10 सूत्री मांगों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया टिकारी अनुमंडल कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन.

Share this News

टिकारी (बिहार) : 10 सूत्री मांगों को लेकर टेकारी अनुमंडल कार्यालय के समीप सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के उपरांत शिष्टमंडल के लोगों ने माननीय प्रधान मंत्री भारत सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार के नाम भूमि सुधार उपसमाहर्ता को 10 सूत्री ज्ञापन सौंपे. उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अगर हम लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो लोकतांत्रिक तरीके से मांग को पूरी करने के लिए आंदोलन को तेज किया जाएगा इसका जिम्मेवार शासन प्रशासन होंगे।

लोगों ने धरने को संबोधित करते हुए आगे कहा कि गया जी जिलांतर्गत टेकारी समेत टेकारी के आस पास सुदूरवर्ती इलाकों को रेल की पटरी बिछाकर यात्री गाड़ी चलाया जाये। टेकारी ऐतिहासिक प्राचीन शहर है जहां ऐतिहासिक किला, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय,अंग्रेज के ज़माने के ज़माने के हवाई पट्टी, केसपा का प्रसिद्ध तारा देवी मा मंदिर,रामेश्वर बगीचा के लक्ष्मी नारायण पंचमुखी मंदिर, अनुमंडल कार्यालय ,अनुमंडल अस्पताल,ट्रेज़री,कोर्ट,कचहरी,हजरत बदरुद्दीन शाह थाना पीर बाबा मजार आदि ऐसे ऐसे कई प्रसिद्ध स्थान और दर्शनीय स्थल है।

वहीं यह क्षेत्र कई जिलों को जोड़ कर रेल मार्ग को चालू होने से ,टेकारी, मऊ, कोंच,कुर्था,अरवल, जहानाबाद आदि में समुचित विकास होगा, बेरोजगारी गरीबी दूर होगी, रेलवे का राजस्व के प्राप्ति होगी तथा यह श्रेत्र काफी विकसित करेगा, शाम होने पर रात भर आवागमन नहीं होता है गाड़ी उपलब्ध नहीं रहने से राहगीर को अनेकों तकलीफ का सामना करना पड़ता है।

टिकारी को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए आज़ादी के बाद से ही बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों,राजनीतिक से जुड़े लोग आंदोलन, मांग करते आ रहें हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि आज तक गयाजी जिलांतर्गत टेकारी को रेल से नहीं जोड़ा गया।रेल निजीकरण रद्द किया जाय,निजीकरण से पूंजीपतियों और सरकार को फायदा है निजीकरण देश के लिए नुकसानदेह है। गया जी स्टेशन परिसर में तीर्थयात्रियों के लिए बन रहे सर्वसुविधा युक्त प्रतिक्षालय को जल्द निर्माण करवाया जाये। दूर दराज से आने वाले पिंडदानियों को और देश विदेश से आने वाले बुद्धिस्ट को प्रतिक्षालय में सही व्यवस्था नहीं मिल पा रहा है।

सभी मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों में वातानुकूलित डिब्बों की संख्या घटाकर सामान्य वा शयनयान श्रेणी के डिब्बों को बढ़ाया जाये। ताकि गरीब गुरबा, किसान , छात्रा ,छात्र दबे कुचले को राहत पहुंचे ऐसे लोग ही 80 से 90 परसेंट सामान्य वा शयनयान श्रेणी के डिब्बे में ही सफर करते हैं। सभी रेल मार्गों में पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम है सभी रेल मार्गों में पैसेंजर ट्रेनों की संख्या दुगुनी किया जाये।

तीर्थ को जानेवाली सभी ट्रेनो पैसेंजर /फास्ट पैसेंजर को जल्द चालू किया जाये। लोकल ट्रेनों में प्रसाधन रहना अतिआवश्यक है। प्रसाधन नहीं रहने से खाश कर बहन बेटियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गया जी एवं बोध गया हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि विश्व का एक ऐसा ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल है।

अंतरराष्ट्रीय तीर्थ स्थल है फिर भी दुर्भाग्य है कि आज तक मेट्रो रेल का परिचालन नहीं हुआ। जबकि नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार पटना द्वारा गया जी में मेट्रो रेल के परिचालन के प्रस्ताव की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है।प्रस्तावित मेट्रो योजना में दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय को जोड़ा जाये, मेट्रो का विस्तार करके दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय को शामिल किया जाये। छात्रा छात्र के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। उत्तर कोयल नहर को मोरहर नदी से जोड़वा चालू किया जायेगा तो कृषि का स्कोप बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर जल संचय होगा।

टेकारी किला चारों ओर विशाल जलाशय “रकवा” नौका बिहार बनाया जाये शहर का खूबसूरती बढ़ेगा, रोजगार मिलेगा और जल संरक्षित होगा.नदी,नहर,पाईन ,तालाब वगैरा जलस्रोत को अतिक्रमण मुक्त एवं उड़ाही करवाया जाये अतिकरण मुक्त और उड़ाही होने से खेती सिंचाई ,पेयजल, जीव जंतु, पशु पक्षी,के लिए लाभदायक होगा वही बाढ़ आने का आशंका नहीं रहेगा।

शिक्षा चिकित्सा के दो रंगी नीति के कारण गरीब गुरबा को कष्ट होता है अमीर,शासन , प्रशासन सब को एक तरह शिक्षा चिकित्सा का व्यवस्था हो। लाडली बहना योजना को बिहार राज्य में लागू कर बिहार की महिला को।दिल्ली की तरह 2500 पच्चीस सौ हर महीना दिया जाये जिससे महिलाओं सशक्त बनेगी और उत्थान होगा।

धरना प्रदर्शन में संचाल सामाजिक कार्यकर्ता मो.जफर बारी अंसारी उर्फ छोटु मियां और अध्यक्षता भारतीय रेल मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने किया। वक्तागण, राधा विश्वकर्मा, अजय सिंह, पूनम कुमारी,सुनील यादव, साकेत कुमार धरना प्रदर्शन में दयाराम चौधरी,ममता कुशवाहा, कमला आदिवासी, सूक नंदी केवट राधेलाल प्रजापति, मुनेश कुशवाहा, पुरन लाल विश्वकर्मा, शकुंतला सोंधिया,सुनीता बाई, मुन्ना नापित, रामकृपाल, गोरेलाल पाल, राम कृपाल, जवाहर पाल,नाथु लाल रजक, रवि शंकर,राम भगत जैसवाल,प्रेम लाल विश्वकर्मा, हरि ऋण, केशो रघुवंशी,रंजीत कुमार ,मो.अख्तर,दीनानाथ यादव, लाल बाबू पासवान,रितेश कुमार,अनिल साव,जानकी साव,नाथु पासवान, लक्ष्मी चौधरी,अनुज कुमार रौशन,मो.गफ्फार, ओम प्रकाश कुमार,आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.

Share this News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *