औरंगाबाद (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सफल, निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्वाचन व्यय अनुश्रवण कोषांग के तत्वावधान में आज समाहरणालय परिसर स्थित योजना भवन, औरंगाबाद में नबीनगर, कुटुंबा एवं रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के वैध अभ्यर्थियों एवं उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं के लिए एक दिवसीय विस्तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता निर्वाचन व्यय लेखा कोषांग के नोडल पदाधिकारी श्री रवि रंजन आलोक ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए अपने चुनावी व्यय का संपूर्ण और पारदर्शी लेखा रखना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता ही लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति है और हर अभ्यर्थी को अपने सभी व्ययों का समय पर उचित संधारण करना चाहिए।
प्रशिक्षण के दौरान संबंधित सहायक व्यय प्रेक्षक ने अभ्यर्थियों को Financial Dossier (वित्तीय संचिका), व्यय लेखा संधारण, रसीद एवं वाउचर रखरखाव, तथा Suvidha App के माध्यम से व्यय रिपोर्टिंग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय संचिका में प्रचार सामग्री, वाहनों के उपयोग, जनसभाओं, रैलियों, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्रचार, पोस्टर-बैनर, पंपलेट आदि से संबंधित सभी खर्चों का उल्लेख अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने व्यय रजिस्टर का प्रतिदिन अद्यतन संधारण करना होगा। किए गए हर भुगतान की रसीद व प्रमाणपत्र संलग्न करना तथा तीन दिन के भीतर आवश्यक कार्रवाई पूर्ण करना जरूरी है। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा से अधिक खर्च होने की स्थिति में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी प्रभावित हो सकती है।
Accounting Team के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को व्यय प्रविष्टियों के नमूने दिखाते हुए समझाया कि खर्चों को कैसे श्रेणियों में विभाजित कर सुव्यवस्थित रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। सहायक नोडल पदाधिकारी गुंजन कुमार ने बताया कि चुनावी व्यय की निगरानी में Video Surveillance, Static Surveillance, और Expenditure Monitoring System (EMS) जैसे आधुनिक उपकरणों एवं सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है ताकि प्रत्येक खर्च का वास्तविक और पारदर्शी लेखा सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी अभ्यर्थियों को व्यय लेखा संधारण हेतु तीन सदस्यीय प्रमाणन समिति की सहायता प्राप्त होगी, जिससे किसी भी प्रकार की त्रुटि से बचा जा सके।
प्रशिक्षण में उपस्थित अभ्यर्थियों एवं अभिकर्ताओं ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें निर्वाचन व्यय प्रबंधन और रिपोर्टिंग की पूरी प्रक्रिया की स्पष्ट समझ मिली। प्रशिक्षण के समापन सत्र में प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए तथा उनके संदेहों का समाधान भी किया गया।
इस अवसर पर सहायक व्यय प्रेक्षक, लेखा प्रकोष्ठ के अधिकारी, निर्वाचन व्यय अनुश्रवण कोषांग के सदस्य, और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के वैध अभ्यर्थी एवं उनके निर्वाचन अभिकर्ता उपस्थित रहे। उपस्थित प्रतिभागियों में अशोक कुमार केसरी, अभिषेक तूनवाल, अमितेश कुमार, रूपेश कुमार, अखिलेश कुमार, रितेश कुमार, नीरज कुमार, प्रकाश कुमार, पुष्कर भारद्वाज, अनिल कुमार, पिंकेश कुमार, चंद्र सौरभ, अजय भैया, धर्मेंद्र रजवार, दूधेश्वर पासवान, मुकेश कुमार, अनिल राम, गुप्ता प्रसाद, प्रकाश कुमार, नरेंद्र कुमार, राम कौशल कुमार, वीर अभिमन्यु कुमार, श्याम बलिराम राम, जन्म राम, नेहा कुमारी, आशीष कुमार सोनी, प्रयाग पासवान, महेश्वर पासवान, उपेंद्र कुमार आदि शामिल थे।
अंत में सहायक नोडल पदाधिकारी गुंजन कुमार ने अभ्यर्थियों से अपील की कि वे निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करते हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ भाग लें। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक कदम है।
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.
