राज्यसभा सांसद और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी की एक पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट एक बार फिर चर्चा में है। इस पोस्ट में उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि ट्रेन में एक RPF कॉन्स्टेबल धर्म पूछकर गोली मारता है, लेकिन मीडिया इसे आतंकी घटना कहने से बचती है। उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि नफरत फैलाने में सिर्फ एक पक्ष नहीं, बल्कि सरकार और मीडिया दोनों जिम्मेदार हैं।
इमरान प्रतापगढ़ी की यह बात एक बार फिर लोगों के दिल को छू रही है। उनकी पोस्ट के साथ-साथ उनकी शायरी भी तेजी से शेयर की जा रही है। लोग कह रहे हैं कि आज के समय में ऐसी आवाजें बहुत जरूरी हैं, जो बिना डर के सच बोल सकें।
अगर इसे कहानी की तरह समझें तो इमरान प्रतापगढ़ी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक संवेदनशील शायर भी हैं। वह कांग्रेस पार्टी में माइनॉरिटी चेयरमैन हैं और राज्यसभा सांसद के तौर पर लगातार अल्पसंख्यक मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं। उनकी बातें सीधे दिल तक पहुंचती हैं, क्योंकि उनमें सियासत कम और इंसानियत ज्यादा नजर आती है।
उनकी मशहूर शायरी की ये पंक्तियां भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं –
“उनका जो फर्ज है वो अहल-ए-सियासत जानें,
मेरा पैगाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे।”
आज के दौर में, जहां राजनीति में नफरत और तीखी भाषा आम होती जा रही है, इमरान प्रतापगढ़ी मोहब्बत, अमन और इंसाफ की बात करते हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं और उनकी पोस्ट को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुस्लिम सांसदों में इमरान प्रतापगढ़ी को एक युवा और ऊर्जावान नेता माना जाता है। वह बिना झिझक अपनी बात रखते हैं और समाज में भाईचारे की अपील करते हैं। उनकी यह वायरल पोस्ट हमें याद दिलाती है कि नफरत से नहीं, बल्कि आपसी समझ और प्यार से ही समाज आगे बढ़ सकता है।
आज यह खबर इसलिए भी वायरल हो रही है, क्योंकि लोग नफरत भरे माहौल से थक चुके हैं और ऐसी आवाजों को सुनना चाहते हैं, जो मोहब्बत और इंसानियत की बात करें। इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नेताओं से लोगों को उम्मीद है कि वे आगे भी सच और अमन की आवाज बुलंद करते रहेंगे।
Report : ITN Desk.
