औरंगाबाद (बिहार) : यदि अपने जीवन में किसी भी व्यक्ति को कुछ कर दिखाने की जज्बा हो या किसी महान व्यक्ति से प्रेरणा लेकर कुछ कर दिखाने का जूनून सवार हो जाए, तो सफलता एक न एक दिन निश्चित मिलती ही है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी सिद्धांत पर चलते हुए औरंगाबाद जिला अंतर्गत कोसडिहरा गांव निवासी मोहम्मद शोएब ने भी सबके सामने एक नया उदाहरण पेश करने का काम किया है।मोहम्मद शोएब ने बचपन से ही मन लगाकर पढ़ाई की तथा औरंगाबाद स्थित डी.ए.वी. स्कूल से शुरुआत कर मास्टर इन एरोस्पेस तक की पढ़ाई पूरी की।
पढ़ाई के दौरान औरंगाबाद में जिलास्तरीय प्रशासनिक पदाधिकारी ने भी उन्हें सम्मानित किया था। इसके बाद भारत सरकार के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन के नाम से दुनियाभर में मशहूर हो चुके स्वर्गीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी से प्रेरणा लेकर तथा बचपन से शौक रखने वाले मोहम्मद शोएब ने भारत डायनामिक्स में पी.ई./पी.ओ. के पद पर सफलता हासिल की और वर्तमान में कार्यरत हैं। यह संस्थान भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस ऑर्गनाइजेशन में मिसाइल, अग्नि, आकाश, डिफेंस इक्विपमेंट, अम्मूनिशन और मिसाइल सिस्टम का निर्माण भी किया जाता है।
इस उपलब्धि को प्राप्त करने के बाद जब संवाददाता की मुलाकात मोहम्मद शोएब से औरंगाबाद में हुई, तब बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि मुझे शुरू से ही शौक था कि एरोस्पेस में करियर बनाऊं। इसमें मेरे पिता अब्दुल वहाब एवं मेरी माँ कहकशां बानो दोनों ने काफी सहयोग किया है। इसलिए मैं यह सारा श्रेय अपने पिता एवं माँ को ही देता हूं।
ज्ञात हो कि उन्हें यह प्रेरणा भारत सरकार के पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन के नाम से दुनियाभर में मशहूर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से ही मिली है। मोहम्मद शोएब ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल स्किल्स एंड डेवलपमेंट के सदस्य भी हैं। साथ ही आई.ई.आई. (भारत) के एसोसिएट मेंबर भी हैं, जो एक प्रमुख वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संगठन है। 2025 में ही डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारतीय रत्न सम्मान से भी मोहम्मद शोएब को सम्मानित किया गया है।
इस सफलता से पूर्व भी मोहम्मद शोएब ने अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की थी, जैसे: जे.ई.ई., इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैरीटाइम, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एरोनॉटिकल साइंस इत्यादि। हाल ही में मोहम्मद शोएब को कोचीन शिपयार्ड में प्रोजेक्ट ऑफिसर के पद पर भी चयनित किया गया है, जिसकी रक्षा क्षेत्र में काफी अहम भूमिका है। यह शिपयार्ड जहाज निर्माण, भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत, विमान वाहक तथा अन्य रक्षा जहाजों का भी निर्माण करता है।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.