नबीनगर विधानसभा क्षेत्र संख्या – 221 से निर्दलीय प्रत्याशी मृत्युंजय कुमार यादव से एक साक्षात्कार

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जात-पात से ऊपर उठो, सम्मान शिक्षा की बात करो: मृत्युंजय यादव का चुनावी संदेश

औरंगाबाद: (बिहार) आगामी बिहार – विधानसभा चुनाव – 2025 में बारुण प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाली सिरीस बाजार रोड के निवासी मृत्युंजय कुमार यादव ने नबीनगर विधानसभा क्षेत्र संख्या – 221 से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया फैसला है.

ध्यातव्य हो कि जब संवाददाता की मुलाकात शनिवार दिनांक – 04 अक्टूबर 2025 को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से ही प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ने वाले मृत्युंजय कुमार यादव से उनके सीरीस बाजार रोड स्थित मकान पर ही हुई, तो संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि आप इस बार आगामी बिहार विधानसभा चुनाव – 2025 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मूड बनाए हुए हैं, जबकि आज के दौर में दो धुरी पर ही लड़ाई चल रही है. एन.डी.ए. गठबंधन बनाम इंडिया गठबंधन के नाम से, तो आपने निर्दलीय प्रत्याशी बनने का फैसला कैसे ले लिया?

तब उन्होंने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चुकी मुझे सारी पार्टियों में कुछ ना कुछ कमी दिखती है, और मैं उन पर डिपेंड नहीं कर पाऊंगा. यदि मैं उनके पार्टी में रहूंगा, और मैं उनके पार्टी का अगर सदस्य बन गया. कमी दिखेगा, तो मैं उनको बोल दूंगा. बोल दूंगा, उनको लग जाएगा खराब. हमें अपना विचार जनता तक पहुंचाना है. इसलिए हम निर्दलीय ही अपना विचार जो है खुले तौर से पहुंचा सकेंगे जनता तक.

तब फिर संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि चुनाव लड़ने के लिए आपको कहां से प्रेरणा मिल गया था.

तब उन्होंने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारे गांव – घर से मिला प्रेरणा. हमारे लोगों ने, चाचा ने, भैया ने जो बचपन से मुझे देख रहे हैं. जान रहे हैं, उन्होंने प्रेरित किया कि बाबू आप लड़ो. आपके जैसे लोग की जरूरत है.

तब फिर संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि आज के समय में अधिकांश देखा जा रहा है कि चाहे इंडिया गठबंधन की बात करें, या एन.डी.ए. गठबंधन की बात करें. लेकिन मुद्दा विहीन राजनीति हो गई है. युवाओं की जो समस्या है. किसानों की जो समस्या है. महिलाओं की जो समस्या है. शिक्षा की जो समस्या है. इस मुद्दे पर अब आवाज उठाने वाला कोई रहा ही नहीं, और एन.डी.ए. गठबंधन के लोगों द्वारा केवल हर मंच पर सिर्फ अब यही बात कही जा रही है, कि आदरणीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी के स्वर्गीय माताजी को दरभंगा के मंच पर जो गाली दिया गया है. उसका बदला लेंगे ना, और चुनाव आयोग जैसा संवैधानिक संस्था पर भी इंडिया गठबंधन के लोग सवाल उठा रहे हैं, कि एन.डी.ए. गठबंधन के इशारे पर ही वोट चोरी करवाता है, जबकि चुनाव आयोग अपनी आवश्यकता अनुसार ही एस.आई.आर. के माध्यम से काम कर रही है. फिर भी जो है, इंडिया गठबंधन के लोग मंच पर नारा लगा रहे हैं, कि वोट चोर गद्दी छोड़. इसके पूर्व भी इंडिया गठबंधन के लोगों ने माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के खिलाफ सभी जगहों पर नारा लगाया था, कि चौकीदार चोर है. वहीं दूसरे तरफ इंडिया गठबंधन के लोगों का कहना है, कि दरभंगा के मंच पर माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी के स्वर्गीय माताजी को जो गाली दिया गया है. उसमें भाजपा के लोगों द्वारा ही गाली दिया गया है, ताकि इंडिया गठबंधन को बदनाम किया जा सके. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे?

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मृत्युंजय कुमार यादव ने कहा कि ये सब जो राजनीति है ना. इस तरीके की राजनीति का, वो सबका एक्सपीरियंस मेरे पास नहीं है. इन सब चक्रों में हम पड़े नहीं हैं अभी तक. लेकिन जहां तक हमारे प्रधानमंत्री के स्वर्गीय माता जी को गाली दिए जाने की बात है, तो जिसने भी दिया है, बहुत गलत है. वो हमारे संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं. वो हमारे देश की गरिमा है, तो इतना गिरिए मत. उनका विरोध कीजिए. उनके काम का विरोध कीजिए. अगर कुछ गलत कर रहे हैं, तो उनके नीति का विरोध कीजिए. गाली मत दीजिए, और जहां तक आप एस.आई.आर. की बात कर रहे हैं, तो अगर जनता को लग रहा है कि गलत हुआ है, तो जनता को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए. वोट का अधिकार कोई नहीं छीन सकता है. वोट का अधिकार गया, तो फिर सब कुछ चला गया.

