पहली बार जम्होर में पितृपक्ष महोत्सव: पुनपुन घाट बना मोक्ष का नया केंद्र

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औरंगाबाद: ( बिहार ) बुधवार दिनांक – 20 अगस्त 2025 को जम्होर स्थित चंद्रिका स्मृति भवन में पितृ पक्ष मेले के समय, पितृपक्ष महोत्सव मनाने के उद्देश्य से एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस बार हम लोग सांकेतिक तौर पर पहली बार पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन के समीप जम्होर में पितृ पक्ष महोत्सव मनाएंगे. जो दो दिवसीय कार्यक्रम होगा. प्रथम दिन 05 सितंबर 2025 को हम लोग पारंपरिक तरीके से महोत्सव की शुरुआत करेंगे, और दूसरे दिन 06 सितंबर 2025 को बाहर से आए हुए सभी पिंडदान करने वाले श्रद्धालु भक्तों को हम लोग सम्मान करेंगे. जिसमें हम लोग सभी श्रद्धालु भक्तों को यहां की प्रसिद्ध विष्णु धाम मंदिर का एक – एक फोटो वितरण करेंगे, तथा एक – एक गुलाब का फूल एवं सील बंद एक – एक पानी का बोतल देकर भी सम्मानित करेंगे.

इसके बाद अगले वर्ष से हम लोग इस पवित्र स्थल पर भव्य रूप देंगे, और विधिवत तरीके से पितृ पक्ष महोत्सव मनाएंगे. इसके बाद बातचीत के क्रम में ही सर्वसम्मति से बैठक में निर्णय लिया गया, कि पितृ पक्ष मेले के दौरान पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन के समीप पुनपुन नदी में जो पिंड दानियों द्वारा पिंडदान किया जाता है. वह पिंडदान करने / कराने की व्यवस्था हम लोग पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन के समीप ही काफी पुरानी एवं काफी लंबा चौड़ा क्षेत्र 2:5 एकड़ भूमि में बनी हुई धर्मशाला के पास ही कराएंगे. जिससे किसी पिंड दानियों को भी कोई कष्ट नहीं होगी, और यह जगह भी काफी उत्तम है. ध्यातव्य हो कि इस चर्चित पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन के समीप जो बेहतरीन धर्मशाला का निर्माण कराया गया था. इसका निर्माणकर्ता कलकत्ता निवासी सूरजमल सेठ ( मारवाड़ी समाज के ) थे. जिसमें भोजशाला वगैरह की भी स्थानीय लोगों के मुताबिक काफी अच्छी व्यवस्था थी. जो अभी जीर्ण – शीर्ण अवस्था में मौजूद है.

इसके अलावे अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह एवं अन्य स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां पर सन् 1948 से ही सरकार एवं जिला – प्रशासन द्वारा पितृ पक्ष में लेकर दौरान दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्ति किए जाते थे. स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन होता था. जिसमें स्वच्छता के अलावे विशेष टीकाकरण की भी व्यवस्था होती थी. यात्रियों के मनोरंजन हेतु अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन ( उस वक्त के अंग्रेजी नाम पाल्मर गंज स्टेशन) पर चलचित्र, नौटंकी, सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभी आयोजन होता था. जिसमें स्थानीय लोगों को भी लाभ होता था. लेकिन अब व्यवस्था नगण्य हो गई है. इस उद्देश्य से ही व्यापक प्रचार – प्रसार करने हेतु इस महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया गया है.

