79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जहानाबाद में काव्य गोष्ठी और सम्मान समारोह का भव्य आयोजन

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गयाजी : मगध प्रक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में, स्वतंत्रता दिवस की 79वीं पूर्व संध्या पर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन कोऑपरेटिव बैंक परिसर, जहानाबाद में स्थित सभागार में किया गया, जहां अप्पू आर्ट ग्रुप के तत्वावधान में एक पाक्षिक काव्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का सफल संचालन हुआ।

इस भव्य कार्यक्रम में स्थानीय एवं क्षेत्रीय स्तर के साहित्यकारों, कवियों और लेखकों ने भाग लिया। मुख्य संयोजक एवं आयोजनकर्ता अजय कुमार विश्वकर्मा, जो अप्पू आर्ट के निदेशक भी हैं, ने बताया कि यह आयोजन विगत कई वर्षों से निरंतर सफलतापूर्वक किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय साहित्यकारों एवं नवोदित कवियों को एक मंच प्रदान करना और उनकी साहित्यिक सेवाओं को सम्मानित करना है।

📜 कार्यक्रम की शुरुआत और उद्देश्य:

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें सभी अतिथियों और दर्शकों ने भाग लिया। इसके पश्चात, काव्य पाठ का सत्र आरंभ हुआ, जिसमें देशभक्ति, सामाजिक चेतना, और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित रचनाओं का पाठ किया गया। कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों पर भी सार्थक संदेश दिए।

इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य साहित्य के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाना, साहित्यकारों को सम्मान देना और नवोदित प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना रहा।

🏅 सम्मान समारोह की झलकियाँ:

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें चयनित कवियों और लेखकों को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में दिए गए योगदान को मान्यता देने हेतु प्रदान किया गया।

अजय विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “अप्पू आर्ट हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन करता है, ताकि साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिल सके। यह मंच युवा और वरिष्ठ दोनों वर्गों के लिए है। साहित्य हमारी आत्मा की आवाज़ है और इसका संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है।”

👥 प्रतिभागियों और आम जनता की उपस्थिति:

कार्यक्रम में जहानाबाद सहित गया, पटना और आसपास के जिलों से आए साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया। लगभग 150 से अधिक लोगों की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया। युवा प्रतिभाओं से लेकर वरिष्ठ साहित्यकारों तक, सभी ने अपने विचार और रचनाएं साझा कीं।

गोष्ठी में मौजूद कुछ प्रमुख कवि और लेखक थे:
डॉ. सुधांशु प्रियदर्शी (वरिष्ठ कवि)
रेखा श्रीवास्तव (सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखिका)
राहुल अमन (नवोदित कवि)
नीलम चौधरी (कवयित्री और शिक्षिका)

इन सभी ने अपने भावपूर्ण और विचारोत्तेजक काव्य प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

📸 मीडिया कवरेज और जन सराहना:

इस कार्यक्रम को स्थानीय मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी व्यापक कवरेज मिला। पत्रकार विश्वनाथ आनंद की रिपोर्ट के अनुसार, यह आयोजन जहानाबाद जिले के सांस्कृतिक जीवन में एक प्रेरक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

स्थानीय लोगों और दर्शकों ने भी आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की और आयोजकों से अनुरोध किया कि ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता बनी रहे, जिससे युवा पीढ़ी में साहित्य के प्रति लगाव और रुझान बना रहे।

📅 भविष्य की योजनाएँ:

अजय विश्वकर्मा ने यह भी बताया कि भविष्य में इस कार्यक्रम को राज्य स्तर पर विस्तारित करने की योजना है, जिससे बिहार के अन्य जिलों के साहित्यकारों को भी एक साझा मंच मिल सके। साथ ही, अप्पू आर्ट द्वारा एक डिजिटल पोर्टल और यूट्यूब चैनल भी लॉन्च करने की योजना है, जिस पर कवियों के वीडियो और साहित्यिक सामग्री को प्रस्तुत किया जाएगा।

रिपोर्ट: विश्वनाथ आनंद
विशेष संवाददाता, जहानाबाद (बिहार)

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