सोमवार 11 अगस्त 2025 को ही मनाई जाएगी मां विंध्यवासिनी का 55वां जन्मदिन समारोह: मंदिर कमेटी अध्यक्ष

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मंदिर कमेटी के अध्यक्ष, भगवान दत्त पाठक (राजन पाठक)

मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश): प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा अनुसार श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र, विंध्याचल के बैनर तले मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह आगामी सोमवार, दिनांक 11 अगस्त 2025 को ही धूमधाम से मनाया जाएगा।

इसकी जानकारी समाचार प्रेषण पूर्व मंदिर कमेटी के अध्यक्ष, भगवान दत्त पाठक (राजन पाठक) ने स्वयं संवाददाता से मोबाइल पर हुई बातचीत के क्रम में दी है।

बातचीत के क्रम में ही मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्री भगवान दत्त पाठक (राजन पाठक) ने संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां विंध्यवासिनी के जन्मदिन समारोह में देशभर के चर्चित जागरण कलाकार पहुंचकर भाग लेंगे और संध्या पश्चात से अपनी प्रस्तुति आरंभ कर पूरी रात तक प्रस्तुति देंगे।

इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलौर एवं देश के विभिन्न राज्यों से भी चर्चित जागरण कलाकार भाग लेंगे।

इसके बाद मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने संवाददाता को यह भी बताया कि सभी के उदार सहयोग और स्नेह के कारण ही विगत कई वर्षों से पराम्बिका मां, जगत जननी मां विंध्यवासिनी के पुण्य अवतरण के उपलक्ष्य में वृहद श्रृंगार, पूजन-पाठ, प्रसाद वितरण एवं अखिल भारतीय संगीत समारोह का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न होता आ रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत के कलाकारों का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

कार्यक्रम का मुख्य आतिथ्य स्वीकार कर अब तक देश के केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनेताओं ने इस आयोजन को गरिमा प्रदान की है। कार्यक्रम की सफलता में माननीय प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति द्वारा प्राप्त प्रशंसा-पत्र ने संस्था का उत्साहवर्धन किया है।

संस्था अपने उद्देश्यों के प्रति सचेष्ट होकर अग्रसरित है। इस आयोजन की सफलता का श्रेय मां विंध्यवासिनी के उन अनन्य भक्तों को जाता है जिन्होंने कार्यक्रम को तन, मन और धन से सफल बनाने हेतु श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र को पूर्ण समर्पित सहयोग प्रदान किया है।

यह पुनीत आयोजन भक्तों के यथाशक्ति सहयोग से ही होता रहा है।

ध्यान देने योग्य है कि मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के एक दिन बाद, यानी भादो कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि को ही विंध्यवासिनी आराधना केंद्र के बैनर तले परंपरा अनुसार मनाया जाता है। इसमें देश भर के चर्चित जागरण कलाकार संध्या पश्चात से अपनी प्रस्तुति आरंभ करते हैं और रातभर कार्यक्रम चलता है, जिसमें श्रद्धालु भक्त भी शामिल होकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत पड़ने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) – प्रयागराज (इलाहाबाद) मुख्य रेलखंड पर स्थित विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी का देशभर में प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

यह वही जगत जननी मां विंध्यवासिनी का मंदिर है जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस ने मारने का प्रयास किया था। कंस ने मां को जमीन पर पटककर मारना चाहा, लेकिन तब मां विंध्यवासिनी आकाश में उड़ते हुए प्रकट हुईं और कंस को चेतावनी दी कि – “तुम मुझे क्या मारोगे, दुष्ट कंस! तुम्हें तो मारने वाला माता देवकी का आठवां पुत्र श्रीकृष्ण जन्म ले चुका है, जो अब वृंदावन में है।”

इसके बाद जगत जननी मां विंध्यवासिनी आकाशीय मार्ग से उड़कर विंध्य पर्वत (उत्तर प्रदेश) के विंध्याचल में आकर विराजमान हो गई थीं। आज देश ही नहीं, बल्कि विश्वभर में मां विंध्यवासिनी का नाम और मंदिर प्रसिद्ध है। मां विंध्यवासिनी को माता यशोदा की पुत्री भी माना जाता है।

रिपोर्ट : अजय कुमार पाण्डेय.

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