ध्यातव्य हो कि यह पवित्र स्थल पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन ( मुगलसराय ) मंडल अंतर्गत एवं गयाजी जंक्शन के बीच में एक ऐसा पवित्र स्थल है. जिसका नाम है. पुनपुन घाट रेलवे स्टेशन. जो अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन के बिल्कुल ही करीब है. औरंगाबाद जिला का यह मुख्य रेलवे स्टेशन अनुग्रह नारायण रोड से महज एक किलोमीटर की दूरी पर ही पश्चिम दिशा में स्थित है. इस चर्चित पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन की मुख्य विशेषता है, कि इस स्टेशन पर साल में सिर्फ़ 15 दिनों के लिए ही पैसेंजर / एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव रेलवे विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाता है. यह इसलिए किया जाता है, कि जब आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा ( प्रथम तिथि ) तिथि से प्रारंभ होकर अमावस्या तिथि तक 15 दिनों के लिए जो गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला का आयोजन होता है. उसमें पिंडदान करने वाले सभी श्रद्धालु भक्त गयाजी पहुंचकर अपने – अपने पितरों को याद करते हुए मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं. लेकिन पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन ही एक ऐसा चर्चित रेलवे स्टेशन है. जहां पितृ पक्ष मेले के दौरान सर्वप्रथम इसी पुनपुन नदी में प्रथम पिंड दान करने का प्रावधान है. जहां प्रभु श्री राम माता सीता, लक्ष्मण जी ने भी महाराज दशरथ जी तथा अपने पूर्वजों को याद करते हुए पिंडदान किया था. इसके बाद सीता थापा स्थल के लिए प्रस्थान कर गए थे. इसीलिए इस पवित्र स्थल का विष्णु धाम मंदिर तथा गयाजी में स्थित विष्णु पद धाम का भी मंदिर प्रसिद्ध है.

ध्यातव्य हो कि धर्म शास्त्रों के मुताबिक भी इस पुनपुन नदी के संबंध में कहा गया है, कि आदि गंगे पुणे – पुणे. मतलब स्पष्ट है कि पितृ पक्ष मेले के दौरान कोई भी पिंडदान करने वाले श्रद्धालु भक्त जब – तक इस पवित्र पुनपुन नदी में अपने पूर्वजों को याद करते हुए प्रथम पिंडदान नहीं करेंगे. तब – तक उनके पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति नहीं होगी. इसीलिए इस पवित्र स्थल पर प्रथम पिंडदान करना अति आवश्यक है. गौरतलब हो कि पुनपुन घाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर पूर्व में टिकट काउंटर भी बनाया गया था. जिसके अवशेष आज भी बचे हुए हैं. यदि कमिटी अध्यक्ष, अजीत कुमार सिंह तथा स्थानीय लोगों की बात मानें तो औरंगाबाद जिला अंतर्गत अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन का नाम अंग्रेज के जमाने में एक अंग्रेज व्यक्ति के नाम पर ही रखा गया था. जिसका नाम पाल्मर था.

इसीलिए अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन का नाम भी शुरू में पालमरगंज स्टेशन ही रखा गया था. लेकिन बाद में इस स्टेशन का नाम बदलकर बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ अनुग्रह बाबू के नाम पर किया गया था. जो औरंगाबाद जिला अंतर्गत पोईवॉ गांव के ही निवासी थे.

ध्यातव्य हो कि पुनपुन घाट रेलवे स्टेशन के समीप इस बार पहली बार जो पितृ पक्ष महोत्सव मनाने हेतु बैठक का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता पंचायत समिति सदस्य, अनिल कुमार अग्रवाल ने किया, और मार्गदर्शक के रूप अधिवक्ता सह महोत्सव एक्सपर्ट, सिद्धेश्वर विद्यार्थी भी मौजूद रहे. सदस्य सुरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. इसके अलावे इस बैठक में जितेंद्र कुमार गुप्ता, सुजीत कुमार सिंह, पवन सिंह मुन्ना, पवन कुमार सिंह, रवि कुमार, रवि कुमार सिंह, मधुसूदन त्रिवेदी, आदित्य श्रीवास्तव, रामप्रसाद चौधरी, सोनू सिंह, राहुल कुमार एवं अन्य सदस्य गण भी उपस्थित रहे. मंच का संचालन अजीत कुमार सिंह तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन विनय कुमार सिंह मंटू ने किया.

रिपोर्ट: अजय कुमार पाण्डेय.

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