झकझोर देने वाला खुलासा: लाइव टीवी पर बीजेपी प्रवक्ता की राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी – क्या भारतीय राजनीति ने सारी हदें पार कर दी?

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नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025 – एक ऐसी घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है, जिसमें बीजेपी के प्रवक्ता ने लाइव टीवी डिबेट के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी को “सीने में गोली मारने” की खुली धमकी दी है।
जी हां, आपने सही पढ़ा – करोड़ों लोगों के सामने, राष्ट्रीय टेलीविजन पर, सत्ताधारी पार्टी के एक प्रतिनिधि ने हत्या की धमकी दी।

यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि 28 सितंबर 2025 को भारतीय लोकतंत्र के सामने घटित एक भयावह सच्चाई है। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, सवाल उठने लगे – क्या यह अकेली नफरत भरी टिप्पणी है, या फिर राजनीतिक असहमति के खिलाफ बढ़ती हिंसा का संकेत?

घटना क्या थी: लाइव टीवी पर खुलेआम “गोली मारने” की धमकी

यह घटना न्यूज़18 केरल चैनल पर एक तीखी डिबेट के दौरान हुई, जिसका विषय था – लद्दाख में बढ़ते तनाव। राहुल गांधी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों के कटु आलोचक रहे हैं। डिबेट में अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधि एक-दूसरे से उलझ रहे थे।

उसी दौरान बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व ABVP (RSS की छात्र इकाई) अध्यक्ष प्रिंटू महादेव ने कैमरे की ओर झुकते हुए कहा:

“राहुल गांधी को सीने में गोली मारी जाएगी।”

वीडियो (करीब 50 सेकंड लंबा) में उनका चेहरा बेहद गंभीर, शब्दों में ज़हर और इशारे साफ़ तौर पर धमकी देते नज़र आते हैं। एंकर स्तब्ध रह गया, और बाकी पैनलिस्ट भी असहज दिखे। यह कोई ज़ुबान फिसलना नहीं था – यह एक जानबूझकर दी गई धमकी थी।

सुबह होते ही #DeathThreatToRahulGandhi ट्रेंड करने लगा और लोग वीडियो को अविश्वास के साथ शेयर करने लगे।

एक परिवार की शहादत, और अब लाइव टीवी पर धमकी!

राहुल गांधी पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियाँ झेल चुके हैं। उनका परिवार दो बार इस तरह की राजनीतिक हिंसा का शिकार हुआ – इंदिरा गांधी (1984) और राजीव गांधी (1991)। लेकिन लाइव टीवी पर इस तरह की धमकी देना, यह लोकतंत्र के लिए एक नई और खतरनाक स्थिति है।

कांग्रेस ने इस बयान को “पूर्व नियोजित और क्रूर हत्या की धमकी” बताया और तुरंत FIR दर्ज करने की माँग की। लेकिन केरल पुलिस अब तक चुप्पी साधे हुए है, जिससे यह शक और गहराता है कि बीजेपी और CPM के बीच कोई साठगांठ है।

कौन है प्रिंटू महादेव? कैंपस आंदोलन से लेकर टीवी स्टूडियो तक की कट्टर राजनीति

प्रिंटू महादेव कोई अजनबी चेहरा नहीं हैं। वे केरल में बीजेपी के एक जाने-माने कट्टरपंथी नेता हैं, जो लंबे समय से संघ परिवार से जुड़े रहे हैं। ABVP के राज्य अध्यक्ष रहते हुए, उन्होंने कई बार “लव जिहाद”, CAA विरोध, और हिंदुत्व के मुद्दों पर आक्रामक प्रदर्शन किए।

बीजेपी प्रवक्ता बनने के बाद वे लगातार टीवी पर आकर पार्टी की कट्टर विचारधारा का बचाव करते रहे हैं। लेकिन इस बार उनका बयान सीधे आपराधिक सीमा को पार कर गया।

सूत्रों के अनुसार, वे एक “सोची-समझी रणनीति” के तहत विवादित बयान देते हैं ताकि पार्टी के कट्टर समर्थकों को उकसाया जा सके। पहले भी उनके वीडियो सामने आए हैं, लेकिन इस बार की हिंसा की खुली धमकी ने सबको स्तब्ध कर दिया है।

कांग्रेस का जवाब: अमित शाह को चिट्ठी, और तीन कड़े सवाल

कांग्रेस ने सिर्फ निंदा नहीं की, बल्कि तुरंत कार्रवाई की। केसी वेणुगोपाल ने 28 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह को एक सख्त चिट्ठी लिखी, जिसमें इस बयान को “भयावह और अमानवीय” बताया गया।

