बहुत समय से विश्व के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय को लेकर एक आम धारणा रही है कि वे पारंपरिक होते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षाकृत पीछे रहते हैं. विशेषकर पश्चिमी देशों में, जहां इस्लाम को अक्सर कट्टरता, रूढ़िवादिता और असामाजिक सोच के साथ जोड़ा जाता रहा है, वहां यह धारणा और भी गहराई से जमी हुई थी. लेकिन हाल ही में आई PEW Research Center की एक रिपोर्ट ने इन सभी पूर्वाग्रहों को झुठला दिया है.
PEW की ‘Religious Landscape Study (RLS) 2023-24’ में यह चौंकाने वाला लेकिन गर्व से भर देने वाला तथ्य सामने आया है कि अमेरिका में मुस्लिम समुदाय सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा है. यह रिपोर्ट अमेरिकी समाज में मौजूद अलग-अलग धार्मिक और गैर-धार्मिक समूहों की शैक्षिक स्थिति की गहन जांच के बाद प्रकाशित की गई है.
शिक्षा में सबसे आगे मुस्लिम समुदाय:
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में रहने वाले मुसलमानों की बड़ी आबादी ग्रेजुएट या उससे उच्च डिग्री धारक है. ये आंकड़े सिर्फ धार्मिक समुदायों से तुलना में ही नहीं, बल्कि नास्तिकों और अन्य गैर-धार्मिक समूहों से भी मुस्लिम समुदाय को आगे दिखाते हैं. अध्ययन में पाया गया कि मुसलमानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की दर ईसाइयों, यहूदियों और यहां तक कि नास्तिकों से भी बेहतर है.
धार्मिकता और आधुनिकता का मेल:
इस रिपोर्ट का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि अमेरिकी मुस्लिम समुदाय धार्मिक होने के बावजूद शिक्षा को सर्वोपरि मानता है. अक्सर यह धारणा होती है कि धार्मिक समुदाय आधुनिक शिक्षा से दूर रहते हैं या विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में रुचि नहीं लेते. लेकिन PEW की रिपोर्ट बताती है कि मुस्लिम समुदाय में धार्मिक आस्था और आधुनिक सोच का बेहतरीन संतुलन है.
इसका मुख्य कारण है इस्लामी परंपराओं में ज्ञान को सर्वोच्च महत्व देना. कुरान में कई स्थानों पर पढ़ाई, सीखने और चिंतन करने को सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक बताया गया है. संभवतः यही सोच मुस्लिम समुदाय के युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करती है.
सामाजिक पूर्वग्रहों को तोड़ता डेटा:
अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में मुस्लिमों के प्रति एक सामान्य पूर्वग्रह यह रहा है कि वे समाज की मुख्यधारा से कटे हुए हैं और शिक्षा, रोजगार या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं. लेकिन यह रिपोर्ट इस सोच को पूरी तरह से बदलने वाली है.
मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा में भूमिका:
एक खास बात जो रिपोर्ट में उभर कर आई है वह है मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा में भागीदारी. अक्सर मुस्लिम महिलाओं को लेकर यह धारणा होती है कि वे परंपराओं में बंधी हुई होती हैं और शिक्षा से वंचित रहती हैं. लेकिन यह रिपोर्ट इस मिथक को भी तोड़ती है.
मुस्लिम महिलाएं अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों में अग्रणी हैं. कई मुस्लिम महिलाएं साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) जैसे कठिन क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. समाजिक जागरूकता के साथ-साथ करियर-फोकस्ड अप्रोच मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है.
अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम समुदाय के लिए संदेश:
इस रिपोर्ट का महत्व केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है. यह विश्वभर के मुस्लिम समुदायों के लिए एक प्रेरणा है कि अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो कोई भी समुदाय शिक्षा और सामाजिक प्रगति में अग्रणी बन सकता है. यह डेटा इस बात का प्रमाण है कि इस्लाम और शिक्षा एक-दूसरे के विरोध में नहीं, बल्कि पूरक हैं.
रोजगार और प्रोफेशनल उपलब्धियां:
शिक्षा के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय रोजगार और प्रोफेशनल क्षेत्रों में भी सफल होता दिख रहा है. बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा टेक्नोलॉजी कंपनियों, मेडिकल फील्ड, लॉ और बिजनेस में अग्रणी पदों पर हैं.
सिलिकॉन वैली और न्यूयॉर्क जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम प्रोफेशनल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कई मुस्लिम उद्यमियों ने स्टार्टअप्स के जरिए वैश्विक पहचान बनाई है.
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और समुदाय की भूमिका:
मुस्लिम समुदाय की इस सफलता में केवल व्यक्तिगत प्रयास ही नहीं, बल्कि सामाजिक सहयोग, धार्मिक संगठनों की भूमिका और सरकारी नीतियों का भी योगदान है.
कई इस्लामिक सेंटर और मस्जिदों में शैक्षिक कार्यक्रम चलाए जाते हैं. मुस्लिम परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. अमेरिका में शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर मिलने से मुस्लिम समुदाय को आगे बढ़ने में मदद मिली.
इस रिपोर्ट से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में न केवल मुस्लिम समुदाय की छवि सुधरेगी, बल्कि दुनिया भर में शिक्षा को प्राथमिकता देने की एक नई लहर भी चलेगी जिसका असर पूरी दुनिया के लिए खुशहाली लाने में मदद करेगा.
रिपोर्ट: ITN Desk.