सांप्रदायिक सौहार्द पर एक और वार
25 सितंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 7 वर्षीय मासूम मुस्लिम बच्चा शाज़ेब अली की चाकू मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि हत्या शाज़ेब के ही पड़ोसियों—शैलेंद्र कुमार निगम (उर्फ मंटू) और राजा निगम—द्वारा की गई। इस जघन्य वारदात ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है।
शाज़ेब का शव एक बोरे में भरकर आरोपी के घर के मुख्य द्वार पर तार से लटका दिया गया था, जो इस अपराध की बर्बरता को दर्शाता है। मृतक के परिवार का कहना है कि हत्या में शैलेंद्र का पूरा परिवार शामिल है। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया कि इस घटना की जड़ें पुराने व्यापारिक और व्यक्तिगत विवादों से जुड़ी हो सकती हैं।
बच्चे के लापता होने की रिपोर्ट पहले ही दर्ज करवाई जा चुकी थी। इसी बीच परिवार को एक फिरौती भरा कॉल भी आया, जिससे यह मामला अपहरण की दिशा में जाता प्रतीत हुआ। लेकिन अगले ही दिन जो भयावह दृश्य सामने आया, उसने सबको स्तब्ध कर दिया।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान सिधारी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों आरोपी गोली लगने से घायल हो गए। उनके कब्जे से दो पिस्तौलें, जिंदा कारतूस और खाली कारतूस बरामद हुए। मृतक का पोस्टमॉर्टम आजमगढ़ मॉर्चुअरी में कराया गया।
इस घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिसे देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया है ताकि किसी भी तरह का सांप्रदायिक तनाव न फैले।
शाज़ेब एक प्रतिभाशाली छात्र था, जो न केवल अपने स्कूल बल्कि मदरसे में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करता था। उसकी मां ने बताया, “वह मेरी पुकार सुनते ही दौड़कर आ जाता था।” यह दर्दनाक घटना न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में बढ़ती नफरत, असहिष्णुता और हिंसा की तरफ भी संकेत करती है।
-ITN Desk.