23 दिसंबर 2025 की ठंडी दिल्ली की सुबह में सहारनपुर से एक बयान सामने आया, जिसने कांग्रेस के गलियारों में हलचल मचा दी। सहारनपुर के सांसद और कांग्रेस नेता, इमरान मसूद, जो मुस्लिम समुदाय से हैं और आम जनता के बीच गहरी पैठ रखते हैं, ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाने की बात कही। इमरान मसूद का कहना था, “प्रियंका को प्रधानमंत्री बनाओ, देखो वो इंदिरा गांधी की तरह कैसे जवाब देंगी।”
यह बयान उस समय आया जब बीजेपी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। इमरान मसूद ने कहा कि प्रियंका गांधी में वही जज्बा और हिम्मत है, जो इंदिरा गांधी में थी। उनके अनुसार, प्रियंका और राहुल गांधी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जैसे एक चेहरे की दो आंखें।
राहुल गांधी इस समय जर्मनी में थे और संसद में प्रियंका गांधी पार्टी का नेतृत्व संभाल रही थीं। इमरान मसूद ने यह भी कहा, “राहुल और प्रियंका अलग नहीं हैं, दोनों कांग्रेस की ताकत हैं। दोनों इंदिरा गांधी की विरासत की प्रतिनिधि हैं।”
बयान आते ही राजनीतिक हलकों में यह खबर तेजी से फैल गई। बीजेपी नेताओं ने इसका तुरंत जवाब दिया। शहजाद पूनावाला ने कहा, “अब कांग्रेस में राहुल गांधी पर भरोसा नहीं रह गया है। नारा अब ‘राहुल हटाओ, प्रियंका लाओ’ बन गया है।”
इस बीच, रॉबर्ट वाड्रा, जो प्रियंका गांधी के पति हैं, ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मांग है कि प्रियंका आगे आएं और फिलहाल राजनीति में उनका ध्यान प्रियंका पर ही है।
सोशल मीडिया पर यह बयान आग की तरह फैल गया। कुछ लोग कह रहे थे कि प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की झलक है। वे न सिर्फ कांग्रेस की शक्ति हैं, बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को भी जवाब देने की क्षमता रखती हैं। वहीं, राहुल के समर्थक इसे पार्टी में फूट डालने की कोशिश मान रहे थे।
इमरान मसूद, जो आमतौर पर बीजेपी पर तीखे हमले करते रहे हैं, अब कांग्रेस की भविष्य की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। यह साफ़ लगता है कि 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। पारंपरिक रूप से कांग्रेस ने राहुल गांधी को पीएम फेस बनाया था, लेकिन अब आवाजें उठ रही हैं कि प्रियंका गांधी को आगे लाना चाहिए।
राजनीति में खानदान का रोल हमेशा से बड़ा रहा है। गांधी परिवार की विरासत, इंदिरा गांधी की ताकत और गांधी नाम की शक्ति अब प्रियंका गांधी में दिखाई दे रही है। कांग्रेस के लिए यह बड़ा फैसला हो सकता है कि वे प्रियंका को पीएम फेस मानें या यह सिर्फ़ बयानबाजी बनकर रह जाए।
प्रियंका गांधी ने पिछले कुछ सालों में पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने महिलाओं और युवाओं को पार्टी में जोड़ने की कोशिश की है। उनका व्यवहार और जनता से जुड़ाव उन्हें अलग पहचान देते हैं। इमरान मसूद के बयान से पार्टी के अंदर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या उन्हें राहुल गांधी की जगह नेतृत्व देने का विचार किया जाए।
बीजेपी इस बयान का तुरंत फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान न केवल कांग्रेस के अंदर बदलाव की जरूरत को दिखाता है, बल्कि यह विपक्ष को मज़बूत करने का संकेत भी हो सकता है।
प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की मांग केवल इमरान मसूद तक सीमित नहीं है। कई वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रियंका में नेतृत्व की क्षमता है और वे पार्टी को नई ऊर्जा दे सकती हैं। सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में पोस्ट्स और ट्रेंड्स लगातार बढ़ रहे हैं।
इमरान मसूद का यह बयान यह भी दिखाता है कि भारतीय राजनीति में परिवार और विरासत की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। गांधी परिवार की पहचान और उनकी राजनीतिक ताकत आज भी देश की राजनीति में अहम भूमिका निभा रही है।
कुल मिलाकर यह कहानी केवल एक बयान की नहीं, बल्कि कांग्रेस के अंदरूनी राजनीति और भविष्य की रणनीति का हिस्सा है। क्या कांग्रेस इस पर गंभीर होगी या यह केवल बहस तक सीमित रहेगी, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा। फिलहाल, यह बयान राजनीतिक हलकों में और सोशल मीडिया पर चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि भारतीय राजनीति में बदलाव हमेशा संभावित रहता है। पार्टी के अंदरूनी समीकरण, नेता की लोकप्रियता और जनता की उम्मीदें मिलकर ही अगले चुनाव का परिदृश्य तय करती हैं। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा सवाल है: क्या वे प्रियंका गांधी को पीएम फेस मानेंगे या पारंपरिक दृष्टिकोण के साथ राहुल गांधी को बनाए रखेंगे।
प्रियंका गांधी की राजनीति, उनकी सक्रियता, और उनके नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें अब सिर्फ़ गांधी परिवार की वारिस ही नहीं, बल्कि पार्टी की भविष्य की उम्मीद भी बना दिया है। यह कहानी आगे बढ़ेगी, और आने वाले चुनावों में इसकी अहमियत और बढ़ जाएगी।
By ITN Desk.
