शिक्षा केवल एक औपचारिक डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह निरंतर सीखने और सुधार की प्रक्रिया है। यदि कोई सीखना बंद कर देता है, तो उसका विकास रुक जाता है। आज के समय में, केवल शैक्षणिक योग्यता ही नौकरी पाने का एकमात्र मापदंड नहीं है—वास्तविक सफलता के लिए कौशल विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत, जहाँ 65% से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है, को एक कुशल कार्यबल में बदलने की आवश्यकता है। एआई और डिजिटल युग में, युवाओं को नियोक्ताओं की मांगों के अनुरूप तैयार करना ही कौशल विकास का मुख्य उद्देश्य है।
रायन ग्रुप की पहल
रायन ग्रुप ने छात्रों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे:
- इंडियन मॉडल यूनाइटेड नेशंस
- इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल
- रायन मिनीथॉन
- रायन टीवी (मीडिया स्टडीज़ के लिए इन-हाउस स्टूडियो)
- इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम
इसके अलावा, इंटर्नशिप कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को विभिन्न उद्योगों और स्टार्टअप्स से जोड़ा जाता है, जिससे उन्हें अपने करियर की दिशा तय करने में मदद मिलती है।
भविष्य के लिए आवश्यक कौशल
युवाओं को निम्नलिखित कौशल विकसित करने चाहिए:
- संचार क्षमता
- रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच
- समस्या-समाधान क्षमता
- निर्णय लेने की योग्यता
- टीमवर्क और नेतृत्व
- नैतिक मूल्य और सामाजिक उत्तरदायित्व
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 आजीवन सीखने पर जोर देती है, जिसमें कौशल विकास और लचीली शिक्षा प्रणाली शामिल है। भारत को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो न केवल रोजगारपरक हों, बल्कि उद्यमी और नवाचारी भी बनें।
निष्कर्ष
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आइए हम भारत के युवाओं को कौशल संपन्न बनाने का संकल्प लें, ताकि वे राष्ट्र के विकास में सक्रिय योगदान दे सकें।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
डॉ. ए. एफ. पिंटो
चेयरमैन, रायन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स