जम्होर में पितृपक्ष महोत्सव – 2025 का हुआ समापन

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औरंगाबाद (बिहार) : प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के प्रतिपदा (प्रथमा) तिथि से प्रारम्भ होकर अमावश्या तिथि तक यानी कि नियमित रूप से 15 दिनों तक लगातार चलने वाली विश्वविख्यात पितृपक्ष मेला का आज रविवार दिनांक – 21 सितम्बर 2025 को जम्होर में हर्षौल्लास के साथ मनाकर समापन कर दिया गया. जिसमें पितृपक्ष आयोजन समिति के अध्यक्ष व रेड क्रॉस सोसायटी औरंगाबाद के पूर्व अध्यक्ष, अजीत कुमार सिंह, नगर – परिषद औरंगाबाद के अध्यक्ष, उदय कुमार गुप्ता, कांग्रेस के पूर्व औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, अरविंद कुमार सिंह, स्थानीय उप मुखिया, आदित्य श्रीवास्तव, डॉक्टर महेंद्र, टंडवा महोत्सव के अनिल पासवान, आयोजन समिति के समस्त सहयोगी सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे.

गौरतलब हो कि इस समापन समारोह में सर्वप्रथम पारंपरिक तरीके से कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि भी शामिल रहे, और इसके बाद संगोष्ठी का आयोजन करते हुए पितृ पक्ष मेले के धार्मिक महत्व विषय पर भी ध्यान आकृष्ट कराया गया.

तत्पश्चात जिले के कलाकारों द्वारा गीत – संगीत की भी प्रस्तुति पेश की गई. फिर सभी सामाजिक कार्यकर्ता / आयोजन में बढ़ – चढ़कर भाग लेने वाले सभी लोगों को एवं मौके पर पहुंचे हुए सभी पत्रकार बंधुओ को भी एक-एक गमछा / एक-एक मोमेंटो तथा पुनपुन नदी के तट पर ही जम्होर स्थित बने हुए भगवान विष्णु के भव्य मंदिर का बड़ा सा फोटो देकर भी सम्मानित किया गया. इसके बाद नगर – परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद औरंगाबाद के अध्यक्ष, उदय कुमार गुप्ता ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि विरासत तथा संस्कृति की रक्षा करना हम लोगों का परम धर्म है.

जम्होर में हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों ने भी जोश भरने का काम किया है. मेरा तो यहां से शुरू से ही लगाव रहा है, क्योंकि मेरा अनाज का व्यापार रहा है. इसके बाद फिर नगर – परिषद क्षेत्र, औरंगाबाद के अध्यक्ष ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जम्होर के संबंध में यहां के विधायक / सांसद की भी उदासीनता रही है, क्योंकि जिस प्रकार से यहां की प्रधानता के बारे में विधानसभा या लोकसभा में मामला को उठाना चाहिए था. उस प्रकार से नहीं उठाया गया है.

यही वजह है कि सरकार की भी उदासीनता रही, और आज भी यहां सुविधा का अभाव है, जबकि धर्मशास्त्र के मुताबिक भी पितृ पक्ष मेले के दौरान सर्वप्रथम पिंडदान इसी पुनपुन नदी में किया जाता है. इसके बाद ही श्रद्धालु भक्त अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए विश्व विख्यात गयाजी धाम पहुंचते हैं. अंत में अपने संबोधन के दौरान नगर – परिषद क्षेत्र औरंगाबाद के अध्यक्ष, उदय कुमार गुप्ता ने कहा कि इस पवित्र स्थल के लिए आप लोग जब भी मुझे बुलाएंगे, तो मैं निश्चित तौर पर यहां आऊंगा, और हर संभव मदद करूंगा.

तत्पश्चात जिले के अंदर कई स्थानों पर महोत्सव को चर्चित बनवाने वाले एवं अधिवक्ता, सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने उदाहरण पेश करते हुए मंच से संबोधित किया कि औरंगजेब ने अपने पिता को भी कैद कर दिया था. तब गर्मी का समय था, तो शाहजहां से पिता ने कहा की पानी की मात्रा बढ़ा दें, कम पड़ रहा है. तब भी औरंगज़ेब ने अपने पिता के लिए पानी की मात्रा नहीं बढ़ाया. तब पिता ने कहा था कि वाह बेटा वाह. तुम अपने आप को सच्चा मुसलमान कहते हो. लेकिन तुमसे बढ़िया तो हिंदू है कि पितृ पक्ष के समय अपने पितरों को भी सम्मान करते हुए मरणोपरांत भी पानी देते हैं. ज्ञात हो कि अंत में इस कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन भी अधिवक्ता, सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने ही किया था.

रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.

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