औरंगाबाद (बिहार): जिला मुख्यालय स्थित पीएम श्री अनुग्रह मध्य विद्यालय के सभागार में सदर प्रखंड के नोडल शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय गैर-आवासीय समावेशी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य उदय कुमार सिंह एवं प्रशिक्षक राकेश कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्रशिक्षण के प्रारंभिक सत्र में प्राचार्य उदय कुमार सिंह ने नोडल शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि करेगा, बल्कि दिव्यांग बच्चों के प्रति उनका दृष्टिकोण और भी संवेदनशील एवं सहयोगी बनेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों में अद्भुत क्षमताएं होती हैं, आवश्यकता केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की है। वे किसी भी जटिल कार्य को पूरी दक्षता के साथ संपादित कर सकते हैं।
प्राचार्य ने दिव्यांगता के बावजूद सफल व्यक्तित्वों जैसे — प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, जानी-मानी नृत्यांगना सुधा चंद्रन तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. — का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी को उनके जीवन में एक प्रेरणादायक शिक्षक या मार्गदर्शक अवश्य मिला, जिसने उन्हें आगे बढ़ने की राह दिखाई।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए मॉड्यूल के अनुरूप प्रशिक्षक राकेश कुमार शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह प्रशिक्षण न केवल शिक्षकों के शिक्षण कौशल में सुधार करेगा, बल्कि उनके मानवीय दृष्टिकोण को भी परिष्कृत करेगा।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित, अस्थि दिव्यांगता, सेरेब्रल पाल्सी आदि से पीड़ित बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करना है। समावेशी शिक्षा की यह प्रक्रिया दिव्यांग छात्रों को समाज में आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रशिक्षक राकेश कुमार ने बताया कि प्राचार्य उदय कुमार सिंह ने चेन्नई स्थित तमिलनाडु स्पास्टिक सोसायटी से समावेशी शिक्षा पर प्रभावी प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसका लाभ अब प्रशिक्षु शिक्षकों को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक को इस प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है, जो भविष्य में विद्यालयों एवं पोषक क्षेत्रों में जाकर दिव्यांग बच्चों की काउंसलिंग करेंगे एवं उनकी सहायता करेंगे।
रिपोर्ट : विश्वनाथ आनंद.