भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के राजभाषा विभाग की हिंदी सलाहकार समिति में उत्तर प्रदेश वसुंधरा, गाज़ियाबाद के श्री मुकुल गर्ग को सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है। यह मनोनयन गृह मंत्रालय की स्वीकृति के उपरांत किया गया, जिसमें तीन विद्वानों को गैर-सरकारी सदस्य के रूप में चयनित किया गया है। इनमें हिमाचल प्रदेश और त्रिशूल के दो अन्य विद्वानों के साथ मुकुल गर्ग का नाम शामिल है।
मुकुल गर्ग लंबे समय से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार, संवर्धन तथा प्रशासनिक कार्यों में इसके व्यावहारिक उपयोग को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। वे हिंदी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रयासों से जुड़े रहे हैं।
अपने मनोनयन पर गृह मंत्री श्री अमित शाह और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुकुल गर्ग ने कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी के उपयोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब विश्व के मंचों पर हिंदी में भारत की आवाज़ गूंजती है, तो प्रत्येक भारतीय का मस्तक गर्व से ऊँचा हो जाता है।
मुकुल गर्ग ने आगे बताया कि अब हिंदी केवल साहित्य या संवाद की भाषा नहीं रही, बल्कि यह तकनीकी, विज्ञान और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी एक सशक्त माध्यम बन रही है। नई पीढ़ी के लिए यह भाषा और विज्ञान के समन्वय की दिशा में एक बड़ा कदम है।
