आईआईएम बोधगया ने पर्यावरण संरक्षण और मातृभाषा के संवर्धन में प्रस्तुत की नई मिसाल.
गया जी (बिहार) : आईआईएम बोधगया ने सितंबर माह को सामाजिक उत्तरदायित्व और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनाते हुए दो महत्वपूर्ण अभियानों का आयोजन किया। एक ओर जहाँ संस्थान ने शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक राष्ट्रीय “स्वच्छता ही सेवा (SHS) 2025” अभियान के अंतर्गत व्यापक स्वच्छता गतिविधियाँ आयोजित कर पर्यावरण संरक्षण और समाज कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त किया, वहीं दूसरी ओर 14 से 30 सितंबर 2025 तक आयोजित हिंदी पखवाड़ा के माध्यम से मातृभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और महत्व को रेखांकित किया।
संस्थान की निदेशक डॉ. विनिता सहाय के नेतृत्व में परिसर में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस पहल में लगभग 800 छात्रों ने सक्रिय भागीदारी कर सामूहिक प्रयासों की शक्ति को प्रदर्शित किया। इस दौरान सफाईमित्र शिविर का भी आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य सफाई कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण और सहयोग प्रदान करना था, जिसका समन्वय नोडल अधिकारी (एसएसी, सरकारी कार्यक्रम) डॉ. विशाल वांखेडे और अध्यक्ष (एसएसी) डॉ. श्रीलेखा मिश्रा द्वारा किया गया। अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों और समुदाय में नागरिक जिम्मेदारी तथा पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देना था।

आईआईएम बोधगया में 14 से 30 सितम्बर 2025 तक हिंदी पखवाड़ा बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। इसकी शुरुआत हिंदी दिवस समारोह और पंचम अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, गांधीनगर (गुजरात) से हुई, जिसकी अध्यक्षता सहकारिता एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह ने की। संस्थान के प्रभारी राजभाषा श्री रवीन्द्र कुमार ने भी सम्मेलन में भाग लेकर हिंदी संवर्धन पर अपने विचार साझा किए। इस पखवाड़े का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना तथा इसकी प्रासंगिकता और महत्व को उजागर करना था।
इस अवसर पर संस्थान ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, गया से आए हिंदी विशेषज्ञ श्री अमरेश कुमार को आमंत्रित किया, जिन्होंने राजभाषा नीति और हिंदी के महत्व पर सत्र आरम्भ किया। पखवाड़े के दौरान वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, टिप्पण लेखन और प्रारूप लेखन जैसी प्रतियोगिताओं के साथ कार्यशालाओं एवं सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन सत्र में निदेशक डॉ. विनिता एस. सहाय और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुरेश चन्द्र ठाकुर ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया और हिंदी को कार्य, शिक्षा एवं जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार हिंदी पखवाड़ा 2025 ने न केवल संस्थान में हिंदी के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया बल्कि मातृभाषा के महत्व को सुदृढ़ रूप से स्थापित किया।
आईआईएम बोधगया ने इन दोनों आयोजनों के माध्यम से संदेश दिया कि सतत विकास और सांस्कृतिक पहचान एक-दूसरे के पूरक हैं। जहाँ स्वच्छता अभियान ने पर्यावरणीय जिम्मेदारी को संस्थान की मूल भावना का हिस्सा बनाया, वहीं हिंदी पखवाड़े ने मातृभाषा की प्रासंगिकता और महत्व को सुदृढ़ किया। इन पहलों के जरिए आईआईएम बोधगया न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को लगातार सशक्त करता रहा है
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.