औरंगाबाद (बिहार) – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में औरंगाबाद जिले में इंडिया गठबंधन को करारा झटका लगा है। जिले की कुल 6 विधानसभा सीटों में से गठबंधन को केवल गोह विधानसभा सीट (219) पर ही जीत मिली, जबकि शेष 5 सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों ने बाजी मारी। इस नतीजे को लेकर जिले भर में चर्चा तेज है।
गोह से अकेली जीत
गोह सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी अमरेंद्र कुमार उर्फ अमरेंद्र कुशवाहा, जो चुनाव से पहले जिला राजद अध्यक्ष थे, ने जीत दर्ज की। वह पहली बार इसी सीट से उम्मीदवार बने थे। माना जा रहा है कि उनकी जीत में औरंगाबाद लोकसभा सांसद अभय कुमार कुशवाहा की सक्रिय भूमिका रही।
अमरेंद्र कुशवाहा ने भाजपा–समर्थित प्रत्याशी डॉ. रणविजय शर्मा को 4,041 मतों से हराया।
नबीनगर: बेहद करीबी मुकाबले में हार
नबीनगर सीट (221) से राजद के प्रत्याशी अमोद कुमार चंद्रवंशी को 80,268 वोट मिले, लेकिन वे महज 112 वोटों से जदयू उम्मीदवार चेतन आनंद से हार गए, जिन्हें 80,380 वोट मिले।
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यदि इस सीट से पुराने स्थानीय नेता जैसे विजय कुमार सिंह (डब्लू सिंह) या भीम यादव को टिकट दिया गया होता तो परिणाम अलग हो सकता था। साथ ही, टिकट न मिलने से नाराज होकर डब्लू सिंह के समर्थकों ने भी कथित तौर पर विरोधी उम्मीदवार का साथ दिया।
कुटुंबा (SC): कांग्रेस की तीसरी बार हार
कुटुंबा सीट (222, अनुसूचित जाति) से कांग्रेस के लगातार तीसरी बार प्रत्याशी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम को एनडीए के ललन राम उर्फ ललन भुइयां से 21,525 मतों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
स्थानीय नाराजगी का मुख्य कारण यह बताया गया कि विधायक रहते हुए लंबे समय तक कई इलाकों में उनकी मौजूदगी नहीं रही। जनता ने बदलाव के इरादे से ललन राम को मौका दिया।
ओबरा: सक्रिय जनसेवा भारी पड़ी
ओबरा सीट (220) से राजद प्रत्याशी ऋषि कुमार को लोजपा (रामविलास) के समाजसेवी डॉ. प्रकाश चंद्रा से हार मिली। कोरोना काल सहित लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय सेवा कार्य करने के कारण डॉ. प्रकाश चंद्रा को जनता का भरपूर समर्थन मिला।
उन्होंने 12,013 वोटों से जीत दर्ज की।
सदर औरंगाबाद: पुराने समीकरण बदले
सदर सीट (223) से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर सिंह को भाजपा के त्रिविक्रम नारायण सिंह ने 6,794 वोटों से हराया।
भाजपा प्रत्याशी को 87,200 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 80,406 वोट ही मिल सके।
माना जा रहा है कि स्थानीय राजनीतिक खींचतान और पुराने समीकरण बदलने से कांग्रेस को नुकसान हुआ।
रफीगंज: राजद फिर हारी
रफीगंज सीट (224) से राजद के प्रत्याशी प्रो. डॉ. गुलाम शाहिद को जदयू के समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह से हार मिली।
प्रमोद कुमार सिंह ने लंबे समय तक क्षेत्र में रहकर निजी साधनों से जनसेवा और विकास कार्य किए, जिसका लाभ उन्हें मिला। उन्होंने 11,956 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
सांसद अभय कुशवाहा पर लगे आरोप
इंडिया गठबंधन समर्थकों का आरोप है कि लोकसभा सांसद अभय कुमार कुशवाहा ने केवल गोह सीट पर ही सक्रिय सहयोग किया, जबकि बाकी 5 सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए उन्होंने खास प्रयास नहीं किया।
कुछ लोगों का कहना है कि वे जदयू के प्रति नरमी दिखाते रहे, क्योंकि वे खुद पहले जदयू से विधायक रह चुके हैं। इसके चलते गठबंधन की सामूहिक रणनीति कमजोर पड़ी।
2020 से तुलना
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद की सभी 6 सीटें इंडिया गठबंधन ने जीती थीं, लेकिन 2025 में हालात पूरी तरह बदल गए। इस बार केवल गोह सीट पर ही गठबंधन जीत सका, बाकी सभी सीटें एनडीए की झोली में चली गईं।
ब्यूरो चीफ: अजय कुमार पाण्डेय
