कड़ाके की ठंड ने बिहार के औरंगाबाद जिले में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार गिरते तापमान, घने कोहरे और तेज पछुआ हवाओं के कारण लोगों का घर से निकलना बेहद मुश्किल हो गया है। सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है, जिससे आम लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने बिहार सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार राहत कार्य शुरू किए हैं। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड और ग्रामीण इलाकों तक अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है, ताकि लोगों को ठंड से कुछ राहत मिल सके। नबीनगर अंचल कार्यालय के निर्देश पर प्रत्येक पंचायत में अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
इसके साथ ही कई समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने आगे बढ़कर गरीब और असहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण किया है। इससे खासकर बुजुर्गों, मजदूरों और सड़क किनारे रहने वाले लोगों को राहत मिली है।
संवाददाता द्वारा विभिन्न इलाकों के दौरे के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि चौक-चौराहों पर जल रहे अलाव से ठंड से काफी बचाव हो रहा है। ग्रामीणों ने जिला और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए इसके लिए धन्यवाद भी दिया। लोगों का कहना है कि कई वर्षों बाद इस तरह से ग्रामीण इलाकों में ठंड से बचाव के लिए ठोस व्यवस्था की गई है, जो एक सराहनीय कदम है।
हालांकि कड़ाके की ठंड और कोहरे के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही काफी धीमी हो गई है। कई जगहों पर सन्नाटा पसरा रहा और आम जनजीवन थमा-सा नजर आया।
ठंड के बढ़ते असर को देखते हुए जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने आदर्श सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों की सुविधा और इलाज की व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि ठंड के मौसम में किसी को परेशानी न हो।
रिपोर्ट : विश्वनाथ आनंद.
