औरंगाबाद: ( बिहार ) लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के प्रदेश महासचिव / रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी / सन् 2020 के बिहार – विधानसभा चुनाव में रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी चुनाव लड़कर रिकॉर्ड मत 53,896 प्राप्त कर, दूसरे स्थान पर पहुंच चुके एवं समाजसेवी, प्रमोद कुमार सिंह से जब संवाददाता की मुलाकात जिला मुख्यालय स्थित आवास पर हुई, तो सवाल पूछा कि गुरुवार को अंचल कार्यालय, औरंगाबाद में विपक्षी ने घेराव किया है.
भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर, की यहां व्याप्त भ्रष्टाचार है, और जनता द्वारा शिकायत प्राप्त हुआ. इसके आलोक में घेराव किया है, तथा स्थानीय सदर विधायक आनंद शंकर सिंह ने कहा है कि यदि यह व्यवस्था नहीं सुधरी. भ्रष्टाचार के मामले में, अंचल कार्यालय पर, तो हर तीसरे दिन हम यहां मौजूद रहेंगे. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहना चाहेंगे? जबकि आपकी सरकार है?
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नहीं ठीक है. विपक्ष का तो काम ही है जनता की बातों को सुनकर के, जहां जनता परेशान रहेगी, और जनता का जहां काम नहीं होगा, तो उनका प्रथम दायित्व बनता है. जो विपक्ष में है, और सदर विधायक नवयुवक है. जनता से डायरेक्ट जनता से जुड़े हुए हैं, और उनको लगा होगा कि ये समस्या है, और समस्या का निदान नहीं हो रहा है, तो वो ब्लॉक उनका है. वो सदर के विधायक हैं. हर तीसरे दिन उनको जनता की समस्या को लेकर बैठना भी चाहिए, और समस्या का निदान भी कराना चाहिए.
इसके बाद उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारी अभी सरकार को बदनाम कर रहे हैं. जैसे: विशेष कर हर प्रखंडों में जो सी.ओ. लोग हैं. इनका कार्य सही ढंग से नहीं है. मैं भी सरकार में रहते हुए ही बात कर रहा हूं, कि ऐसे जो जमीन के मामला में जितना भी हर प्रखंड में सी.ओ. लोग हैं. वो उनका कार्यकाल सही नहीं चल रहा है. ये एक सरकार की बदनामी हो रही है. हर प्रखंडों में इसका शिकायत है, तो सदर विधायक अच्छा काम कर रहे हैं, और करें, और यदि वो हर तीसरा दिन ब्लॉक में आएंगे. भ्रष्टाचार के खिलाफ में, तो ये पदाधिकारी वहां पर बैठेंगे, तो जनता का काम होगा, और करवाना भी चाहिए. उनको आना चाहिए, और विपक्ष का वो दायित्व भी बन रहा है.
तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि ब्लॉक में पासवर्ड लॉक किए जाने की बात हो रही है, और एक दूसरे पर थोपा जा रहा है, कि हम नहीं करेंगे. उनके पास जाइए, तो वो कहते हैं कि उनके पास जाइए, और पब्लिक का कहना है कि आखिर परमिशन कौन देगा? ये मार्गदर्शन मांगे ना अगला से?
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अब ये जो विभागीय बात है. यह सत्य है. मैं पहले ही बताया कि यहां जो कुछ पदाधिकारी जिला में बैठे हैं. मुख्य पदाधिकारी, वो स्वयं शह देते हैं. निचले पदाधिकारी को गलत करने के लिए. इसमें हमारी सरकार बदनाम हो रही है, और विपक्ष कमजोर है. मैं पहला सुन रहा हूं आपसे. बड़ी खुशी हो रही है, कि विपक्ष इस मुद्दा को उठाई है, कि जनता का काम नहीं होगी, तो हम हर तीसरे दिन ब्लॉक पर आएंगे. उनको करना चाहिए. हर विधानसभा में होना चाहिए. कारण उससे हमारा निखार होगा. जिस तरह से हमारे मुख्यमंत्री महोदय जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं. वो धरातल पर नहीं उतर पा रही है. इन अधिकारियों के कारण, और अधिकारी जो है. वो मनमाना करके अपना स्वयं का, उसमें मतलब भागीदारी रखते हैं. जिसके कारण से सही काम नहीं हो पा रहा है, और जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है.
इसके बाद उन्होंने जनता हित में काम नहीं करने वाले पदाधिकारी पर प्रहार करते हुए कहा कि आप काम करने के लिए बैठे हैं. आपकी बहाली जनता के काम के लिए हुआ है. ईमानदारी पूर्वक आप काम करेंगे, तो ये बात उठेगी ही नहीं. विपक्ष को मौका ही नहीं मिलेगा. लेकिन हम तो पहले ही बताए कि हमारे कुछ पदाधिकारी, मेन पदाधिकारी जो जिला में बैठे हुए हैं. उनके शह से, हर प्रखंडों में भ्रष्टाचार निश्चित रूप से हो रही है. मेरे पास भी शिकायतें आती है. लेकिन हम लोग तो बंधे हुए हैं, कि हम लोग सरकार में हैं. हम इस बात को नहीं उठा सकते हैं. लेकिन जब आप पूछे हैं, तो हम यदि ऐसा विपक्ष के विधायक जनता हित में काम कर रहे हैं, तो इसका मैं स्वागत करता हूं.
