बिहार में सुशासन की सरकार होने का दावा किया जाता है। केंद्र और राज्य—दोनों ही स्थानों पर एन.डी.ए. की सरकार है, यानी डबल इंजन की सरकार! इसके बावजूद औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले घोड़ा डिहरी पंचायत में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार भवन के निर्माण के लिए जो भूमि चिन्हित की गई थी और जिस स्थान पर अंचल कार्यालय, मदनपुर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त किया गया था, भवन का निर्माण उस निर्धारित स्थल पर न होकर लगभग 200 से 300 मीटर दूर, नदी के किनारे दक्षिण दिशा में कराया जा रहा है। ठेकेदार उमा सिंह द्वारा किए जा रहे इस निर्माण से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
बुधवार, 24 सितंबर 2025 को मौके पर पहुंचे संवाददाता से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने अंचल कार्यालय, डी.पी.आर.ओ. और जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद को लिखित आवेदन सौंपा है। बावजूद इसके अब तक किसी भी विभागीय अधिकारी द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह लापरवाही चिंता का विषय है और यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
स्थानीय मुखिया शोभा देवी के प्रतिनिधि, पवन कुमार सिंह ने भी इस विवाद की पुष्टि करते हुए कहा कि “मुख्य विवाद की जड़ भवन निर्माण विभाग है। जब अंचलाधिकारी ने दूसरे स्थान पर NOC जारी किया था, तो ठेकेदार को नदी के किनारे निर्माण की अनुमति भवन विभाग ने कैसे दी? यह विभागीय लापरवाही नहीं तो और क्या है?”

शनिवार, 04 अक्टूबर 2025 को जब संवाददाता ने औरंगाबाद समाहरणालय में प्रभारी जिला पदाधिकारी श्रीमती अनन्या सिंह से इस विवाद पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा कि “इस मामले की जांच कराएंगे।”
अब देखना यह है कि क्या प्रशासन समय रहते इस विवाद को सुलझाने में सफल होता है या फिर यह मुद्दा और अधिक विकराल रूप लेता है।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय