जागरूक मतदाता, विकसित बिहार : जीबीएम कॉलेज में छात्राओं ने सीखी लोकतंत्र की असली पाठशाला

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गया (बिहार): गौतम बुद्ध महिला महाविद्यालय, गया में राजनीति विज्ञान विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में “जागरूक मतदाता, विकसित बिहार” अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. सीमा पटेल के निर्देशन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्राओं को चुनाव प्रक्रिया की गहराई से जानकारी देना और उन्हें सक्रिय नागरिक के रूप में तैयार करना था।

राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शगुफ्ता अंसारी एवं एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने कार्यक्रम का संयोजन किया। डॉ. रश्मि ने बताया कि प्रधानाचार्या के मार्गदर्शन में छात्राओं को “अनुभवात्मक अधिगम (Learning by Doing)” की पद्धति से जोड़ा गया है ताकि वे चुनावी प्रक्रियाओं के प्रत्येक चरण को व्यवहारिक रूप से समझ सकें।

दिनांक 1 नवंबर को मतदान की अधिसूचना जारी की गई। इसके बाद छात्राओं को विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के आधार पर अलग-अलग पार्टियों में विभाजित किया गया। 3 नवंबर को सभी दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। 4 नवंबर को नामांकन प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें जन जागृति पार्टी से जानवी कुमारी, बिहार एकता पार्टी से करिश्मा कुमारी, लोक कल्याण पार्टी से समरीन परवीन तथा स्वतंत्र भारत पार्टी से शैली पाठक ने प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।

चुनावी प्रचार के दौरान कॉलेज के विभिन्न विभागों की छात्राओं एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। चारों पार्टियों की अध्यक्ष — डॉ. अनामिका कुमारी, डॉ. नगमा शादाब, डॉ. वीणा कुमारी जायसवाल और डॉ. अफ्शां नाहिद ने अपने-अपने उम्मीदवारों का परिचय प्रस्तुत किया।

इलेक्शन कमिश्नर की भूमिका में डॉ. सीमा पटेल एवं रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में डॉ. गणेश प्रसाद ने जिम्मेदारी निभाई। सभी पार्टियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। 7 नवंबर को नामांकन वापसी की प्रक्रिया होगी, जबकि 10 नवंबर तक प्रचार अभियान चलेगा। 12 नवंबर को कॉलेज परिसर में गुप्त मतदान प्रणाली का अनुकरण करते हुए मतदान होगा तथा 13 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस दौरान छात्राओं को ईवीएम मशीन के कार्य करने की प्रक्रिया का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

डॉ. सीमा पटेल ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया देखने में सरल लगती है, किंतु इसकी बारीकियां अत्यंत जटिल होती हैं। ऐसे आयोजन छात्राओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गहराई से समझने में मदद करते हैं। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे मतदान के महत्व को समझें और भविष्य में जिम्मेदार नागरिक बनें।

“लर्निंग बाई डूइंग” शिक्षण प्रणाली के अंतर्गत छात्राओं को चुनाव क्षेत्रों के परिसीमन, मतदाता सूची तैयार करने, राजनीतिक दलों के गठन, चुनाव चिह्न आवंटन, रिटर्निंग एवं पीठासीन अधिकारियों की भूमिका, चुनाव अधिसूचना, नामांकन, प्रचार, आदर्श आचार संहिता, खर्चे की जांच, ईवीएम की प्रक्रिया तथा भारतीय चुनाव प्रणाली के विभिन्न दोषों की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर प्रो. सहदेब बाउरी, प्रो. अफ्शां सुरैया, डॉ. जया चौधरी, डॉ. पूजा, डॉ. अमृता कुमारी घोष, डॉ. पूजा राय, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. कृति सिंह आनंद, डॉ. रुखसाना परवीन, डॉ. फरहीन वज़ीरी, डॉ. सुरबाला कृष्णा, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. विजेता लाल, डॉ. फातिमा, डॉ. नुद्रतुन निसां, डॉ. शबाना परवीन हुसैन, डॉ. सीता, डॉ. प्रमिला कुमारी, डॉ. दीपिका, डॉ. आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ. गणेश प्रसाद, डॉ. रानी कुमारी, डॉ. अमृता कुमारी, डॉ. वीणा कुमारी, डॉ. किरण कुमारी, अभिषेक कुमार, नीरज कुमार, रौशन कुमार आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शगुफ्ता अंसारी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने प्रस्तुत किया।

रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद.

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