गया (जी) : गयाजी के स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बागीचा गया में हिंदी दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी का शुभारंभ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े महासभा एवं मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने किया।
डॉ मिश्रा ने कहा की हिंदी जन-जन की अभिव्यक्ति का एकमात्र सरल, समृद्ध अद्वितीय भाषा है। किंतु दुर्भाग्य है कि क्षुद्र राजनीतिक कारणो से हिंदी हीनता का पर्याय बन गई है।सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्रा माधव ने कहा जो लोग हिंदी का विरोध करते हैं उन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती महात्मा गांधी के एम मुंशी लोक की मांग तिलक श्यामा प्रसाद मुखर्जी कन्हैया लाल मानिक लाल मुंशी प्रेम गोपाल स्वामी यादि, जिन्होंने हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए स्वीकृति दी उनसे हिंदी विरोधियों को प्रेरणा लेनी चाहिए।प्रसिद्ध आयुर्वेदज्ञ आचार्य सच्चिदानंद मिश्र ने कहा की अंग्रेजी का मोह और हिंदी से असंतोष रखने वाले लोग ही हिंदी के विकास में वाघक स्वरूप खड़े हैं, जो एक गतिशील मजबूत राष्ट्र के लिए कतई उचित नहीं कहा जा सकता।
इसके अलावा जिन प्रमुख व्यक्तियों ने अपने विचार रखें उनमें स्वराज मनोहर स्वामी सुमन गिरी डॉ दिनेश सिंह डॉ रविंद्र कुमार देवेंद्र नाथ मिश्रा पंडित अजय मिश्रा रंजीत पाठक पवन डॉक्टर मृदुला मिश्रा वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद याहिया मोहम्मद अल्ताफ रहमान कमर तलक आयशा हिना कौशल पुष्पा कुमारी रीना पायल नीलम कुमारी प्रोफ़ेसर गीता पासवान प्रियांशु मिश्रा किरण पाठक ।
उधर रानीगंज इमामगंज मे भी हिंदी दिवस के अवसर पर कौटिल्य मंच के जिला सचिव योगेंद्र पांडे की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई जिसमें प्रमुख व्यक्तियों में ओम बाबू केडिया इशरत जमील शोभा कुमारी कुमारी आरती प्रतिमा सिंह राजेंद्र पांडे महेंद्र पांडे सुनील मिश्रा ज्ञानेश कुमार पांडे मदनलाल आलोक कुमार कंचन कुमारी अदिति कुमारी किरण देवी अंशु श्वेता सुबोध कुमार अरविंद प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के जिला सचिव योगेंद्र पांडे ने कहा हिंदी राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बुद्धिजीवी को आगे आकर क्रांतिकारी कदम उठाना चाहिए।
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.