तब फिर संवाददाता ने मृत्युंजय कुमार यादव से सवाल पूछा कि नहीं तो नारा बाजी तो लोग यही कर रहे हैं ना. अभी के समय में जो इंडिया गठबंधन के लोग वोटर अधिकार यात्रा के नाम पर यात्रा इन्होंने किया है. उसमें जो है, जितने भी लोग इंडिया गठबंधन में शामिल है. उन लोगों का नारा है. वोट चोर, गद्दी छोड़, और वोटर अधिकार यात्रा के पहले भी इंडिया गठबंधन के द्वारा नारा लगाया गया था, कि चौकीदार चोर है. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे.

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हो उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अभी विपक्ष में है. जनता के साथ अगर कुछ गलत होता हुआ उनको दिख रहा है, तो आवाज उठाना उनका हक है. वो अपनी आवाज उठा रहे हैं, तो उसके लिए मैं उनको भी शुक्रिया अदा करता हूं.

तब फिर संवाददाता ने मृत्युंजय कुमार यादव से सवाल पूछा कि जहां तक अभी आपने सम्मान शिक्षा की बात की है, कि सम्मान शिक्षा लागू होनी चाहिए. लेकिन सम्मान शिक्षा की बात तो बड़े-बड़े मंचों पर तो खूब होती है, परंतु जितने भी लोग मंत्री बनते हैं, या किसी भी पॉलीटिकल पार्टी के लोग, जिनके लिस्टेड पार्टियां है. उसके ही लोग जाकर के जो है. प्राइवेट विद्यालयों का शुभारंभ करते हैं, और पूरा तालियां बजाते हैं, तथा पूरा सुर्खियां भी बटोरते हैं, तो आखिर सम्मान शिक्षा कैसे लागू होगी. इसलिए आप इस संबंध में क्या कहेंगे.

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देख लीजिए. ये लोग, जो नेता लोग हैं ना. इनके पास बहुत पैसा होता है. इसके वजह से, मेरा भी बच्चा पढ़ रहा है बंगलौर में. वो भी दुबई जाएगा. इन नेताओं के बच्चे भी बंगलौर में पढ़ रहे हैं. दुबई में पढ़ रहे हैं. अमेरिका में पढ़ रहे है. लेकिन इनके पास तो पैसा है. ये तो पढ़ा ले रहे हैं. लेकिन जो गरीब का बच्चा है. वो सरकारी स्कूल में एकदम घटिया से घटिया स्तर का शिक्षा ले रहा है. वो मेरे बेटे का कंपटीशन कैसे करेगा बड़ा होकर. जब – तक इस देश से प्यार है नेता को. इस सारे नेता को मैं कह रहा हूं. अगर इस देश से प्यार है, तो आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है. हम लोग रह लेते हैं गंदगी में. हम लोग भूखे पेट भी सो लेते हैं. सब कुछ कर लेते हैं. हमें नहीं चाहिए वी.आई.पी. सब सुख – सुविधा. वो बाद में हमारे बच्चे सब कर लेंगे. पहले हमें बराबर का शिक्षा दे दो सिर्फ. पूरे हिंदुस्तान के नेताओं को मैं कह रहा हूं. हमारे हर बच्चे को बराबर का शिक्षा दे दो. फिर समाज में कुछ करने की जरूरत नहीं है.

तब फिर संवाददाता ने उनसे कहा कि लंबे-लंबे भाषण तो सभी लोग देते हैं. लेकिन होता नहीं है ना, आवाज नहीं उठा पाते हैं ना.

तब उन्होंने संवाददाता द्वारा पूछे पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नहीं उठा पाते हैं. उसके लिए लड़ना पड़ेगा. ये सब मुद्दा पीछे है. सारा का सारा मुद्दा पीछे है. समाज को चेंज करने का. इंडिया को बदलने का. एक ही मुद्दा है सम्मान शिक्षा. बराबर पढ़ाई दे दो सबको. उसके बाद कुछ करने की जरूरत नहीं है. लईकन पढ़ लिख लेगा. बराबर का लड़ाई होगा, तो ना आरक्षण का जरूरत होगा. किसी चीज का जरूरत नहीं होगा.

तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि जाति पार्टी के जो समस्या है बिहार में. वो कैसे आखिर दूर कीजिएगा. तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यही हमारे बिहार का सबसे बड़ा राजनीति का, जो राजनीति में सबसे बड़ा दीमक कहते हैं. ये जातिवाद का दीमक है. ठीक है, जाति के नाम पर जो वोट हम करते हैं ना. वही हमारे बिहार के विकास को बढ़ने नहीं दे रहा है. कैंडिडेट को देख कर वोट कीजिए. उनके विचार को देखकर वोट कीजिए. जात के नाम पर तो शादी नहीं करना है ना. आपको अपना नौकर चुनना है, तो जो काम करने लायक है. मान लीजिए कि आप ड्राइवर चुनने जा रहे हैं. नौकर रख रहे हैं आप ड्राइवर को. अब उसको बढ़िया से गाड़ी चलाने नहीं आएगा, तो आप दे दीजिएगा गड़िया चलावे ला. जाके मार देगा धक्का कहूं. मुआ देगा आपको. इसलिए आप वैसा ही ड्राइवर को रखिएगा. जो आपको सुरक्षित पहुंचा दे.

तब संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि विगत रविवार को ही जब एक व्यक्ति से हमारी मुलाकात हुई थी. जो कैंडिडेट बनने के फिराक में भी है. जो इंडिया गठबंधन कहीं सपोर्टर है, और उस विधानसभा क्षेत्र में अभी विधायक भी इंडिया गठबंधन के ही है. लेकिन अभी उनसे अलग हटकर स्वयं ही उसी विधानसभा क्षेत्र से कैंडिडेट बनने के चक्कर में लगे हुए हैं. उन्हीं का भाषा था, कि यहां कौन किसको चिन्हता है. यहां क्या न्यूज चलता है या नहीं चलता है. उसको कौन देखता है. वहां बड़े-बड़े नेताओं के साथ पार्टी में जिसकी भी बैठकें होती है. पार्टी में टिकट उन्हीं को मिलती है. मतलब की स्थानीय जनता कुछ भी नहीं है. सब कुछ पार्टी के टिकट देने वाले लोग ही हैं. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहेंगे.

तब फिर संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मृत्युंजय कुमार यादव ने कहा कि टिकट के लिए तो ना हम किन्हीं के पास गए हैं. ना टिकट लेने के लिए सोचे हैं. ना टिकट वाला राजनीति का विचार कुछ बनाए हैं. इस पर अब हम क्या बोलें. नेताजी जो थे, हम नाम नहीं जान रहे हैं. आपने नाम भी नहीं बताया. उनके मन से जो अच्छा लगा, उन्होंने किया होगा.

तब फिर संवाददाता ने सवाल पूछा कि नबीनगर विधानसभा क्षेत्र में अभी इंडिया गठबंधन के ही विधायक है. पहले जो है, यहां से जनता दल यूनाइटेड के विधायक रहे. लोक जनशक्ति पार्टी से भी विधायक रहे. वर्तमान अभी इंडिया गठबंधन के जो विधायक बने हुए हैं. वही पहले यहां नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से लोजपा के भी विधायक रहे हैं. कांग्रेस के भी विधायक रहे. इसलिए आप नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से कैसे चुनाव लड़ीएगा, और बिहार में जाति – पार्टी वाला समस्या भी खड़ा है.

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हां यही तो जाति वाला, पार्टी वाला जो समस्या है. वही तो सिखाना है सबको, कि जात – पात से ऊपर उठकर वोट करना है. सोच लो की जात नहीं, नौकर चुनने जा रहे हो. जात के नाम पर जब तक वोट देते रहोगे. तब – तक तुम्हारा सरकारी स्कूल टूटा रहेगा, तुम्हारा बेंच टूटा रहेगा, तुम्हारा पंखा टूटा रहेगा. जिस दिन जाति से ऊपर उठकर सोचना शुरू कर दोगे. उसी दिन से विकास शुरू हो जाएगा.

तब फिर अंत में संवाददाता ने निर्दलीय प्रत्याशी, मृत्युंजय कुमार यादव से सवाल पूछा कि आप नबीनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता से क्या अपील करना चाहेंगे.

तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जनता से हम यही अपील करना चाहेंगे, कि एक बार शांति से, वोट देने के पहले. जब आप वोट देने जाएंगे. शांति से बैठकर अकेले में 10 मिनट जरूर सोचना, कि हमें वोट किसको करना है. क्यों करना है, आप जब वोट देने जाएंगे, तो जात उस समय साइड में रख दीजिएगा. कौन आपके लायक है. किसको आप चाह रहे हैं, कि हमारा काम करने में सक्षम है. आप उसको चुनिएगा.

रिपोर्ट: ब्यूरो चीफ: अजय कुमार पाण्डेय.

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