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद का हाल इतना अधिक बेहाल है, कि अब जिला मुख्यालय का शहर औरंगाबाद में लोग रहना भी पसंद नहीं करते हैं, और लोग कहते हैं कि इससे बेहतर तो हम लोगों का देहात में ही गांव था, कि हमेशा खुले इलाका में रहते थे! प्रदूषण मुक्त स्वच्छ हवा मिलती थी, और जीवन भी खुशहाल था! लेकिन अब हम लोग औरंगाबाद शहर में आकर के / अपना मकान बना करके तो और बेकार फँस गए, क्योंकि औरंगाबाद शहर के अधिकांश वार्ड में ना तो कभी भी झाडू मरवा कर गली की सफाई करवाई जाती है! ना ही कभी डी.डी.टी का छिड़काव होता है, और ना ही कभी भी बढ़ते हुए मच्छर के प्रकोप से निजात पाने हेतु नगर – परिषद द्वारा धुआँ का मशीन चलवाया जाता है! इसलिए दिन में काम करने वाले लोग कभी रात्रि में भी अच्छी तरह से नहीं सो पाते हैं! जिसके वजह से उन्हें हमेशा आलस्य सताते रहता है, या तो फिर नींद हीं आने लगती है!
ज्ञात हो कि ऐसे ही उदाहरण के तौर पर मैं अपनी लेखनी के माध्यम से ही प्रस्तुत करना चाहता हूं, कि नगर – परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद का चर्चित कर्मा रोड, पुलिस लाइन का जो रोड है!
इसी रोड के पश्चिम दिशा में महावीर नगर, वार्ड नंबर – 02 पड़ता है! जहाँ कभी भी गली में ना तो झाड़ू मरवा कर गली की साफ सफाई करवाई जाती है! ना कभी भी डी.डी.टी. का छिड़काव कराया जाता है, और ना ही कभी भी धुआँ का मशीन चलवाया जाता है! जिसके कारण महावीर नगर, वार्ड नंबर – 02 की भोली – भाली जनता हमेशा नारकीय जीवन जीने के लिए ही मज़बूर है!
साथ ही यही चर्चित कर्मा रोड और महावीर नगर, वार्ड नंबर – 02, से निकलकर जो मुख्य गली रामनगर बिगहा / पासवान चौक होते हुए सीमेंट फैक्ट्री / दाउदनगर – पटना मुख्य पथ के पास मिलती है! उस मुख्य पथ पर भी कुछ दिन पूर्व बरसात के दिनों में जे.सी.बी. मशीन से नाला निर्माण कराने के नाम पर गद्दा खुदवा दिया गया था! जिसका रामनगर वासियों ने जमकर विरोध – प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंच गए थे।
इसके बाद रामनगर बिगहा की ओर से दाउदनगर – पटना मुख्य पथ पर जाकर मिलने वाली पथ पर बन रहे नाला का कार्य रोक दिया गया था! जिसके वजह से आज तक इस मुख्य पथ पर खुदवाया गया गड्ढा जस की तस ही है, और इस मुख्य पथ पर आम लोगों को पैदल चलना भी दुर्लभ हो गया है! ज्ञात हो कि रामनगर वासियों का विरोध प्रदर्शन के दौरान कहना था, कि इस पथ पर बना रहे नाला का कार्य बंद करो, नहीं होने देंगे काम! तभी इस मुख पथ पर बना रहे नाला का कार्य बंद कर दिया गया था!
इसके अलावे पी.एच.डी. कॉलोनी के पास कृष्णा नगर मोड़ तथा औरंगाबाद शहर का हार्ट माने जाने वाला धर्मशाला मोड के पास भी वही स्थिति है, कि हमेशा कूड़ा – कचरा का ही अंबार लगा हुआ दिखाई देता है! जबकि धर्मशाला मोड़ के समीप ही आस्था का प्रतीक चर्चित तीन मंदिर है! जिसमें प्रथम गणेश मंदिर, द्वितीय हनुमान मंदिर ट्रस्ट तथा तृतीय दुर्गा मंदिर भी शामिल है! साथ ही धर्मशाला मोड़ के समीप बने हुए चर्चित हनुमान जी का जो मंदिर है!
वही मंदिर के मुख्य द्वार पर ही दबंगता की आड़ में फल का ठेला लगाकर सालों भर लोग दुकानदारी करते हैं! वहां पर लोग जूठा गिराते हैं, और श्रद्धालु भक्त उसी जूठे पर चढ़कर प्रतिदिन हनुमान जी के मंदिर में दर्शन – पूजन करने जाते हैं! जिसके लिए मंदिर कमेटी के लोगों ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, नगर थाना तथा जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद को भी काफी दिन पूर्व लिखित आवेदन देकर कहा है, कि धर्मशाला मोड़ के समीप बने हुए एवं आस्था का प्रतीक माना जाने वाला हनुमान जी के मंदिर के पास जो मुख्य द्वार पर फल की दुकाने लगाई जाती है! उसे जल्द से जल्द हटवाया जाए! वर्ना कभी भी माहौल खराब हो सकता है, और कभी भी शांति – व्यवस्था भंग हो सकती है!
इसके बावजूद भी आज तक धर्मशाला मोड़ के पास बने हुए चर्चित हनुमान मंदिर ट्रस्ट के पास से फल की दुकाने नहीं हटवाई गई है! जो गंभीर चिंता का विषय तो है ही!
ज्ञात हो कि धर्मशाला मोड़ स्थित चर्चित हनुमान मंदिर के पास जो मंदिर प्रतिदिन फल की दुकान लगवाई जाती है! उसके संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मंदिर नहीं रह गया है, बल्कि अब यहां पर फल का मंडी बना दिया गया है!
अंत में मैं अपने पाठकों को बता देना चाहता हूं, कि नगर – परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद के मुख्य शहर में सिर्फ धुआँ का मशीन उसी वक्त चलवा कर दिखाया जाता है!
जब औरंगाबाद में माननीय मुख्यमंत्री, माननीय प्रधानमंत्री या फिर माननीय उच्च – न्यायालय के इंस्पेक्टिंग जज का आगमन होना होता है, और भीषण गर्मी के वक्त कभी-कभी मुख्य शहर के अंदर ही टैंकर से भी पानी का छिड़काव कराकर दिखाया जाता है, ताकि यह शहर वासियों को लगे कि औरंगाबाद शहर में नगर परिषद, द्वारा भीषण गर्मी में पानी का छिड़काव कराया गया है!
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.