औरंगाबाद: ( बिहार ) समाहरनालय स्थित अपने सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने शनिवार दिनांक – 28 जून 2025 को उप निर्वाचन पदाधिकारी, मोहम्मद गजाली तथा वरीय उपसमाहर्ता, रत्ना प्रियदर्शनी के साथ संयुक्त रूप से मिलकर एक प्रेस वार्ता की! जिसमें जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार सरकार निर्वाचन विभाग मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय से दिनांक – 25 जून 2025 को प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है! जिसमें उल्लेख किया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग ( इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया ) ने बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराए जाने हेतु निर्देश जारी किया है! यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों तथा समय सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा!
इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची ( इलेक्टरल रोल ) में सम्मिलित हो, ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें! कोई भीअपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो, और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहे! जिलाधिकारी ने सभागार में उपस्थित संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था!
वर्तमान में तेजी से हो रहा शहरीकरण, लगातार होने वाला प्रवासन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है! ताकि त्रुटि रहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके! इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारी ( बी.एल.ओ.) घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे! पुनरीक्षण के दौरान आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद – 326 तथा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम – 1950 की धारा – 16 में उल्लेखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करेगा!
जल प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा – 23 के अंतर्गत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ( ई.आर.ओ.) द्वारा अब तक अपने स्तर पर पात्रता की जांच की जाती रही है! अब तकनीक के विकास को देखते हुए इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने हेतु यह आवश्यक किया गया है, कि ई.आर.ओ. द्वारा संतुष्टि के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों को ई.सी.आई.एन.ई.टी. पोर्टल पर अपलोड किया जाए! हालांकि इन दस्तावेजों की गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए इन्हें केवल अधिकृत निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ही देखा जा सकेगा!
यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ( ए.ई.आर.ओ.) संबंधित मामले की जांच करेंगे, और उसके बाद ई.आर.ओ. अपना निर्णय लेंगे! इसके अतिरिक्त जन प्रतिनिधित्व अधिनियम – 1950 की धारा – 24 के तहत ई.आर.ओ. के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी ( डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ) तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ( चीफ इलेक्टरल ऑफीसर ) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है! आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ( चीफ इलेक्टरल ऑफीसर ), जिला निर्वाचन पदाधिकारी ( डी.ई.ओ. ), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ( ई.आर.ओ. ) एवं बूथ स्तर अधिकारी ( बी.एल.ओ. ) कोई यह निर्देशित किया है, कि वे फोन नंबर / फैक्स नंबर / ईमेल – सी.ई.ओ. – बिहार @ ई.सी.आई.डॉट जीओभी डॉट आईएनबी कैमल पर सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं विशेष रूप से वृद्ध, बीमार दिव्यांगजन, गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए! इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयं सैनिकों की तैनाती भी की जा सकती है! भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने हेतु हर संभव प्रयास करेगा, कि पुनरीक्षण प्रक्रिया सुगमता से संपन्न हो तथा मतदाताओं को कम से कम असुविधा हो! साथ ही आयोग सभी राजनीतिक दलों से अपील करेगा, कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स की नियुक्ति करें!
बी.एल.ए.एस. की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा, कि यदि कोई विसंगतियां या त्रुटियां हो, तो उनका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए! जिससे दावे / आपत्तियां और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके! यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि मतदाता और राजनीतिक दल, दोनों ही किसी भी निर्वाचन प्रक्रिया के सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होते हैं, और केवल उनकी पूर्ण भागीदारी से ही इस प्रकार की महत्वपूर्ण और व्यापक प्रक्रिया को सफलता एवं सुचारु रूप से संपन्न किया जा सकता है! अंत में जिलाधिकारी ने सभागार में उपस्थित संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्टरल रोल का फाइनल पब्लिकेशन मंगलवार दिनांक – 30 सितंबर 2025 को कर दिया जाएगा!
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति का उम्र 01 अक्टूबर 2025 को भी 18 साल पूरा हो रहा है, तो उनका भी नाम जोड़ दिया जाएगा, ताकि वे भी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव – 2025 में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, और इस बार सबसे अच्छी बात यह होने जा रही है, कि पूर्व में जैसे एक ही घर के चार मतदाता है, तो उसमें एक परिवार का इस बूथ पर है, तो दूसरे / तीसरे या चौथे व्यक्ति का मतदाता सूची में दूसरा – तीसरा या चौथा अलग – अलग बूथ पर है, तो यह समस्या भी खत्म हो जाएगी, और किसी भी एक परिवार के घर का सीरियल नंबर रहेगा, और एक ही बूथ पर वोटर लिस्ट में नाम रहेगा, ताकि कोई परेशानी ना हो!
इसके अलावे किसी भी एक बूथ पर अब 1,200 से अधिक मतदाताओं का नाम नहीं रहेगा, और जरूरत पड़ेगी तो दूसरा बूथ भी वही पर बनाया जाएगा!
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.