पटना (बिहार): वोट अधिकार यात्रा के अंतिम दिन, 31 अगस्त 2025 की रात से 1 सितंबर की दोपहर तक, सम्पूर्ण पटना में जनसैलाब उमड़ पड़ा। ऐतिहासिक गांधी मैदान से लेकर डाक बंगला चौराहा, नेहरू पथ, बेली रोड, पटना उच्च न्यायालय के पास स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थल समेत सभी प्रमुख मार्गों और शहर में प्रवेश करने वाले रास्तों पर, कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीआई (एम), माले और वीआईपी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता हाथों में पार्टी झंडा लिए एक ही नारा बुलंद कर रहे थे—”वोट चोर, गद्दी छोड़!”
इस आंदोलन में बिहार के 38 जिलों से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि जनता राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए तपती धूप की परवाह किए बिना उमड़ पड़ी।
राज्य सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर सभा की अनुमति न मिलने के कारण, मुख्य जनसभा डाक बंगला चौराहे पर आयोजित की गई, जिसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, डी. राजा (सीपीआई), दीपांकर भट्टाचार्य (माले), मुकेश साहनी (वीआईपी) और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित INDIA गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने सभा को संबोधित किया।
नेताओं ने इसे एक “जनांदोलन की शुरुआत” बताया और कहा कि वोट अधिकार यात्रा अब पूरे देश में परिवर्तन की अलख जलाएगी। गया जिले के 24 प्रखंडों, 332 ग्राम पंचायतों, 208 नगर निकायों और 3246 बूथों से हजारों लोग पटना पहुंचे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज बुलंद की।
रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद।