कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र संख्या 222 के पूर्व जनता दल यूनाइटेड (जदयू) विधायक ललन राम उर्फ ललन भुइयां ने शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को एन.डी.ए. (NDA) प्रत्याशी के रूप में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) पार्टी के सिंबल पर औरंगाबाद में नामांकन दाखिल किया।
नामांकन के बाद जब वे समाहरणालय परिसर में पत्रकारों से मिले, तो मौके पर उपस्थित संवाददाताओं की टीम ने उनसे एक गंभीर सवाल पूछा। उनसे पूछा गया कि श्रवण भुइयां, जो कि 2020 के विधानसभा चुनाव में हम (Hindustani Awam Morcha – Secular) पार्टी से कुटुंबा सीट से प्रत्याशी थे, उन्होंने आप पर आरोप लगाया है कि आपने इस बार डेढ़ करोड़ रुपये में टिकट खरीदा है और इसी कारण आप चुनाव लड़ रहे हैं।
इस सवाल के जवाब में पूर्व विधायक ललन राम ने चुप्पी साध ली और बिना कोई प्रतिक्रिया दिए अपने चारपहिया वाहन में बैठकर मौके से रवाना हो गए।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में ललन राम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इसी सीट से चुनाव लड़ा था, जबकि उसी समय से हम पार्टी ने श्रवण भुइयां को प्रत्याशी बनाया था। ललन राम के निर्दलीय उतरने से क्षेत्र में वोटों का बंटवारा हुआ और इसका सीधा नुकसान श्रवण भुइयां को उठाना पड़ा।
2020 के चुनाव के दौरान भी जब संवाददाता ने ललन राम से पूछा था कि वे हम पार्टी के उम्मीदवार के विरुद्ध निर्दलीय क्यों उतर रहे हैं, जबकि जदयू उसी गठबंधन का हिस्सा है, तो ललन राम ने कहा था कि, “हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी मुझे नीचा दिखाना चाहते हैं, इसी कारण मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।”
जब उनसे पूछा गया कि चुनाव जीतने की स्थिति में वे किस पार्टी के साथ जाएंगे, तो उन्होंने स्पष्ट कहा था: “मेरे लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भगवान समान हैं, मैं उन्हीं के साथ रहूंगा।”
अब 2025 में स्थिति पलट गई है — ललन राम हम पार्टी के टिकट पर ही एनडीए प्रत्याशी बनकर फिर मैदान में हैं, और श्रवण भुइयां सवाल उठा रहे हैं। लेकिन इस बार वे सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए।
रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.