कोहरे के बीच जेसीबी से खुदाई: औरंगाबाद के महावीर नगर पथ पर बढ़ा खतरा

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औरंगाबाद जिला मुख्यालय के कर्मा रोड से निकलकर महावीर नगर, वार्ड नंबर-02 होते हुए रामनगर बिगहा, पासवान चौक और श्री सीमेंट फैक्ट्री की ओर जाने वाला मुख्य पथ एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 की संध्या करीब 4 बजे प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में इस मुख्य सड़क पर जेसीबी मशीन के जरिए खुदाई कराई गई। इस दौरान महावीर नगर के स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद थे, वहीं रामनगर बिगहा के लोग भी स्थिति को देखने और अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए वहां पहुंचे।

इस मार्ग पर पहले भी कुछ माह पूर्व नाला निर्माण के नाम पर खुदाई की गई थी। उस समय स्थानीय मोहल्लेवासियों और रामनगर बिगहा के निवासियों ने इसका कड़ा विरोध किया था। लोगों का कहना था कि जिस तरह से नाला बनाया जा रहा है, वह नियमों के अनुरूप नहीं है और इससे आवागमन में भारी परेशानी होगी। इसी मुद्दे को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के कार्यकाल में बड़ी संख्या में लोग समाहरणालय के मुख्य द्वार तक पहुंच गए थे और धरना-प्रदर्शन किया था। विरोध इतना तीव्र था कि जिला प्रशासन को नाला निर्माण का कार्य रोकना पड़ा।

इसके बाद छठ पूजा के दौरान रामनगर बिगहा के निवासियों ने आपसी सहयोग से चंदा इकट्ठा किया और पहले से खुदाई किए गए रास्ते को भरवाया। सड़क को दुरुस्त किए जाने के बाद इस मार्ग पर फिर से सामान्य रूप से आवाजाही शुरू हो गई थी। लोगों को उम्मीद थी कि अब इस सड़क को लेकर कोई विवाद या समस्या नहीं होगी, लेकिन गुरुवार की शाम एक बार फिर उसी मुख्य पथ पर जेसीबी मशीन लगाकर गड्ढा खोद दिया गया।

सबसे चिंताजनक बात यह रही कि जिस दिन यह खुदाई कराई गई, उसी दिन सुबह से इलाके में घना कोहरा छाया हुआ था। दृश्यता काफी कम थी और सड़क पर चलना पहले से ही जोखिम भरा हो गया था। ऐसे हालात में मुख्य सड़क पर गहरे गड्ढे खोदना स्थानीय लोगों के लिए खतरे की घंटी बन गया है। लोगों का कहना है कि यदि कोहरे के कारण किसी राहगीर या वाहन चालक से थोड़ी भी चूक हो जाए, तो उसके गड्ढे में गिरने की पूरी आशंका है, जिससे बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है।

कर्मा रोड से पश्चिम दिशा की ओर महावीर नगर में प्रवेश करते हुए मिसिर बिगहा, पासवान चौक और श्री सीमेंट फैक्ट्री होते हुए औरंगाबाद-दाउदनगर-पटना मुख्य पथ से जुड़ने वाला यह मार्ग रोजाना सैकड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में प्रशासन की मौजूदगी में खुदाई होने के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होना लोगों को हैरान कर रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सड़क पर काम कराना ही था, तो पहले लोगों को जानकारी दी जाती और सुरक्षा के उपाय किए जाते।

फिलहाल इस खुदाई को लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोग यही सवाल पूछ रहे हैं कि पहले विरोध के बाद रोके गए काम को बिना किसी स्पष्ट जानकारी के दोबारा क्यों शुरू किया गया। साथ ही, कोहरे के मौसम में इस तरह की खुदाई कितनी उचित है, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस स्थिति को लेकर आगे क्या कदम उठाता है और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर क्या व्यवस्था करता है।

रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.

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