नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025: भारत-जापान संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीदें अब और मजबूत हो गई हैं। विदेश मंत्रालय ने 16 अक्टूबर को एक आधिकारिक बयान जारी कर वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी नगमा मोहम्मद मलिक को जापान में भारत की नई राजदूत नियुक्त किया।
1991 बैच की यह अधिकारी वर्तमान में पोलैंड में भारत की राजदूत के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभा रही हैं। मलिक जल्द ही टोक्यो पहुंचकर अपना नया पदभार संभालेंगी, जो भारत के पूर्वी एशिया में सबसे महत्वपूर्ण राजनयिक मिशनों में से एक है।
नगमा मलिक का राजनयिक सफर तीन दशकों से अधिक का है, जो विविधता और उत्कृष्टता से भरा पड़ा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने वाली मलिक ने अपनी आईएफएस यात्रा पेरिस से शुरू की, जहां उन्होंने भारतीय दूतावास और यूनेस्को में काम किया। बाद में, वे पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल के कार्यालय में पश्चिमी यूरोप डेस्क संभाल चुकी हैं। उनके विदेशी कार्यकाल में नेपाल और श्रीलंका में प्रथम सचिव व काउंसलर के रूप में सेवा, थाईलैंड में उप-प्रमुख मिशन (2010-2012), ट्यूनिशिया में राजदूत (2012-2015), ब्रुनेई दारुस्सलाम में उच्चायुक्त (2015-2018) और अब पोलैंड में राजदूत (2021 से) शामिल हैं।
घरेलू मोर्चे पर, मलिक ने विदेश मंत्रालय में उप-प्रवक्ता के तौर पर मीडिया संबंधों को मजबूत किया, नीति योजना प्रभाग का नेतृत्व किया और अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी व दक्षिणी हिस्सों के लिए अतिरिक्त सचिव रहीं। वे भारत की पहली महिला उप-प्रोटोकॉल प्रमुख भी रह चुकी हैं, जहां उन्होंने उच्च-स्तरीय विदेशी दौरों और समारोहों का कुशल संचालन किया। उनकी बहुभाषी क्षमता—अंग्रेजी, फ्रेंच, हिंदी, उर्दू और मलयालम—उन्हें वैश्विक मंचों पर एक मजबूत आवाज बनाती है।
कासरगोड (केरल) की जड़ों वाली नगमा मलिक का परिवार सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत से समृद्ध है। वे प्रसिद्ध कन्नड़ लेखिका सारा अबूबकर की भतीजी हैं, और उनके पिता मोहम्मद हबीबुल्लाह तथा मां सुलु भानु ने उन्हें कासरगोड की मिट्टी से जोड़े रखा।
दिल्ली में पली-बढ़ी मलिक कहती हैं, “दुनिया में कहीं भी जाऊं, मैं खुद को कासरगोड की बेटी ही कहती हूं—यह मेरी पहचान है।” निजी जीवन में, वे वकील फरीद इनाम मलिक से विवाहित हैं, और उनका एक बेटा व बेटी है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, संगीत और साहित्य में उनकी गहरी रुचि उन्हें एक संपूर्ण राजनयिक बनाती है।
यह नियुक्ति भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान तेजी से बढ़ रहा है। मलिक की विशेषज्ञता, खासकर एशियाई और यूरोपीय मामलों में, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में सहायक होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी अगुवाई में क्वाड पहल और आर्थिक सहयोग नई दिशा पा सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “नगमा मलिक जैसे अनुभवी राजनयिक की नियुक्ति से हमारी पूर्वी एशियाई कूटनीति और सशक्त होगी।” जापान में भारत के पूर्व राजदूत हरिंदर सिंह की विदाई के बाद यह बदलाव आया है। मलिक जापान की राजदूत बनने वाली दूसरी भारतीय महिला होंगी, जो लिंग समानता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
रिपोर्ट: ismatimes news desk.