तब फिर संवाददाता ने लोजपा ( रामविलास ) के प्रदेश महासचिव सह समाजसेवी, प्रमोद कुमार सिंह से सवाल पूछा कि आपके रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में भी जो है. मामला सामने आ रहा है, कि ट्रस्ट की जो भूमि है. जमींदारी काल में जो दान में दी गई है. उसका भी वहां के भू – माफिया लोग जो हैं. हेरा – फेरी कर रहे हैं. इसलिए आप इस मुद्दे पर क्या कहेंगे.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हां निश्चित रूप से, वो आए थे. राधा कृष्ण मंदिर के ट्रस्ट की जमीन 75 डिसमिल है. अभी जिसके बारे में हमें जानकारी मिली है, और उसमें जो भू – माफिया हैं. उस जमीन को पदाधिकारियों द्वारा मिलकर के बेच रहे हैं, और कुछ बिकी भी हैं. रजिस्ट्री भी हुई है, जो गलत है. हमने उनसे प्रमाणित रूप से कागज मांगा है. जो मेरे पास आए थे, और उस कागज को लेकर के मैं डी.एम. के पास जाऊंगा, और ट्रस्ट जो है. वो राधा – कृष्ण जी के ट्रस्ट में बहुत सा जमीन है. लेकिन फर्जी कागज बनाकर के, उसको लोग सेल कर रहे हैं. जिसमें भू – माफिया बड़ी सक्रिय है, और पदाधिकारी भी सक्रिय हैं वहां. रफीगंज में अभी सबसे बड़ा प्रॉब्लम है, कि वहां सी.ओ. नही हैं. सी.ओ. से ना बात होती है. ना पदस्थापित हैं, और एक मदनपुर का आर.ओ. अभी चार्ज में हैं. उनको उतना समझ नहीं है. जिससे जनता भी काफी परेशान है. हम जब रफीगंज के एक-एक घर के, एक-एक व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं, तो वहां के लोग टेलीफोन के माध्यम से हमें बताते हैं, कि सर सी.ओ. कार्यालय में हम लोग जा रहे हैं. कुछ काम नहीं हो रहा है, तो ये बहुत बड़ी समस्या है, और ये जो राधा – कृष्ण मंदिर की ट्रस्ट वाली जमीन की बात हुई है. बहुत बड़ा समस्या है, कि उस ट्रस्ट के जब भगवान को भी लोग नहीं छोड़ रहा है, और भू – माफिया उसको बेच करके, पैसा के चक्कर में. अकेले इनका हिम्मत नहीं है. वो उसमें पदाधिकारी भी संलग्न हैं, संलिप्त हैं. ये बहुत बड़ा मामला है, जिसे मैं उठाऊंगा.
तब फिर संवाददाता ने लोजपा ( रामविलास ) को प्रदेश महासचिव सह समाजसेवी से सवाल पूछा कि इसके नाम पर फर्जी रसीद भी काटा गया है. मामला सामने आ रहा है कि फर्जी रसीद भी काट दिया जाता है अंचल कार्यालय से, और नये – नये ग्राहकों को रोज बुलाकर के लोग जमीन दिखाते हैं, और जमीन का पैसा भंजाते हैं, भू – माफिया लोग.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले ही बताया कि भू – माफिया कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से ये काम करवा रहे हैं, और ये संज्ञान में आया है मामला. मैं इस मामला को लेकर के डी.एम. के पास जाऊंगा.
तब संवाददाता ने सवाल पूछा कि सी.ओ. के संबंध में कहा जा रहा है, कि रफीगंज में सी.ओ. बैठते ही नहीं है. मदनपुर सी.ओ. का अभी चार्ज है, और जनता जो है, बराबर जा रही है. लेकिन मुलाकात ही नहीं होती है.
तब संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नहीं. मदनपुर का सी.ओ. नहीं है, आर.ओ. चार्ज में है वहां, और वो आर.ओ. को जितना समझ है. उतना काम कर रहे हैं. मैं पहले ही बताया कि वहां की जनता परेशान है, और उन लोग टेलिफोनिक माध्यम से हमें बताए भी हैं, कि सी.ओ. कार्यालय में काम जनता का नहीं हो पा रहा है. ये बहुत बड़ा सवाल है. अभी चुनाव नजदीक है. ऐसे ये तो जिला – प्रशासन को सोचना चाहिए, कि यहां बैठे पदाधिकारी जो जिला में हैं. मैं तो पहले ही बताया कि औरंगाबाद के इतिहास में एक बहुत बड़ा काला कार्यकाल है. जो अभी के यहां बड़े पदाधिकारी डी.एम. बैठे हुए हैं. जो सिर्फ और सिर्फ जीते हुए प्रत्याशियों का ही सुनते हैं, और उनका जहां पे अपना स्वयं का लाभ होगा. वही काम करते हैं, और पदाधिकारी का मनमाना उनके तरफ से ही हो रहा है पूरे जिला में, और इससे सरकार बदनाम हो रही है.
रिपोर्ट : अजय कुमार पाण्डेय.