उन्होंने त्वरित और सार्वजनिक कार्रवाई की मांग की और याद दिलाया कि राहुल गांधी को Z+ सुरक्षा प्राप्त है और उन पर पहले से खतरे के अलर्ट मौजूद हैं – जिनमें से एक तो मीडिया में लीक भी हो गया था।

पवन खेड़ा ने बयान दिया: “सरकार राहुल गांधी की सुरक्षा से खेल रही है।”

वी.डी. सतीशन (केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता) ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने इसे “गांधीवादी लोकतंत्र का अपमान” बताया।

कांग्रेस ने बीजेपी से तीन स्पष्ट सवाल पूछे:

  1. क्या राहुल गांधी के खिलाफ यह कोई संगठित साज़िश है क्योंकि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा से सरकार को चुनौती दी है?
  2. क्या बीजेपी राजनीतिक हिंसा और धमकियों से माहौल बना रही है?
  3. क्या विपक्ष की आवाज को बंद करने के लिए डर और दमन का सहारा लिया जा रहा है?

सोशल मीडिया पर बवाल:

#IStandWithRahulGandhi ट्रेंड में

जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर तूफान आ गया।
X (पूर्व में ट्विटर) पर यह वीडियो 1 करोड़ से अधिक बार देखा गया।

कांग्रेस समर्थक @RavinderKapur2 ने लिखा:

“जब मोदी-शाह की पकड़ ढीली होती है, तो उनके प्रवक्ता धमकी पर उतर आते हैं।”

युवा कांग्रेस नेता उदय भानु छिब ने हिंदी में लिखा: “एक गांधी को मारा था, अब दूसरे गांधी को मारने की योजना है।”

यहां तक कि तटस्थ अकाउंट्स ने भी सवाल उठाया:

अब पॉलिसी पर बहस टीवी पर गोलियों की बात से होगी?”

ArrestPrintuMahadev, #ProtectRahulGandhi, #JusticeForRahul जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

एक वायरल थ्रेड ने वीडियो को फ्रेम दर फ्रेम तोड़ते हुए इसे “संविधान पर सीधा हमला” बताया।

यह सिर्फ एक पार्टी का गुस्सा नहीं – यह पूरे लोकतंत्र की पुकार है।

क्या यह सिर्फ एक धमकी है या लोकतंत्र की चेतावनी?

राहुल गांधी का राजनीतिक सफर अब भाजपा के लिए एक चुनौती बन चुका है। 2024 में विपक्ष के नेता बनने के बाद उन्होंने रोज़गार, किसानों, और अडानी घोटालों पर सरकार की पोल खोली है।

अब 2026 के विधानसभा चुनाव करीब हैं और बीजेपी की केरल में पकड़ कमजोर हो रही है, ऐसे में यह धमकी क्या घबराहट का संकेत है?

अगर प्रिंटू महादेव को कोई सज़ा नहीं मिलती, तो यह भीड़तंत्र और राजनीतिक हिंसा को वैधता देगा। इस तरह की मानसिक रोगियों को जीने का कोई हक़ नहीं है।

जैसे वेणुगोपाल ने कहा – यह देश के हर नागरिक की संवैधानिक सुरक्षा पर हमला है।

अब आपकी बारी: लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाएं। खामोशी अब विकल्प नहीं है।

@KeralaPolice को टैग करें और IPC की धाराओं 506 (आपराधिक धमकी) और 153A (घृणा फैलाना) के तहत कार्रवाई की मांग करें।

@AmitShah से कांग्रेस की चिट्ठी पर त्वरित कार्यवाही करने को कहें।

हैशटैग शेयर करें: #JusticeForRahul, #SaveDemocracy, #StopPoliticalViolence

राहुल गांधी जिस प्रकार हर हमले के बाद संघर्ष की मिसाल बनकर खड़े हुए हैं, वही आज भारत की जनता को भी दिखाना होगा।

महात्मा गांधी ने कहा था: “अहिंसा मानवता के पास सबसे बड़ी ताकत है।”

लेकिन जब हिंसा लोकतंत्र के दरवाज़े पर दस्तक दे, तो हमें एकजुट होकर जवाब देना चाहिए। राहुल गांधी सिर्फ एक नेता नहीं – वे आम जनता की आवाज हैं। उन्हें चुप कराने का मतलब है, आपकी आवाज को दबाना।

आपकी राय क्या है? क्या यह लोकतंत्र की मौत की घंटी है या एक चेतावनी?

रिपोर्ट: ITN Desk.

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