बिहार चुनाव 2025: औरंगाबाद में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया के साथ व्यवहार पर बवाल!

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गुरुवार, दिनांक 23 अक्टूबर 2025 की संध्या 5:00 बजे समाहरणालय स्थित सभागार में जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त श्रीमती अनन्या सिंह, सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता रत्ना प्रियदर्शिनी, उप निर्वाचन पदाधिकारी मोहम्मद गजाली सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

नामांकन के वक्त प्रशासन द्वारा समाहरणालय मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद बाई तरफ बनवाई गई मीडिया केंद्र.

आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जिला निर्वाची पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जिलेभर में कुल कितने प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है, किन प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हुए हैं, और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कितने उम्मीदवार चुनाव मैदान में बचे हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल किया है। जिला प्रशासन की ओर से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं।

हालांकि, इसी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक अहम मुद्दा अचानक चर्चा का विषय बन गया। उपस्थित मीडिया कर्मियों ने जिला पदाधिकारी के समक्ष यह शिकायत रखी कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान दीपावली से ठीक पहले प्रशासन द्वारा मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। मीडिया प्रतिनिधियों का आरोप था कि समाहरणालय परिसर में प्रवेश से रोका गया और यह कहा गया कि “डी.एम. साहब का आदेश है कि मीडिया कर्मियों को गेट के बाहर कर दो, कोई भी न्यूज़ कवरेज नहीं करेगा।”

मीडिया कर्मियों ने यह भी कहा कि जब प्रशासन को प्रेस की आवश्यकता होती है तो उन्हें सभागार में बुलाकर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जाती है, लेकिन जब प्रशासन को उनकी जरूरत नहीं रहती, तो गेट के बाहर कर दिया जाता है। उनका कहना था कि आज की प्रेस कांफ्रेंस भी गेट के पास बने मीडिया सेंटर में आयोजित की जानी चाहिए थी।

ज्ञात हो कि औरंगाबाद में ऐसा विवाद पहले भी हुआ था, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए यहाँ आए थे। उस समय भी मीडिया कर्मियों को समाहरणालय परिसर से बाहर कर दिया गया था, जबकि मुख्यमंत्री ने उसी यात्रा के दौरान भगवान भास्कर की नगरी देव में मेडिकल कॉलेज निर्माण की घोषणा की थी।

मीडिया कर्मियों की शिकायतें सुनने के बाद जिला निर्वाची पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने गहरा खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान उन्होंने स्वयं ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया था कि मीडिया को बाहर किया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं दोहराई जाएगी और इस विषय पर वे स्वयं नजर रखेंगे।

सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने भी मीडिया प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि आगे से प्रशासन और प्रेस के बीच समन्वय एवं सम्मान बनाए रखा जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस आपसी समझ और सौहार्द के साथ समाप्त हुई।

by Ajay Kumar Pandey.

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