औरंगाबाद: ( बिहार ) बिहार – सरकार के पुर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉक्टर सुरेश पासवान ने कहा है कि विशेष मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम जो चुनाव आयोग के द्वारा मनमाने ढंग से किया जा रहा था! जिसमें मतदाताओ को अपनी पहचान साबित करने मे भारी परेशानी हो रही थी।
चुनाव आयोग के द्वारा जो 11 दस्तावेज मागें जा रहे थे! जिसमें आधार कार्ड, वोटर आई.डी. कार्ड एवं राशन कार्ड मान्य नहीं था! जिसके विरोध में देश की 10 विपक्षी पार्टियां यथा: राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, टी.एम.सी., एन.सी.पी., शिव सेना उधव, नेशनल कांफ्रेंस सहित अन्य पार्टी के नेताओं द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया था! जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को निर्धारित था।
सुनवाई के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पीठ द्वारा चुनाव आयोग से बहुत कड़े-कड़े सवाल पूछा गया कि जब सामने बिहार में विधानसभा का चुनाव है, तो आप यह काम पहले क्यो नही किये! इतने कम समय में कैसे करेंगे, यानि टाइमिंग पर सवाल, 11 दस्तावेजों के साथ आपने आधार कार्ड, वोटर आई.डी. कार्ड तथा राशन कार्ड को क्यों नहीं शामिल किया, जबकि आयोग द्वारा मांगे गए कई दस्तावेज आधार पर ही आधारित है। क्या आपको नागरिकता जाँचने का अधिकार है? साथ ही यह भी कहा कि पुरी सुनवाई के वगैर किसी का भी नाम सूची से नहीं कटेगा।
पीठ ने कहा कि हम अभी पुनरीक्षण कार्यक्रम पर रोक तो नहीं लगा रहा हैं, पर आधार कार्ड, वोटर आई.डी. कार्ड तथा राशन कार्ड को भी दस्तावेज में शामिल किया जाना चाहिए। पीठ अगली सुनवाई 28 जुलाई को करेगा। आगे डॉक्टर पासवान ने कहा है कि बिहार के मतदाताओं के नाम काटने का जो कुतचीत प्रयास चुनाव आयोग के द्वारा किया जा रहा था!
उसके खिलाफ इंडिया गठबंधन के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर किया गया! उसके गंभीरता को देखते हुए पीठ के द्वारा चुनाव आयोग के मनमानी पर रोक लगाते हुए आधार कार्ड, वोटर आई.डी. कार्ड तथा राशन कार्ड को भी शामिल किए जाने के आदेश से अब मतदाताओं के नाम काटे जाने के अंदेशा लगभग समाप्त हो गया है। मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं इंडिया गठबंधन के सर्व श्री राहुल गांधी एवं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव सहित तमाम नेताओं और खासकर बिहार बंद में शामिल बिहार के आवाम के साथ ही तमाम कार्यकर्ताओं को सैल्यूट करता हूँ।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.