अपनाने की यात्रा को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। 2- “डिजिटल समावेशन का भविष्य: AI, FinTech और आगे” – जिसमें उभरती तकनीकों जैसे AI-आधारित उपकरण, मोबाइल बैंकिंग, UPI और माइक्रोफाइनेंस ऐप्स के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की वित्तीय पहुँच में आए परिवर्तन पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में डेटा गोपनीयता, पहुंच, और समावेशिता जैसे नैतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
सेमिनार में बिमटेक द्वारा चलाए जा रहे यूरोपीय संघ वित्तपोषित प्रोजेक्ट “KODECET” और “AIDEdu” के तहत संस्थान की समावेशी एवं सतत विकास में भूमिका पर विशेष सत्र प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त “ISDM डेटा साइट का उपयोग” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन, प्रमाणपत्र वितरण और खुले मंच पर विचार साझा करने के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने डिजिटल सशक्तिकरण के साझा उद्देश्य को लेकर सार्थक चर्चाएं और नेटवर्किंग की।
यह आयोजन ICSSR शोध अनुदान ‘विजन विकसित भारत@2047 परियोजना’ के अंतर्गत, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ और इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (ISDM) के सहयोग से किया गया।
स्व. बसंत कुमार बिड़ला एवं सरला बिड़ला की प्रेरणा से संचालित बिमटेक ने प्रबंधन शिक्षा में नवाचार की मिसाल कायम की है। संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न विशेषीकृत पाठ्यक्रम—जैसे PGDM, PGDM-IB, PGDM-RM, PGDM-IBM, PGDM-Online, FPM एवं EFPM—छात्रों को वैश्विक नेतृत्व के लिहाज से तैयार करते हैं। हाल ही में प्राप्त AACSB मान्यता के साथ बिमटेक विश्वस्तरीय B-स्कूलों की अग्रिम पंक्ति में सम्मिलित हो गया है। 8000 से अधिक पूर्व छात्रों के सशक्त वैश्विक नेटवर्क के साथ यह संस्थान प्रबंधन शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक बन चुका है।