ब्राह्मण समाज व बुद्धिजीवी वर्ग योग नेतृत्व की उपेक्षा को गंभीरता से लें: डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज.

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गयाजी (बिहार ): ब्राह्मण समाज एवं बुद्धिजीवी वर्ग में इन दिनों गहन चिंता और निराशा व्याप्त है। बिहार के चतुर्मुखी विकास के प्रति समर्पित चिंतन रखने वाले डॉ ज्ञानेश मिश्र ने ब्राह्मण समाज एवं बुद्धिजीवी वर्ग के विद्वानों ने भाजपा के प्रति निष्ठावान, कर्मठ, ईमानदार और जन-जन से जुड़े योग्य प्रशासक एवं जननेता नीतीश मिश्र को मंत्रिमंडल में स्थान न दिए जाने पर भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने तीव्र आश्चर्य व्यक्त किया है।

इस संबंध में बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि किसी भी राज्य का विकास केवल राजनीतिक समीकरणों से नहीं होता, बल्कि उन पुरुषों से होता है जिनमें नीति, धर्म, विवेक और लोककल्याण का संयुक्त तेज हो। ऐसे समय में तेजस्वी नेतृत्व की उपेक्षा करना विकास की धारा को स्वयं अवरुद्ध करने जैसा है।

इसके पश्चात जाने माने अपने ज्ञान के सादगी और आयुर्वेदिक दक्षता के कारण सम्मान पाने वाले प्रसिद्ध समाजसेवी आचार्य सच्चिदानंद मिश्र ने गंभीर स्वर में कहा कि जब योग्य पुरुष को उसका यथोचित स्थान नहीं दिया जाता, तब उसका प्रभाव व्यक्ति से आगे बढ़कर संपूर्ण समाज पर पड़ता है। शासन तभी धर्मपूर्ण होता है जब योग्यता एवं सत्यनिष्ठा को सर्वोच्च सम्मान मिले।

इसी क्रम में सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधामोहन मिश्र माधव ने कहा कि ब्राह्मण का धर्म केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि लोककल्याण है। जब लोकहित में निष्ठापूर्वक कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मान नहीं मिलता, तब यह केवल एक व्यक्ति की उपेक्षा नहीं होती बल्कि संस्कृति और समाज दोनों की आंतरिक शक्ति को क्षीण करती है।

विद्वानों का मानना है कि नीतीश मिश्र की उपेक्षा केवल राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि उन मूल्यों की अनदेखी है जिन पर बिहार की प्रगति, युवाओं की दिशा और समाज की प्रज्ञा आधारित है। इसलिए ब्राह्मण समाज एवं प्रबुद्ध वर्ग ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि योग्य नेतृत्व को उचित स्थान देकर बिहार की गरिमा और विकास-धारा को सुदृढ़ किया जाए।

डॉ बी.एन. पांडे, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ दिनेश सिंह, हरि नारायण त्रिपाठी, अशोक दूबे, अरुण ओझा, डॉक्टर मंटू मिश्रा, अमरनाथ पांडे, अधिवक्ता विजय कुमार पांडे, सत्येंद्र कुमार दूबे विनोद तिवारी मुखिया, राजीव नयन पांडे, पंडित बालमुकुंद मिश्र, आचार्य अरुण कुमार मिश्र, आचार्य अरुण पाठक, रंजीत पाठक, पवन मिश्र, ज्ञानेंद्र पांडे डॉ,डॉक्टर अजय मिश्रा, विश्वजीत चक्रवर्ती, ऋषिकेश शंभू गुर्दा, प्रो. रीना सिंह, रानी मिश्रा,आचार्य अभय पाठक, जितेंद्र मिश्र,आचार्य मणिकांत मिश्रा, प्रो. संगीता लक्ष्मी, डिंपल कुमारी, मनीष कुमार, हरिद्वार मिश्र, अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार मिश्र, डॉ राजेंद्र मिश्र, शैलेंद्र मिश्र, अधिवक्ता सुदर्शन पाठक, अधिवक्ता दीपक पाठक देवेंद्र नाथ मिश्रा, ज्योति मिश्रा, नीलम पासवान फूल कुमारी यादव पाठक, अधिवक्ता पुष्पा गुप्ता, सुरेंद्र उपाध्याय अधिवक्ता उत्तम पाठक, तरन्नुम तारा,तस्लीम नाज,नुसरत प्रवीन, चंद्रभूषण मिश्रा, आईशा परवीन, इशरत जमाल शोभा देवी इत्यादि उल्लेखनीय है

रिपोर्ट : विश्वनाथ आनंद.

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