बोधगया में टिपिटक चांटिंग कार्यक्रम: कार्ड न मिलने से सैकड़ों लोग परेशान
बोधगया (बिहार) : भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में हर साल की तरह इस वर्ष भी 20वां त्रिपिटक चांटिंग समारोह बड़े स्तर पर आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 23 देशों से आए श्रद्धालुओं और प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आयोजन भव्य था, लेकिन पंजीकरण और कार्ड वितरण की व्यवस्था ने पूरे कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर दिए।
समारोह में भाग लेने के लिए लोगों ने तय समय सीमा के अंदर ऑनलाइन आवेदन किए थे, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रतिभागी अपना पार्टिसिपेट कार्ड नहीं पा सके। सोमवार, 01 दिसंबर 2025 को जब लोग बांग्लादेश मॉनेस्ट्री में बने काउंटर पर कार्ड लेने पहुंचे, तो कर्मचारियों ने यह कहकर उन्हें लौटा दिया कि प्रिंटर खराब है और अगली सुबह 7 बजे आने को कहा।

इसके बाद लोगों को कालचक्र मैदान के काउंटर नंबर–09 भेजा गया, लेकिन वहां भी कर्मचारियों ने टालमटोल करते हुए बस अगले दिन आने की सलाह दी। जब मंगलवार सुबह तय समय पर लोग दोबारा काउंटर नंबर–09 पर पहुंचे, तो वहां कोई कर्मचारी मौजूद ही नहीं था। हैरानी की बात यह रही कि दिन के 1 बजे तक भी न तो बांग्लादेश मॉनेस्ट्री के काउंटर पर और न ही कालचक्र मैदान के काउंटर पर कोई स्टाफ नजर आया।

इस अव्यवस्था की वजह से सैकड़ों लोग कार्ड पाने से वंचित रह गए, जिनमें कई बौद्ध श्रद्धालु भी शामिल थे। सभी ने समय पर आवेदन किया था, फिर भी वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। पीड़ित श्रद्धालुओं ने संवाददाता से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन में इस तरह की बदइंतजामी पहले कभी देखने को नहीं मिली।
लोगों का कहना था कि कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन फिर भी कार्ड वितरण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। काउंटरों पर बैठे कर्मी नदारद थे और जनसेवा के नाम पर सिर्फ़ आश्वासन ही दिया जा रहा था। श्रद्धालुओं ने सवाल उठाया कि इतने बड़े आयोजन में इस लापरवाही के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है?
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.
