दशहरा 2025: औरंगाबाद में कहाँ-कहाँ स्थापित हुई हैं माता रानी की भव्य मूर्तियाँ?

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औरंगाबाद (बिहार): हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि और दशहरा पर्व का अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी औरंगाबाद जिले में भव्य स्तर पर माँ दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की गई है। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता, सामूहिक भक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक बन चुका है।

इस वर्ष भी जिला मुख्यालय औरंगाबाद में अनेक प्रमुख स्थलों पर माता रानी की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं, जहाँ श्रद्धालु पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ दर्शन कर रहे हैं।

प्रमुख स्थल जहाँ माता रानी की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं:

1. गेट स्कूल मोड़ से उत्तर की ओर कर्मा रोड और पुलिस लाइन रोड पर स्थित विद्युत कॉलोनी – यह स्थल हर वर्ष आकर्षण का केंद्र बनता है। यहाँ की कमिटी द्वारा माता की सुंदर मूर्ति के साथ भव्य पंडाल और रोशनी की विशेष व्यवस्था की जाती है।

2. रमेश चौक के ठीक बगल में, प्रियव्रत पथ, न्यू एरिया – यहाँ भारतीय क्लब की ओर से माता रानी की मूर्ति स्थापित की गई है। यह स्थल अपने आकर्षक सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।

3. जसोईया मोड़ – यहाँ की कमिटी द्वारा भी माता रानी की एक बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है, जो दर्शनार्थियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

4. क्लब रोड स्थित साईं मंदिर और हनुमान मंदिर मोड़ के पास, फेसर रोड पर काली क्लब – यहाँ धार्मिक वातावरण और पंडाल की सजावट अत्यंत प्रभावशाली है।

5. धर्मशाला रोड स्थित दुर्गा मंदिर और सत्येंद्र नगर (ब्लॉक से पश्चिम दिशा) – यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से माता की पूजा के लिए जाना जाता है। यहाँ मूर्ति स्थापना के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठान भी नियमित रूप से आयोजित हो रहे हैं।

6. पुरानी जी.टी. रोड पर सिन्हा कॉलेज मोड़ से आगे, सिचाई कॉलोनी के पास – यह इलाका भी भक्तों की भारी भीड़ को आकर्षित करता है।

7. वार्ड नंबर 08 में, पूर्व पार्षद रूबी शर्मा और भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा के आवास के पास – यहाँ की मूर्ति स्थापना स्थानीय निवासियों की भक्ति भावना को दर्शाती है।

8. ब्राम्हर्षि चौक से उत्तर दिशा में, दुर्गा मंदिर के प्रांगण में – यह मंदिर पहले से ही श्रद्धालुओं का केंद्र है, और नवरात्र में इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।

9. पुलिस लाइन के आगे चिरकुटिया वीर के पास, और बाईपास पुल स्थित पंचदेव मंदिर में – यहाँ की पूजा व्यवस्था भक्तों को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है।

10. कृष्णा नगर मोड़ (अहरी) स्थित दुर्गा मंदिर और शाहपुर (धर्मशाला रोड) – इन क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं द्वारा माता रानी की मूर्ति स्थापना की गई है। इन स्थानों की खास बात यह है कि यहाँ स्थानीय समुदाय बड़े प्रेम से पूजा आयोजन करते हैं।

माता रानी की मूर्ति स्थापना में प्रतियोगिता का आयोजन:

औरंगाबाद में दशहरे के अवसर पर केवल पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि एक प्रकार की सौहार्दपूर्ण प्रतियोगिता भी देखने को मिलती है। जिले की कुछ प्रमुख कमिटियाँ – जैसे:

विद्युत कॉलोनी (कर्मा रोड)

तेलिया पोखरा (ब्लॉक मोड़ के पास)

जसोईया मोड़

प्रियव्रत पथ, न्यू एरिया (भारतीय क्लब)

ये कमिटियाँ हर वर्ष भव्य पंडाल, मूर्ति की भव्यता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और सुरक्षा व्यवस्थाओं में श्रेष्ठता की प्रतियोगिता करती हैं। इसके अंतर्गत हर वर्ष एक कमिटी को “सर्वश्रेष्ठ” का खिताब मिलता है, जिसे पूरे शहर में पहचान मिलती है। यह प्रतिस्पर्धा एक सकारात्मक वातावरण बनाती है और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देती है।

भक्तों की आस्था और मन्नतें:

हर एक स्थान पर माता रानी की भव्य आरती, दुर्गा सप्तशती का पाठ, हवन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भक्तजन माता रानी से अपने परिवार और समाज के सुख-शांति और कल्याण की कामनाएँ कर रहे हैं। कुछ श्रद्धालु माता रानी से मन्नतें माँगते हैं और पूरी होने पर अगले वर्ष विशेष पूजा का संकल्प लेते हैं।

प्रशासन की भूमिका और सुरक्षा:

दशहरा के दौरान भीड़भाड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस बल की तैनाती, ट्रैफिक नियंत्रण और CCTV निगरानी की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.

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