कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 30 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लद्दाख के लोगों के साथ “धोखा” करने का आरोप लगाया। उन्होंने लेह में 24 सितंबर को हुई पुलिस गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है। यह बयान लद्दाख में राज्यhood (पूर्ण राज्य का दर्जा) और संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के संदर्भ में आया है, जो हिंसा में बदल गए थे।
घटना का संक्षिप्त विवरण
क्या हुआ? 24 सितंबर 2025 को लेह में लद्दाख राज्यhood समिति (Leh Apex Body) द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान स्थिति बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी, पुलिस और सीआरपीएफ पर पथराव किया, और एक सीआरपीएफ वाहन को आग लगाने की कोशिश की। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने गोली चलाई, जिसमें चार लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
मृतकों में विशेष उल्लेख:
मृतकों में से एक त्सेवांग थारचिन (Tsewang Tharchin) थे, जो एक कर्गिल युद्ध (1999) के वीर सैनिक और सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात रह चुके थे। उनके पिता भी सेना में रहे हैं। राहुल गांधी ने थारचिन के पिता का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने भावुक होकर कहा कि देश सेवा का यह इनाम है क्या?
राहुल गांधी का पूरा बयान
राहुल गांधी ने X पर हिंदी में लिखा: “पिता फौजी, बेटा भी फौजी – जिनके खून में देशभक्ति बसी है। फिर भी BJP सरकार ने देश के वीर बेटे की गोली मारकर जान ले ली, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था। पिता की दर्द भरी आंखें बस एक सवाल कर रही हैं – क्या आज देशसेवा का यही सिला है?
हमारी मांग है कि लद्दाख में हुई इन हत्याओं की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो, और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
मोदी जी, आपने लद्दाख के लोगों के साथ धोखा किया है। वे अपने अधिकार मांग रहे हैं, उनसे बात करो – हिंसा और डर की राजनीति बंद करो।”
उन्होंने थारचिन के पिता का वीडियो भी संलग्न किया, जिसमें दुखी पिता अपने बेटे की शहादत पर सवाल उठा रहे हैं।
पृष्ठभूमि और राजनीतिक संदर्भ
लद्दाख की मांगें:
2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने के बाद से लद्दाख के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा, विधानसभा बहाली, और छठी अनुसूची (आदिवासी क्षेत्रों के लिए संरक्षण) की मांग कर रहे हैं। वे आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार ने इन वादों को पूरा नहीं किया।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
कांग्रेस ने इसे “पीएम मोदी का धोखा” करार दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी थारचिन की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था।
सरकार का पक्ष:
गृह मंत्रालय ने इसे “खेदजनक घटना” बताया है और आंतरिक जांच का वादा किया। लेह में कर्फ्यू लगा हुआ है, इंटरनेट बंद है, और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात हैं। लेह एपेक्स बॉडी ने केंद्र के साथ बातचीत से इनकार कर दिया है जब तक हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी रिहा न हों।
प्रतिक्रियाएं:
सोशल मीडिया पर: राहुल गांधी के पोस्ट को हजारों व्यूज मिले हैं। कई यूजर्स ने समर्थन किया, जबकि कुछ ने प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। न्यूज चैनलों जैसे न्यूज24 ने इसे प्रमुखता से कवर किया।
राजनीतिक बहस: विपक्षी दल इस मुद्दे को उठा रहे हैं, जबकि बीजेपी ने अभी प्रत्यक्ष जवाब नहीं दिया।
यह घटना लद्दाख की बढ़ती असंतोष को दर्शाती है, और जांच की मांग पर सरकार का अगला कदम महत्वपूर्ण होगा। यदि आपके पास कोई विशिष्ट सवाल है, जैसे वीडियो या और डिटेल्स, तो बताएं!
रिपोर्ट : ITN Desk.
