युवा वर्ग की उपेक्षा और भ्रष्टाचार से चिंतित Gen z

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जेन जेड पीढ़ी में उन लोगों को शामिल किया जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं। यह पीढ़ी पूरी तरह से डिजिटल युग में पली-बढ़ी है, और इंटरनेट, स्मार्टफोन, और सोशल मीडिया के साथ बड़ी हुई है। जेन जेड पीढ़ी की आधुनिक सोच के साथ विकास चाहती है। जेन जेड पीढ़ी डिजिटल तकनीक के साथ बड़ी हुई है, और इंटरनेट, स्मार्टफोन, और सोशल मीडिया का उपयोग करने में सक्षम है। जेन जेड पीढ़ी सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक है, और पर्यावरण, समानता, और न्याय के लिए लड़ने के लिए तैयार है। जेन जेड पीढ़ी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की महत्ता को समझती है, और अपने जीवन को अपने तरीके से जीने की कोशिश करती है। जेन जेड पीढ़ी करियर के प्रति बहुत सचेत है, और अपनी मर्जी के मुताबिक काम भी करते है। इनको ज्यादा रोका-टोकी भी पसंद नहीं है। अगर इन्हे खाने के लिए किसी खास जगह पसंद है तो यह कई किलो मीटर पैदल चलकर भी पहुंच जाते है। और अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखती है। यह पीढ़ी अपने करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने को तैयार है, और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।

काम ज़रूरी है — लेकिन यही सब कुछ नहीं है। पुरानी पीढ़ियों के विपरीत, जो अक्सर काम को अपनी पहचान का एक अहम हिस्सा मानते थे, जेनरेशन ज़ेड दोस्तों और परिवार को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है, जबकि काम दूसरे नंबर पर आता है। यह अनुमान लगाया जाता है कि जनरेशन जेड 18 से 34 वर्ष की आयु के बीच लगभग 10 बार नौकरी बदलेगा। इस उच्च बदलाव के लिए विभिन्न कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें कैरियर की गलत अपेक्षाएं, तेजी से कैरियर में प्रगति की इच्छा और सार्थक काम की तलाश शामिल है।

Gen Z देश-विकास ( नेपाल) के प्रति दृष्टिकोण भ्रष्टाचार, नेपोटिज़्म और पारदर्शिता की मांग, युवा वर्ग के लिए सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी से चिंतित है। सोशल मीडिया बैन जैसे कदमों ने बहुत विरोध खड़ा किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कदम सत्ता में बैठे लोगों की संवैधानिक या अनैतिक गतिविधियों को छिपाने या आलोचना से बचने के लिए हैं।

सम्मिलित एवं न्यायपूर्ण विकास युवाओं की यह चाहत है कि विकास सभी वर्गों, जातियों, लिंगों और क्षेत्रों (ग्रामीण / शहरी) में समान हो। जिन इलाकों को पिछड़ा माना जाता है, वहाँ शिक्षा, बुनियादी सुविधाएँ, स्वास्थ्य, इंटरनेट आदि जैसे संसाधनों की कमी देखी जाती है और इसे दूर करने की उम्मीद है। शिक्षा-व्यवस्था और कौशल विकास युवा चाहते हैं कि शिक्षा सिर्फ सैद्धांतिक न हो, बल्कि व्यावहारिक हो; कौशल डिजिटल टेक्निकल सीखने के अवसर हों। विद्यार्थी ऑनलाइन कोर्सेज, ICT, डेटा साइंस, AI जैसे क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करना चाहते हैं। नौकरी या स्वरोजगार के अवसर कम होने की शिकायत है।

बहुत से युवा विदेश या नौकरी के लिए बाहर जाने का सोचते हैं, क्योंकि नेपाल में या तो अवसर कम हैं या पारंपरिक सरकारी नौकरियाँ कोई आकर्षण नहीं है। Gen Z अच्छी तरह से जानती है कि टेक्नोलॉजी, डिजिटल प्लेटफार्म, सोशल मीडिया आदि सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं हैं, बल्कि शिक्षा, उद्यमिता, आवाज उठाने का माध्यम भी हैं। सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर नियंत्रण लगाने के कदमों से युवा बहुत चिंतित हैं क्योंकि यह उनके अभियानों, आज़ादी की अभिव्यक्ति, सूचना की स्वतंत्रता को प्रभावित करता है।कृषि नेपाल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है। युवा चाहते हैं कि कृषि में आधुनिक तकनीकें आएँ, उपज बढ़े, कृषि वाणिज्यिक बने। साथ ही ग्रामीण इलाकों में विकास हो, बुनियादी सुविधाएँ (सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट) पहुँचें।

