राजगीर (नालंदा) / गया जी (बिहार): नालंदा जिले के ऐतिहासिक नगर राजगीर के स्टेट हॉकी मैदान परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव के समापन अवसर पर देश के प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार को “राजगीर महोत्सव सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया। उन्होंने इस महोत्सव में “विकसित बिहार” की थीम पर भव्य रेत कला प्रस्तुत कर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
यह सम्मान बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा जिला प्रशासन नालंदा की ओर से दिया गया। मुख्य मंच पर नालंदा के एडीएम राजीव रंजन और जिला कला पदाधिकारी शालिनी प्रकाश ने संयुक्त रूप से उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
राजगीर महोत्सव के दौरान सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने कड़ाके की ठंड में लगभग 12 घंटे तक लगातार मेहनत करते हुए करीब 100 टन बालू से 10 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी विशाल रेत कलाकृति का निर्माण किया। यह कलाकृति बिहार सरकार की “विकसित बिहार” की परिकल्पना और सात निश्चय-3 योजना पर आधारित थी।
अपनी रेत कला के माध्यम से मधुरेंद्र कुमार ने बिहार में रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास, कृषि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और तकनीक आधारित सुशासन का सशक्त संदेश दिया। उनकी इस कलाकृति ने लोगों को बिहार के विकास की दिशा और योजनाओं के प्रति जागरूक किया।
महोत्सव में उपस्थित जिलाधिकारी कुंदन कुमार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों, कला प्रेमियों और देश-विदेश से आए पर्यटकों ने मधुरेंद्र की रेत कला की जमकर सराहना की। यह कलाकृति पूरे महोत्सव का मुख्य आकर्षण बनी रही। बड़ी संख्या में दर्शक इसे देखने पहुंचे और इसके साथ फोटो व सेल्फी लेते नजर आए।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार पिछले करीब 20 वर्षों से राजगीर महोत्सव के मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इससे पहले भी वे कई बार सम्मानित हो चुके हैं और नालंदा व बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को रेत कला के माध्यम से देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत कर चुके हैं।
मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि 100 टन रेत से बनी यह अनूठी कलाकृति न केवल राजगीर महोत्सव की शोभा बढ़ा रही है, बल्कि सात निश्चय-3 योजना के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के संदेश को आम लोगों तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।
रिपोर्ट : विश्वनाथ आनंद.
