भाजपा और चाणक्य परिषद ने किए कार्यक्रम
गुरुवार, 25 दिसंबर 2025 का दिन औरंगाबाद जिले के लिए खास रहा। इस दिन जिले में अलग-अलग स्थानों पर दो महान विभूतियों—भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी और भारत रत्न, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी—की जयंती बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। दोनों कार्यक्रमों में लोगों ने इन महापुरुषों के जीवन, विचारों और देश के लिए किए गए जनकल्याणकारी कार्यों को याद किया और उनसे प्रेरणा लेने की बात कही।
पहला जयंती समारोह जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित बिजौली के एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की संयुक्त टीम की ओर से रखा गया था। यहां बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, नेता और समर्थक मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी जी के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान और महामना मदन मोहन मालवीय जी द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक कार्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। विशेष रूप से काशी हिंदू विश्वविद्यालय और उससे जुड़े बीएचयू अस्पताल की स्थापना को लेकर महामना जी के योगदान को याद किया गया, जिसने देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह चंद्रवंशी ने की। मौके पर औरंगाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा विधायक बने त्रिविक्रम नारायण सिंह भी मौजूद रहे। उनके साथ उनके पिता गोपाल नारायण सिंह, जो बिहार प्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद और नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी रह चुके हैं, उन्होंने भी कार्यक्रम में शिरकत की। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह, भाजपा के किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष एवं नगर परिषद क्षेत्र संख्या – 08, के पूर्व वार्ड पार्षद रह चुके धर्मेंद्र शर्मा तथा जदयू के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, लोजपा (रामविलास) के जिलाध्यक्ष चंद्र भूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह, हम पार्टी (सेक्युलर) के जिलाध्यक्ष रणधीर कुमार सिंह, भाजपा समर्थक अनिल कुमार गुप्ता उर्फ अनिल ओड़िया, भाजपा नेता व किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा, तथा राजद के पूर्व सदर विधायक और पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके, वर्तमान में भाजपा नेता सुरेश मेहता सहित कई प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे। हालांकि इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री और औरंगाबाद के पूर्व विधायक रामाधार सिंह की अनुपस्थिति लोगों के बीच चर्चा का विषय रही।

वहीं दूसरी ओर, जिला मुख्यालय स्थित ब्लॉक मोड़ के पास सम्राट अशोक भवन में चाणक्य परिषद, औरंगाबाद की ओर से भी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व चाणक्य परिषद के अध्यक्ष और औरंगाबाद के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामानुज पाण्डेय ने किया। हर साल की तरह इस वर्ष भी कार्यक्रम में जिले भर से गणमान्य लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में गिरिडीह (झारखंड) के पूर्व सांसद और औरंगाबाद जिले के निवासी रबिंद्र पाण्डेय उपस्थित रहे।
इस समारोह में रेड क्रॉस सोसायटी, औरंगाबाद के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता सतीश कुमार सिंह और नगर परिषद, औरंगाबाद के अध्यक्ष उदय प्रसाद गुप्ता की भी मौजूदगी रही। वक्ताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरल भाषा, मजबूत नेतृत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को याद किया, वहीं महामना मदन मोहन मालवीय जी के शिक्षा, राष्ट्रवाद और सामाजिक उत्थान के विचारों पर भी प्रकाश डाला।
दोनों कार्यक्रमों में महिला सहभागिता भी उल्लेखनीय रही। भाजपा नेत्री कमला देवी, जुलैखा खातून, सुमन अग्रवाल सहित कई महिला समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं और उन्होंने भी महापुरुषों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही।
गौरतलब है कि 25 दिसंबर का दिन ईसाई समुदाय के लिए क्रिसमस डे के रूप में भी मनाया जाता है। साथ ही वर्ष 2014 से केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद इस दिन को सुशासन दिवस और तुलसी जयंती के रूप में भी मनाने की परंपरा शुरू हुई है। इस तरह 25 दिसंबर का दिन विभिन्न आस्थाओं, विचारों और राष्ट्रीय स्मृतियों को एक साथ जोड़ने वाला दिन बन गया है।
कुल मिलाकर, औरंगाबाद में आयोजित ये दोनों जयंती समारोह न सिर्फ श्रद्धांजलि कार्यक्रम रहे, बल्कि नई पीढ़ी को देश के महान नेताओं के विचारों और आदर्शों से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास भी साबित हुए।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.