जेन जी राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और शिक्षा संस्थाएँ सुधार की मांग पर हैं। युवाओं को शासन, नीति-निर्माण, विकास कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी चाहिए। वे चाहते हैं कि सरकार सुनती हो, निर्णय लेते समय युवाओं को शामिल रखें संस्थागत सुधार और राजनीतिक भागीदारी में समान सहभागिता रहे। राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और शिक्षा संस्थाएँ सुधार की मांग पर ये कायम हैं। युवाओं को शासन, नीति-निर्माण, विकास कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी चाहिए। वे चाहते हैं कि सरकार सुनती हो, निर्णय लेते समय युवाओं को शामिल करे।हां यदि अवसर नहीं मिलेंगे, तो युवा विदेश जाना पसंद करेंगे, इस तरह दक्षता बाहर निकल जाएगी। इसे देश के विकास के लिए बड़ी समस्या माना जा रहा है।

Gen Z सिर्फ पैसा कमाने के लिए काम नहीं करना चाहते, वे ऐसा करियर चाहते हैं जो समाज में बदलाव ला सके, चाहे वो पर्यावरण से जुड़ा हो या शिक्षा से जुडा़ हो। Gen Z जल्दी आत्मनिर्भर बनना चाहती है। वे 20-25 की उम्र तक अपना खुद का काम शुरू करने या कम से कम आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की कोशिश में रहते हैं। Gen Z की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं शिक्षा, स्किल्स और एक्सपीरियंस पर फोकस, ऑनलाइन कोर्स,करियर, लचीलापन, इनोवेशन, क्रिएटिविटी,व्यक्तिगत जीवन, मानसिक स्वास्थ्य,आत्म-जागरूकता, संतुलन, समाज, समानता, पर्यावरणीय जागरूकता, न्याय,व्यक्तिगत स्वास्थ्य संतुलन,समानता।

जेन जी पीढ़ी एक आधुनिक, डिजिटल, और सामाजिक रूप से जागरूक पीढ़ी है। यह पीढ़ी अपने करियर के प्रति सचेत है, और अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखती है। जेन जी पीढ़ी की विशेषताएं और सोच हमें यह समझने में मदद करती हैं कि यह पीढ़ी क्या चाहती है और क्या सोचती है। जेन जी पीढ़ी की विशेषताएं और सोच देश की प्रगति के लिए बहुत सही हो सकती हैं।

Gen z पीढ़ी का सकारात्मक पहलू यही है कि जेन जी पीढ़ी डिजिटल तकनीक के साथ बड़ी हुई है, जो उन्हें देश की डिजिटल प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकती है। जेन जी पीढ़ी सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक है, जो उन्हें देश की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकती है। जेन जी पीढ़ी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की महत्ता को समझती है, जो उन्हें अपने जीवन को अपने तरीके से जीने में मदद कर सकती है। जेन जेड पीढ़ी नवाचार और उद्यमिता के प्रति आकर्षित है, जो उन्हें देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकती है।

इन सभी सकारात्मक पहलुओं के साथ जेन जी के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। जेन जी पीढ़ी की डिजिटल साक्षरता देश के उन हिस्सों में रहने वाले लोगों के लिए एक चुनौती हो सकती है जहां डिजिटल सुविधाएं कम हैं। जेन जी पीढ़ी की सामाजिक जागरूकता देश की सामाजिक असमानताओं को कम करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह भी एक चुनौती हो सकती है अगर यह पीढ़ी सामाजिक न्याय के लिए लड़ने में असफल होती है। जेन जी पीढ़ी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की महत्ता को समझना एक अच्छी बात है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि यह पीढ़ी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सीमाओं को समझे और समाज के नियमों और मूल्यों का पालन करे।

जेन जी पीढ़ी की विशेषताएं और सोच देश की प्रगति के लिए बहुत सही हो सकती हैं। यह पीढ़ी डिजिटल साक्षरता, सामाजिक जागरूकता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, और नवाचार और उद्यमिता के प्रति आकर्षित है, जो देश की आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि यह पीढ़ी अपनी विशेषताओं और सोच के साथ-साथ देश की चुनौतियों और समस्याओं को भी समझे और उनका समाधान करने में मदद करे।

-सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” एवी के न्यूज सर्विस.

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