खुर्शीद आलम
मुज़फ्फरपुर (बिहार): मुजफ्फरपुर शहर के पक्की सराय वार्ड नंबर 40 एवं 43 में नई बाज़ार सब्जी मंडी अवस्थित है। इसके चारों तरफ घनी आबादी है। यह मंडी लगभग पाँच सौ मीटर लंबी है। इसमें फल एवं सब्ज़ी की दुकानों के अलावा गल्ला, मीट-मुर्गा तथा मसालों का भी व्यापार होता है।
गौरतलब है कि ये दुकानें सड़कों के किनारे ही लगती हैं, जिसके कारण आमजन को आवाजाही में काफी परेशानी होती है। आवारा पशुओं के कारण जाम की भी समस्या बनी रहती है और कई बार दुर्घटनाएँ भी हो चुकी हैं। हाल ही में एक पालतू कुत्ते के घूमने को लेकर दो लोगों के बीच काफी कहासुनी हो गई थी।
इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय भाजपा नेता खुर्शीद आलम और अन्य बुद्धिजीवी लोगों के हस्तक्षेप से विवाद को सुलझा लिया गया। इस पर खुर्शीद आलम ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि नगर निगम या तो इस मंडी को कहीं और शिफ्ट करे, या फिर इसे व्यवस्थित कर नियमित करे और टेंडर प्रक्रिया के तहत निगम के अधीन लाया जाए।
खुर्शीद आलम ने कहा कि यहां के दुकानदारों का शोषण हो रहा है। मकान मालिक चुंगी के नाम पर सब्ज़ी लेते हैं और पैसे की माँग करते हैं। पैसे न देने पर विवाद की स्थिति बन जाती है। अधिकांश दुकानदार किसान हैं, जो आस-पास के ग्रामीण इलाकों से फल और सब्ज़ी बेचने आते हैं।
यदि नगर निगम इस मंडी को व्यवस्थित कर दे या किसी और जगह शिफ्ट कर दे, तो न केवल दुकानदारों का भला होगा बल्कि नगर निगम को भी राजस्व मिलेगा। साथ ही, क्षेत्र में जाम और गंदगी की समस्या से भी निजात मिलेगी।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय / ग़ज़नफ़र इक़बाल.