औरंगाबाद (बिहार): बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के सफल, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण संचालन के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा प्राधिकृत व्यय प्रेक्षक श्री सुधाकर शुक्ला ने आज रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मदनपुर प्रखंड स्थित खिरियावा मोड़ (औरंगाबाद–गया जिला सीमा के निकट) पर स्थापित स्थैतिक निगरानी दल (SST) चेक पोस्ट का विस्तृत निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान श्री शुक्ला ने चेक पोस्ट पर तैनात दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, वीडियो निगरानी कर्मियों एवं स्थैतिक निगरानी दल के सदस्यों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्वाचन व्यय अनुश्रवण से संबंधित सभी गतिविधियों की समीक्षा की, जिसमें वाहनों की जांच प्रक्रिया, नकद राशि, उपहार सामग्री, शराब अथवा अन्य अवैध वस्तुओं के परिवहन की निगरानी, जब्ती की कार्यवाही, वीडियोग्राफी और दैनिक प्रतिवेदन के संधारण की स्थिति शामिल थी।
व्यय प्रेक्षक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आचार संहिता के पूर्ण पालन के लिए सीमा क्षेत्रों पर स्थित सभी चेक पोस्टों की निगरानी और चौकसी को और सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वाहन की जांच निष्पक्षता और सतर्कता से की जाए तथा किसी भी संदिग्ध वस्तु, नकदी या शराब मिलने पर त्वरित कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट जिला नियंत्रण कक्ष को भेजी जाए।
श्री शुक्ला ने चेक पोस्ट पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों, वीडियो रिकॉर्डिंग उपकरण, वाहन जांच रजिस्टर, जब्ती सूची और अभिलेख संधारण की स्थिति का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी अभिलेख प्रतिदिन अद्यतन रहें और प्रत्येक कार्रवाई का दस्तावेजीकरण पारदर्शी ढंग से किया जाए, जिससे आयोग की निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप निष्पक्षता बनी रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि चेक पोस्ट पर 24 घंटे प्रभावी निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा रात्रि पाली में पर्याप्त कर्मियों की तैनाती हो। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
निरीक्षण के अवसर पर निर्वाचन व्यय अनुश्रवण कोषांग के नोडल पदाधिकारी, संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुलिस विभाग के पदाधिकारी, स्थैतिक निगरानी दल (SST) के सदस्य एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के उपरांत श्री शुक्ला ने चेक पोस्ट की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप व्यय नियंत्रण व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी शिकायत या संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल जिला निर्वाचन पदाधिकारी या व्यय प्रेक्षक को दी जाए, ताकि निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता और पारदर्शिता बनी रहे।
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.
