रफीगंज विधानसभा क्षेत्र (संख्या-224) का माहौल 2025 के चुनाव में बिल्कुल अलग था। पिछले चौदह वर्षों से लगातार जनता के बीच रहकर सेवा करते आ रहे समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह आखिरकार तीसरी कोशिश में जनता की अपार प्रेम-आशीर्वाद से बाजी मारने में सफल हुए। उनकी जीत का सबसे बड़ा कारण था कि उन्होंने कभी क्षेत्र नहीं छोड़ा—दिन-रात जनता के बीच रहे और उसी सेवा का फल जनता ने उन्हें वापस दिया।
इस बार उन्हें एन.डी.ए. गठबंधन और जदयू के मुखिया बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रत्यक्ष समर्थन मिला। पार्टी ने उन्हें अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया, जिसने चुनाव को पूरी तरह उनके पक्ष में मोड़ दिया। 8 नवंबर 2025 को सुबह 10:15 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री विजय कुमार चौधरी रफीगंज के आर.बी.आर. खेल मैदान पहुँचे। दोनों ने एक घंटे तक मंच से जनता से उन्हें विजयी बनाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि रफीगंज और औरंगाबाद जिले में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं, जैसे कासमा में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना। उन्होंने मंच से सीधे कहा—“आप सभी एन.डी.ए. समर्थित जदयू उम्मीदवार प्रमोद कुमार सिंह को अवश्य जिताएँ, ताकि क्षेत्र का विकास और तेजी से हो।”
मुख्यमंत्री ने मंच से प्रमोद कुमार सिंह की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे लंबे समय से जनता के बीच रहकर ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
इसी समर्थन को मजबूत करते हुए 6 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय लोक मोर्चा के संस्थापक और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा भी रफीगंज पहुँचे। उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए अपील की कि “यदि आप प्रमोद कुमार सिंह को जीताते हैं, तो मुझे जीताते हैं।”
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 9 नवंबर 2025 को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तथा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा मदनपुर के पहाड़ों से घिरे मैदान में विशाल सभा को संबोधित करने पहुँचे। इससे पहले आर.बी.आर. के मैदान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में महेश्वर प्रसाद हजारी और हम (से.) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राजेश पांडेय ने भी उनकी कार्यशैली की जोरदार सराहना की। लगातार बारिश के बावजूद कार्यकर्ता भीगते हुए भी मैदान में डटे रहे और “प्रमोद कुमार सिंह जिंदाबाद” के नारों से माहौल गूंजता रहा।
इस दौरान मंच पर जदयू के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह भी मौजूद थे, जिन्हें प्रमोद कुमार सिंह ने 2020 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहते हुए हराया था। इन दोनों के बीच वर्षों से विरोध रहा, मगर इस सभा में दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर एकजुटता का संदेश दिया।
हालांकि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 8 नवंबर को जनसभा करने आए, उस दिन पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह मंच से नदारद रहे। इससे पूरे जिले में चर्चा छिड़ गई कि 10 साल के विधायक रहे व्यक्ति अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री के सामने भी नहीं आए—लोग इसे लेकर तरह-तरह की बातें करते रहे।
7 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने देव सूर्य मंदिर मोड़ पर विशाल सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि राजद के शासन में “नौकरी के बदले जमीन” का खेल चलता था और कांग्रेस ने देश को पीछे किया। उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. सरकार ने बिना भेदभाव विकास किया और अब भारत इतना मजबूत है कि पाकिस्तान भी आंख नहीं दिखा सकता। मोदी ने मंच से कहा—“मैंने कहा था राम मंदिर बनेगा—बना। 370 हटेगा—हटा। किसान सम्मान निधि और आवास योजना जैसी योजनाएँ आज भी बिना रुके चल रही हैं। मोदी जो कहता है, वो करता है।”
इस चुनाव में एक खास बात यह भी रही कि जिन लोगों ने वर्षों से प्रमोद कुमार सिंह का विरोध किया था, वे भी इस बार एन.डी.ए. प्रत्याशी होने के कारण उनके साथ खड़े हो गए। स्वयं प्रमोद कुमार सिंह ने कहा था कि यदि कभी कोई गलती हुई हो, तो उसे भूलकर इस बार सब साथ आएं। समाज ने भी दिल खोलकर समर्थन दिया।
परिणाम सबके सामने है—14 वर्षों की निस्वार्थ सेवा का फल जनता ने उन्हें विधायक बनाकर दिया। प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि रफीगंज की जनता उनके लिए परिवार जैसी है। जितना अधिकार उनके परिवार को उनकी संपत्ति पर है, उतना ही अधिकार रफीगंज के हर मतदाता का भी है। उन्होंने क्षेत्र को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने और ईमानदारी से चौमुखी विकास करने का संकल्प दुहराया।
2015 में वे पहली बार लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और उपविजेता बने। 2020 में टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़े और रिकॉर्ड 53,896 मत पाकर फिर दूसरे स्थान पर रहे—यहाँ तक कि 10 साल के जदयू विधायक अशोक कुमार सिंह को भी तीसरे स्थान पर पहुँचा दिया।
इन 14 वर्षों में उन्होंने निजी खर्च से जितने विकास कार्य कराए, उतने आजतक किसी विधायक या सांसद ने नहीं किए—यह बात आज भी पूरे जिले में चर्चा का विषय है।
17 अक्टूबर 2025 को नामांकन के दिन मदनपुर मैदान में आयोजित सभा में ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. श्रवण कुमार और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने भी कहा था कि “बिहार में फिर जंगलराज नहीं आने देना है। एन.डी.ए. प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिंह को विजयी बनाएं ताकि रफीगंज में विकास की गति बनी रहे।
जैसे भगवान श्रीराम ने 14 साल वनवास में जनता के लिए कष्ट सहे, वैसे ही प्रमोद कुमार सिंह ने भी 14 साल क्षेत्र में रहकर जनता की सेवा की। उसी सेवा का परिणाम है कि आज जनता ने उन्हें अपना विधायक बनाकर सम्मान दिया।
रिपोर्ट : अजय कुमार पाण्डेय / अनिल विश्वकर्मा.
