संत नरेंद्र त्रिपाठी ने किया उमंगेश्वरी मंदिर में विशेष पूजा

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औरंगाबाद (बिहार) : बिहार के औरंगाबाद जिला स्थित मदनपुर सिद्ध पीठ उमंगेश्वरी मंदिर में हरिद्वार के स्वामी संत नरेंद्र त्रिपाठी ने मंदिर पहुंचकर माता उमंगेश्वरी एवं भैरव का वैदिक मंत्र के उच्चारण के साथ पूजा अर्चना किया. वही औरंगाबाद के काली कीर्तन संघ मंदिर में माता मां काली की दर्शन की.

स्वामी संत नरेंद्र त्रिपाठी ने मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि काफी दिनों से बिहार के औरंगाबाद जिला स्थित मदनपुर प्रखंड के उमंगेश्वरी मंदिर पहुंचकर माता उमंगेश्वरी की पूजा अर्चना करने की भाव प्रकट हुआ. मैंने इस मंदिर की पुजारी बालमुकुंद पाठक( तारा शंकर बाबा) महाकाल चक्राचार्य से मिलकर माता उमंगेश्वरी एवं मंदिर की विशेषता तथा अनुभव की जानकारी हेतु पहुंचा हूं.

उन्होंने कहा कि जब मैं मंदिर पहुंचा तो देखा कि यह मंदिर पहाड़ों एवं पेड़ पौधों से चारों दिशा पूरी तरह से घीरा हुआ है. जो प्रकृति के सौंदर्यता को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा कि उमंगा पहाड़ के ऊपरी चोटी पर माता उमंगेश्वरी मंदिर स्थापित है. जहां भक्तों, श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. उन्होंने कहा कि जो माता की दरबार में आते हैं वह शिशु पुत्र बनकर माता के चरण में पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं. यह दृश्य अपने आप को कई संदेश को देता है.

संत स्वामी नरेंद्र त्रिपाठी ने आगे कहा कि यह मंदिर देखने में रमणीक है, जहां भक्त, श्रद्धालु पहुंचकर माता उमंगेश्वरी की पूजा अर्चना करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मंदिर के इर्द-गिर्द कई देवी देवताएं की प्रतिमा स्थापित की गई है. जो आकर्षण एवं आस्था का केंद्र बन चुका है. बताया जाता है कि यह मंदिर सिद्ध पीठ मंदिर है. इसी मंदिर पर माता पार्वती अपनी कठिन तपस्या पति भगवान शिव को प्राप्त करने हेतु की थी. जहां माता पार्वती तपस्या से प्रसन्न हुई. और इसी का परिणाम है कि इस स्थान का नाम उमंगेश्वरी पड़ा. अर्थात उमंगा पहाड़ से विख्यात हो गया.

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का बात सच मानी जाए तो कहना है कि इस मंदिर पर जो भक्तगण अपनी मनोकामना को लेकर पहुंचते हैं, उनकी सभी मनोवांछित मनोकामनाएं माता उमंगेश्वरी पूरी करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसी पर्वत पर भगवान भास्कर की मंदिर भी मौजूद है, जहां स्थानीय लोगों से लेकर पर्यटक लोग पूजा अर्चना करने हेतु पहुंचते हैं.

उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं एवं भक्तों को पूजा अर्चना करने के लिए प्रसाद हेतु कई दुकान एवं स्टाल लगाए गए हैं. जो निर्धारित मूल्य के दर पर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को चाहिए कि इस पर्वत की सौंदर्यता एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु पर्यटक विभाग आवंटन की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि यह मंदिर सुविधा से लैस हो सके.

रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.

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