देव कार्तिक छठ मेला 2025 का शुभारंभ — जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने किया उद्घाटन

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औरंगाबाद (बिहार): शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को भगवान भास्कर की नगरी देव में आयोजित चार दिवसीय देव कार्तिक छठ मेला – 2025 का विधिवत उद्घाटन जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत बिहार गीत से हुई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल, उप विकास आयुक्त श्रीमती अनन्या सिंह, अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) उपेंद्र पंडित, सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता श्रीमती रत्ना प्रियदर्शनी, जिला योजना पदाधिकारी अविनाश कुमार, वरीय उप समाहर्ता सुश्री बेबी प्रिया, जिला आपदा प्रभारी सुश्री अंतरा कुमारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी देव, मंदिर न्यास समिति के सदस्यगण, तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

विभिन्न विद्यालयों की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का अभिनंदन किया। उद्घाटन समारोह में अपर समाहर्ता ने जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का स्वागत पुष्पगुच्छ, पौधा और शॉल भेंट कर किया। अन्य गणमान्य अतिथियों का भी स्वागत जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा पौधा देकर किया गया।

अपने संबोधन में जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि “देव छठ मेला न केवल औरंगाबाद जिले का, बल्कि पूरे बिहार का गौरव है। यह मेला आस्था, श्रद्धा और सामाजिक एकता का प्रतीक है, जहाँ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान भास्कर की उपासना और छठ व्रत संपादन के लिए देव सूर्य मंदिर पहुंचते हैं।”

उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सभी विभागों के समन्वय से आवास, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, पार्किंग, शौचालय, स्वच्छता और स्वास्थ्य शिविरों की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस बल, दंडाधिकारी, अग्निशमन दल, एन.डी.आर.एफ. टीम और चिकित्सा कर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है, ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुगम देव मेला का अनुभव मिले। इसके लिए उन्होंने स्थानीय लोगों, समाजसेवी संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों और मीडिया प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की।

जिला पदाधिकारी ने आगे कहा कि “देव सूर्य नगरी की पहचान सूर्योपासना की प्राचीन परंपरा से जुड़ी है। हम सभी का कर्तव्य है कि इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें और श्रद्धालुओं का स्वागत प्रेम व अनुशासन के साथ करें।”

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी पदाधिकारियों, नागरिकों और श्रद्धालुओं से मेला को सफल, शांतिपूर्ण और स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग की अपेक्षा की।

उद्घाटन समारोह के बाद जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरीय अधिकारी सूर्यकुंड तालाब पहुंचे, जहाँ उन्होंने दिव्य सूर्य महाआरती सह गंगा आरती भास्कर में भाग लिया और श्रद्धापूर्वक आरती संपन्न की।

रिपोर्ट : अजय कुमार पाण्डेय.

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