गया (बिहार) : नसों की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं गया जिले के प्रसिद्ध सुजोक एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ डॉ. डी.पी. नाथ। उन्होंने मीडिया से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि जो भी व्यक्ति वर्षों से नसों की समस्याओं से पीड़ित हैं, और तमाम इलाज के बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल रही है, उनके लिए सुजोक एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति एक प्रभावी विकल्प है।
डॉ. नाथ ने स्पष्ट किया, “मेरा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों को इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति द्वारा दवाओं से मुक्त और सुरक्षित तरीके से राहत दी जा सके। इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की दवा की जरूरत नहीं होती, और इसके बावजूद मरीज को अपेक्षाकृत कम समय में लाभ मिलता है।”
वे गया, पटना और जहानाबाद जिलों में वर्षों से मरीजों का इलाज कर रहे हैं और अब तक हजारों रोगी इस चिकित्सा पद्धति से लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह एल.आई.जी. 264, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, मुस्तफाबाद, चंदौती, थाना रोड, शंकर क्लासेस के पास, गया में स्थित अपने चिकित्सा व प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से इलाज व प्रशिक्षण दोनों कार्य कर रहे हैं।
डॉ. नाथ ने बताया कि कोई भी व्यक्ति नसों से संबंधित या अन्य जटिल समस्याओं के निदान के लिए मोबाइल नंबर 9122585258 / 9934650362 पर संपर्क कर सकता है। उन्होंने आगे कहा, “मेरा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि इस चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाना है ताकि समाज के हर वर्ग को लाभ मिल सके।”
डॉ. डी.पी. नाथ ने बताया कि उन्होंने सुजोक एक्यूप्रेशर चिकित्सा में एम.डी. (स्वर्ण पदक सहित) की डिग्री प्राप्त की है। वे प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 बजे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फुलवारीशरीफ, पटना में अपनी सेवाएं देते हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में, फुलवारीशरीफ में सुजोक एक्यूप्रेशर इकाई का उद्घाटन बिहार सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने किया था। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक, एम्स पटना के निदेशक डॉ. जे.के. सिंह, और अध्यक्षता महावीर कैंसर संस्थान के एम.एस. डॉ. एल.बी. सिंह ने की थी।
डॉ. नाथ ने अंत में दोहराया कि सुजोक चिकित्सा न केवल दर्द रहित और बिना दवा वाली प्रक्रिया है, बल्कि यह साइड इफेक्ट्स से मुक्त और रोगमुक्त जीवन का रास्ता है। उनकी प्राथमिकता है कि हर पीड़ित को भरोसेमंद और कारगर इलाज मिले — बिना किसी आर्थिक बोझ और सर्जरी के।
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.