भगवान बुद्ध की ज्ञानभूमि और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बोधगया में मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 से 20वीं टिपिटिका चांटिंग सेरेमनी का भव्य आगाज हो गया। यह विशेष समारोह कालचक्र मैदान में लगातार 10 दिनों तक नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह तय समय पर हुई, जिसमें 23 देशों से आए बौद्ध श्रद्धालुओं की भव्य झांकी निकाली गई।
पूरे बोधगया शहर में “बुद्धम् शरणम् गच्छामि” के महामंत्र की गूंज सुनाई दी, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्तिमय और शांतिमय हो गया। अलग-अलग देशों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी भाषा, संस्कृति और पहनावे के साथ झांकी में हिस्सा लिया और एकता का सुंदर उदाहरण पेश किया।
इस अवसर पर संवाददाताओं से बात करते हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि भारत निरंतर प्रगति कर रहा है, और इस आयोजन के माध्यम से पूरी दुनिया को शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि विभिन्न देशों और भाषाओं को एक सूत्र में बांधकर वैश्विक शांति को मजबूत किया जाए।
श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजन से दुनिया में आपसी सौहार्द बढ़ता है और यह संदेश जाता है कि किसी में भी द्वेष की भावना न हो, सभी देश तरक्की करें और खुशहाल बनें।
इस भव्य समारोह में जापान, अमेरिका, ताइवान, पुर्तगाल, सिंगापुर, श्रीलंका, तिब्बत, चीन, नेपाल, ब्रिटेन, ब्राज़ील, बांग्लादेश, रत्नागिरी (उड़ीसा), नालंदा, नागपुर सहित कई अन्य देशों से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी प्रतिभागी अपनी-अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में सजे हुए कतारबद्ध तरीके से कालचक्र मैदान पहुंचे और अपनी कला व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.
