पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मेरठ में ऐतिहासिक बाजार बंद का आह्वान

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सस्ता और सुलभ न्याय की लड़ाई: पश्चिम यूपी बंद के समर्थन में उतरा मेरठ संयुक्त पार्षद दल

मेरठ नगर निगम के संयुक्त पार्षद दल की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन को खुला समर्थन दिया गया है। इसी क्रम में आज मेरठ बार एसोसिएशन के कचहरी सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा और सेक्रेटरी राजेंद्र सिंह राणा से मुलाकात कर उन्हें समर्थन पत्र सौंपा गया।

संयुक्त पार्षद दल ने आगामी 17 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश बंद के समर्थन में शहर के सभी व्यापारियों, वाहन चालकों और विभिन्न संगठनों से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की है। पार्षद दल का कहना है कि सस्ता और सुलभ न्याय पाने के लिए यह बंद बेहद जरूरी है और इसे ऐतिहासिक बनाना समय की मांग है।

इस बंद के आह्वान में सभी व्यापारी भाइयों, व्यापार संघों, ट्रक, बस, ऑटो रिक्शा, बैटरी रिक्शा, मोटरसाइकिल चालकों, ठेला चालकों, सब्जी मंडी, फल मंडी, किराना मंडी, मेडिकल स्टोर, चिकित्सक संगठनों, पेट्रोल पंप संचालकों और गली-मोहल्लों के छोटे व्यापारियों से सहयोग की अपील की गई है। संयुक्त पार्षद दल ने साफ कहा कि यह आंदोलन किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता की लड़ाई है।

पार्षद दल ने सभी पार्षदों से भी आग्रह किया है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने-अपने वार्डों और मोहल्लों में बंद को सफल बनाने का काम करें। उनका कहना है कि पिछले लगभग 60 वर्षों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता और आम लोग न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक भेदभाव के चलते आज तक उन्हें उनका हक नहीं मिला।

संयुक्त पार्षद दल ने केंद्र सरकार, पूर्ववर्ती प्रदेश सरकारों और वर्तमान सरकार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जानबूझकर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह क्षेत्र आबादी, आर्थिक योगदान और न्यायिक जरूरतों के लिहाज से हाईकोर्ट बेंच का पूरा हकदार है, लेकिन इसके बावजूद लगातार अनदेखी की जा रही है।

पार्षदों ने कहा कि अब “करो या मरो” की नीति के तहत इस बाजार बंद को ऐतिहासिक बनाना होगा, ताकि सत्ता में बैठे लोग पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं, किसानों, व्यापारियों, छात्रों, नौजवानों और जनप्रतिनिधियों के साथ खिलवाड़ न कर सकें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की घोषणा नहीं की गई, तो वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।

संयुक्त पार्षद दल ने अधिवक्ताओं के आंदोलन को पूरी तरह जायज बताते हुए उसे पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की और सभी वर्गों से 17 दिसंबर के बंद में भागीदारी करने की अपील की।

इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में पूर्व पार्षद शाहिद अब्बासी, पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप कीर्ति, इकराम सैफी, इकराम बालियान, एहसान अंसारी, महफूज गुड्डू, मोबीन, दानिश सैफी, शब्बीर अहमद, रामदत्त शर्मा, संगीता राहुल, सोहनलाल, आंचल, नरेश मलिक, गजेंद्र सिंह धीरे भैया, सलीम मलिक, विपिन जिंदल, अफजल चौधरी, राहत जहां, कयूम अंसारी, आस मोहम्मद, शमीम चौधरी, एडवोकेट कामरान जुबेरी, शाहिद पहलवान, नजमा, पंकज कतीरा, सारिका शर्मा, सुमित शर्मा, खुर्शीद दुन्नी मलिक, मुस्तकीम मलिक, नवाब पहलवान और शकीला नवाब सहित कई पूर्व और वर्तमान पार्षद मौजूद रहे।

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